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Year Ender 2023: साल 2023 में इंफ्रास्ट्रक्चर में हुआ बड़ा बदलाव, जानिए रैपिड रेल, वॉटर मेट्रो जैसी 10 बड़ी उपलब्धियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने साल 2023 में कई उपलब्धियां हासिल की। ऊर्जा, सड़क, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे, एयरपोर्ट, मेडिकल सुविधा जैसे सेक्टरों में मोदी सरकार ने इस साल ऐसे प्रोजेक्ट शुरू किए, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प हुआ। बुनियादी ढांचे का विकास विकसित भारत के सपने को साकार करने के साथ अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिहाज से भी रामबाण साबित होगा। इस मंत्र के साथ सरकार ने इन्फ्रा डेवलपमेंट में 33 प्रतिशत की भारी-भरकम वृद्धि के साथ इसमें सरकारी खर्च को मील के पत्थर की भांति दस लाख करोड़ के स्तर तक पहुंचाने की घोषणा की। यह कुल जीडीपी का 3.3 प्रतिशत है। सरकार ने लगातार तीसरे साल इस क्षेत्र में पूंजीगत निवेश में बड़ी बढ़ोतरी की है। इस क्षेत्र को सरकार कितना अधिक महत्व दे रही है, इसका प्रमाण यह है कि 2019-20 में किए गए कुल खर्च के मुकाबले अब लगभग तीन गुना खर्च का वादा किया गया है। इन्फ्रा पर यह खर्च सरकार के इस दृष्टिकोण का प्रमाण है कि इस खर्च के जरिये मंदी जैसी चुनौती का भी सामना होगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की जमीन भी तैयार होगी।

1. जोजिला टनल: साढ़े 3 घंटे का सफर 15 मिनट में होगा पूरा
रणनीतिक तौर से अहम कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग उन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में से एक है, जिनके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। वैसे तो जोजिला सुरंग का निर्माण अप्रैल 2021 में शुरू किया गया था। लेकिन 2023 में इसमें तेजी आई। जोजिला सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंग है। ये 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रही है। अब तक जोजिला सुरंग का 40 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। हर साल जब श्रीनगर, लेह और लद्दाख में भारी बर्फबारी होती है तो श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद हो जाता है। लेह और लद्दाख साल में पांच-छह महीने देश के बाकी हिस्‍सों से कट जाते हैं। लेकिन इस टनल के बन जाने के बाद साल 2026 के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा। देश के अन्‍य हिस्‍सों से लेह-लद्दाख भी सड़क मार्ग से 12 महीनों जुड़ा रहेगा। जोजिला सुरंग श्रीनगर- कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही एशिया की अपनी तरह की पहली सुरंग है।

2. RAPID रेल: 160 की रफ्तार से दौड़ेगी ‘नमो भारत’
इस साल देश को पहली RAPID रेल (नमो भारत) मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2023 को गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 21 अक्टूबर से रैपिड ट्रेन सर्विस आम लोगों के लिए शुरू हो गई। पहले फेज में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किमी की यात्रा की जा सकेगी। यह यात्रा 12 मिनट में तय की जा सकेगी। इस ट्रेन का किराया भी मात्र 20 रुपये से शुरू होता है, इससे आम जनता को इसका लाभ मिल सकेगा। ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। इसमें आम यात्रियों की सुविधा के लिए शताब्दी ट्रेन या हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास जैसी रिक्‍लाइनिंग सीटें लगाई गई हैं।

