Home Year Ender 2025 Year Ender 2025: पटरियों पर दौड़ता विकसित भारत का सपना, भारतीय रेलवे...

Year Ender 2025: पटरियों पर दौड़ता विकसित भारत का सपना, भारतीय रेलवे ने तय किया प्रगति का नया सफर

SHARE

जब हम साल 2025 को विदा कर रहे हैं, तो भारतीय रेलवे के लिए यह साल सिर्फ तारीखों का बदलना भर नहीं रहा, बल्कि एक महा-परिवर्तन का गवाह बना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय रेल आज अपनी पुरानी पहचान को पीछे छोड़कर एक आधुनिक, सुरक्षित और विश्वस्तरीय नेटवर्क के रूप में दुनिया के सामने खड़ी है। प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को पटरी पर उतारते हुए, रेल मंत्रालय ने इस साल बुनियादी ढांचे से लेकर यात्री सुविधाओं तक में जो छलांग लगाई है, वह अभूतपूर्व है।

आइए, 10 प्वाइंट में समझते हैं कि कैसे 2025 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने बदली आपकी यात्रा की तस्वीर:

1. वंदे भारत का विस्तार और ‘स्लीपर’ का आगमन
प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के विजन का सबसे चमकता चेहरा वंदे भारत है। 26 दिसंबर 2025 तक देश में कुल 164 वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं। इस साल 15 नई ट्रेनें शुरू हुईं, लेकिन सबसे बड़ी खबर वंदे भारत स्लीपर की है। जल्द ही शुरू होने वाली यह सेवा लंबी दूरी की यात्रा को तेज और आरामदायक बनाकर हवाई सफर को कड़ी टक्कर देगी।
2. अमृत भारत ट्रेन: आम आदमी का प्रीमियम सफर
सबका साथ, सबका विकास को चरितार्थ करते हुए मोदी सरकार ने उन यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जो किफायती सफर चाहते हैं। पूरी तरह नॉन-एसी वाली अमृत भारत ट्रेनों की संख्या अब 30 हो गई है। बेहतरीन लुक और आधुनिक सुविधाओं वाली इन ट्रेनों ने गरीब और मध्यम वर्ग के रेल सफर को सम्मानजनक और आरामदायक बना दिया है।

3. स्टेशनों का कायाकल्प
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रेलवे स्टेशनों को अब केवल ट्रेन पकड़ने की जगह नहीं, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाया जा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1,337 स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है। 155 स्टेशनों का काम पूरा हो चुका है, जहां यात्रियों को शानदार वेटिंग रूम, फूड कोर्ट, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी एयरपोर्ट वाली सुविधाएं मिल रही हैं।

4. कश्मीर से कन्याकुमारी: मुमकिन हुई नामुमकिन कनेक्टिविटी
मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों को चीरकर रेल कश्मीर तक पहुंच गई है। 272 किमी लंबी USBRL परियोजना का उद्घाटन इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। दुनिया का सबसे ऊंचा ‘चेनाब रेलवे ब्रिज’ और भारत का पहला केबल-स्टे ‘अंजी ब्रिज’ अब भारत की इंजीनियरिंग ताकत की पहचान बन चुके हैं।

5. पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में ऐतिहासिक प्रोजेक्ट्स
प्रधानमंत्री के लुक ईस्ट और एक्ट ईस्ट विजन के तहत मिजोरम की बैराबी-सैरांग लाइन शुरू हुई, जिससे आइजोल पहली बार रेल मैप पर आया। वहीं दक्षिण में, 110 साल पुराने पुल की जगह बना नया पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल है, जो रामेश्वरम की यात्रा को आसान और रोमांचक बनाता है।

 

6. बुलेट ट्रेन: 55 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 30 नवंबर 2025 तक इस परियोजना का 55.63 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 400 किमी से ज्यादा पिलर तैयार हैं और 85 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश हो चुका है। यह प्रोजेक्ट भारत को दुनिया की हाई-स्पीड रेल लीग में शामिल करने के करीब ले आया है।

7. सुरक्षा का अभेद्य कवच और AI तकनीक
यात्रियों की सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है। इसी साल स्वदेशी एटीपी प्रणाली कवच 4.0 को 738 किमी से अधिक मार्ग पर सक्रिय किया गया। इसके साथ ही, पटरियों पर हाथियों को बचाने के लिए AI-आधारित घुसपैठ पहचान प्रणाली और 1,731 स्टेशनों पर चेहरे की पहचान वाले CCTV कैमरे लगाए गए हैं, ताकि सफर पूरी तरह सुरक्षित रहे।

8. माल ढुलाई में रिकॉर्ड और गति शक्ति का कमाल
भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक बनाने के लक्ष्य के साथ, रेलवे ने इस साल 1 अरब टन माल ढुलाई का रिकॉर्ड बनाया। 25 नए गति शक्ति कार्गो टर्मिनल शुरू हुए और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर रोजाना 400 से ज्यादा मालगाड़ियां चल रही हैं। इसका सीधा फायदा यह हुआ कि जरूरी सामान तेजी से पहुंच रहा है और माल ढुलाई की लागत कम हो रही है।

9. ग्रीन रेलवे: 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर कदम
प्रधानमंत्री के पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को पूरा करते हुए भारतीय रेल अब नेट जीरो कार्बन की ओर बढ़ रही है। ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2 प्रतिशत हिस्सा बिजली से चलने लगा है, जो रूस, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों से भी ज्यादा है। 2,626 स्टेशनों को सौर ऊर्जा से जोड़कर रेलवे स्वच्छ ऊर्जा का सबसे बड़ा उदाहरण पेश कर रहा है।

10. डिजिटल इंडिया: RailOne ऐप और पारदर्शी भर्ती
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत RailOne ऐप लॉन्च किया गया, जो टिकट, खाना, कुली और टैक्सी जैसी हर सुविधा एक ही जगह देता है। वहीं, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाते हुए मोदी सरकार ने इस साल 1.20 लाख से ज्यादा रिक्तियों पर भर्ती शुरू की और 5.73 करोड़ संदिग्ध यूजर्स को आईआरसीटीसी से हटाकर दलाली और कालाबाजारी पर नकेल कसी।

साल 2025 ने यह साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे अब सिर्फ पटरियों पर नहीं दौड़ रही, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पंख लगा रही है। 2026 में कदम रखते हुए रेलवे ने वादा किया है कि वह और अधिक रफ्तार, बेहतर तकनीक और अटूट भरोसे के साथ देश की सेवा जारी रखेगी।

Leave a Reply