3. वॉटर मेट्रोः देश की पहली वाटर मेट्रो में सफर के लिए उमड़ी भीड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल 2023 को देश को पहली वॉटर मेट्रो समर्पित की। करीब 1,136 करोड़ रुपये की परियोजना को केरल के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। यह शहर में सार्वजनिक परिवहन व पर्यटन के जरिये आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। यह वॉटर मेट्रो (Water Metro) कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ेगी। इससे लोगों को किफायती और सुरक्षित यात्रा मिल सकेगी। केरल के कोच्चि में शुरू हुई देश की पहली वाटर मेट्रो में सफर के लिए इतनी भीड़ जुट गई कि उसे तय अंतराल के बजाय पहले ही चलाना पड़ा। स्‍टेशन पर पहले दिन 100 मीटर लंबी लाइन लग गई। सभी वाटर मेट्रो में सफर करने को बेताब दिखे। शुरू में वाटर मेट्रो केरल हाई कोर्ट से वाइपिन और वायटिला और कक्कनाड तक चल रही है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए वाटर मेट्रो का गैप 8 से 15 मिनट रखा गया है, लेकिन पहले दिन भीड़ को देखते हुए दो वाटर मेट्रो के बीच अंतराल कम करना पड़ा। अभी वाटर मेट्रो केवल छह टर्मिनल तक जाएगी लेकिन भविष्‍य में 38 टर्मिलन को कवर करेगी।

4. वंदे भारत ट्रेनः 30 दिसंबर, 2023 तक देश में 40 वंदे भारत ट्रेन लॉन्च
30 दिसंबर, 2023 तक देश में 40 वंदे भारत ट्रेन लॉन्च हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश में पहली वंदे भारत ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को हरी झंडी दिखाई थी। ये ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी से देश की का राजधानी दिल्ली के बीच चली थी। पीएम मोदी ने 30 दिसंबर 2023 को पीएम मोदी अयोध्या से 6 वंदे भारत और दो अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अभी इन्हें शताब्दी के रूट पर चलाया जा रहा है। रेलवे की योजना अब स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने का है। इसी फाइनेंशियल ईयर में स्लीपर वंदे भारत की भी शुरुआत हो सकती है।

5. सड़क नेटवर्कः भारत चीन को पछाड़ बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क
दुनिया भर में सबसे बड़े सड़क नेटवर्क के मामले में भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत ने 2014 के बाद से 1.45 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क जोड़कर साल 2023 में चीन को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। नौ साल पहले भारत का सड़क नेटवर्क 91,287 किलोमीटर था। भारत ने कई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जोड़े हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) (NHAI) ने भारत के अब तक के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है। इस साल मई में NHAI ने 100 घंटे के अंदर 100 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनाया। उत्तर प्रदेश में आगामी गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई। पिछले साल अगस्त में, NHAI ने 105 घंटे और 33 मिनट के रिकॉर्ड समय में NH-53 पर अमरावती और अकोला के बीच 75 किमी लगातार एकल बिटुमिनस कंक्रीट सड़क का सफलतापूर्वक निर्माण करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।

6. बिजली उत्पादनः बिजली पैदा करने की क्षमता में 22 प्रतिशत वृद्धि
भारत की बिजली पैदा करने की क्षमता में 22 प्रतिशत की बढ़त हुई है, जबकि अक्षय ऊर्जा की क्षमता पिछले पांच साल में दोगुनी हो गई है। इंटरनेट कनेक्विटी और डिजिटल पेमेंट भी पिछले पांच साल में कई गुना बढ़े हैं। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं में से एक है और दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। सरकार ने हरित ऊर्जा गलियारों का निर्माण किया है और 13 नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए हैं। वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 178000 मेगावाट है और 99000 मेगावाट की स्थापना चल रही है। इसके अलावा, नवीकरणीय क्षमता के आधार पर वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के एकीकरण के लिए ट्रांसमिशन योजना पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है और उत्पादन परियोजनाओं से पहले ट्रांसमिशन प्रणाली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसे कार्यान्वयन के लिए प्रगतिशील रूप में लिया जा रहा है।

7. इलेक्ट्रिफिकेशनः 65 हजार किलोमीटर रेल रूट में 58 हजार किलोमीटर में विद्युतीकरण पूरा
इस साल के बजट में सड़कों और रेलवे को केंद्र सरकार के पूंजी खर्च का लगभग 11 फीसदी हिस्सा मिला है। ये 2014-15 में 2.75 फीसदी था। 2014 से पहले सालाना करीब 600 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतिकरण यानी इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था। अब इसकी रफ्तार 4 हजार किलोमीटर प्रति वर्ष हो गई है। 31 मार्च 2023 तक देश के 65 हजार 300 रूट किमी ब्रॉड गेज में से 58 हजार 812 रूट किमी का विद्युतीकरण भी किया जा चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष में देश में कुल 6,565 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण हुआ था। भारतीय रेलवे ने हरियाणा राज्य में रेलवे नेटवर्क के 100 फीसद विद्युतीकरण को पूरा करके एक महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल कर लिया है। राज्य में मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 1701 किलोमीटर लंबा है।

8. फ्रेट कॉरीडोरः 6 फ्रेट कॉरीडोर से बदलेगी देश की तस्वीर
भारत में 6 फ्रेट कॉरीडोर देश की तस्वीर बदलने वाली है। छह कॉरीडोर में से 2 आंशिक रूप से चालू हैं। इनमें से एक मुंबई और दिल्ली के बीच वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दूसरा पंजाब और पश्चिम बंगाल के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर है। इनके पूरी तरह चालू हो जाने से देश में अर्थव्यव्यवस्था को नई गति मिलेगी। लंबी दूरी की ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए विद्युतीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के अलावा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) भी अहम भूमिका निभाने वाला है। रेलवे का ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) 100 फीसदी बन कर तैयार हो गया है। ईडीएफसी पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के सोननगर तक जाता है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कुल 1337 किलोमीटर का है। EDFC 51 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। इसके रूट पर कोयला खदानें, थर्मल पॉवर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं। इस रूट पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार शामिल हैं। वहीं वेस्टर्न फ्रेट का काम मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

9. हवाई अड्डों की संख्याः एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 148 हुई
भारत में हवाई यात्रा भी बदल रही है। पिछले 9 साल में भारतीय हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। अब मध्यम वर्गीय परिवार हवाई यात्राएं कर रहे हैं। ये विकास के ऐसे संकेत हैं, जो दिख रहे हैं। पीएम मोदी के कार्यक्रमों ने लोगों के जीवन को छुआ है। वर्ष 2014 तक, देश में केवल 74 हवाईअड्डों में कामकाज हो रहा था। मार्च 2023 तक, सरकार ने 74 अन्य हवाईअड्डों/हेलीकॉप्टरों/वाटर एयरोड्रोमों में कामकाज शुरू कर दिया और भारत सरकार का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 220 तक ले जाना है। भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। घरेलू यात्रियों की कुल संख्या 2014 में 60 मिलियन थी जो कोविड-19 से पहले 2020 में दोगुनी से अधिक बढ़कर 143 मिलियन हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 43 मिलियन से बढ़कर 64 मिलियन (लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि) हो गई है। विमान के संदर्भ में, कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद विमानों की संख्या 2014 में लगभग 400 से बढ़कर 2023 में 723 हो गई है।

10. चारधाम परियोजनाः 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे, भक्तों ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ डाले
मोदी सरकार की एक अहम परियोजना 889 किलोमीटर की चारधाम परियोजना का निर्माण है। इससे श्रद्धालु भारत के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में बने गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक आसानी से पहुंच सके। इस परियोजना से यात्रा का समय 40 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया। आल वेदर रोड बनने और यात्रा सुगम होने से चार धाम यात्रा में साल 2023 में यात्रियों की संख्या में बंपर इजाफा देखने को मिला है। ये संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है। इस बार के भक्तों के आंकड़े ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चारधाम यात्रा में साल दर साल श्रद्धालुओं की वृद्धि ऑल वेदर रोड की सफलता मानी जा रही है।


 

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