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YEAR ENDER-2021 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजनरी सोच से हासिल हुईं ये 10 सबसे बड़ी उपलब्धियां, जिन्होंने भारत की दुनियाभर में जमाई धाक

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साल 2021 जो बीत रहा है, वही नए साल के आगाज का आधार बन रहा है। क्योंकि बीते हुए साल की बुनियाद पर ही आने वाले साल का अस्तित्व बनता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और विजनरी सोच के चलते ये साल अपने पीछे हमें उपलब्धियों की एक लंबी फेहरिस्त देकर जा रहा है जो आने वाले सालों में भारत की विजयगाथा को दुनिया के सामने गुंजायमान करती रहेंगी या यूं कहें कि विश्वपटल पर भारत की विजय पताका को फहराती रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी के अद्भुत मंत्र से विश्वपटल पर भारत की विजय पताका
प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के अद्भुत मंत्र का ही सुफल है जो हम सबको श्रेष्ठ और उत्कृष्ट करने के लिए प्रेरित करता है। भारत अब समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक नया इतिहास रच रहा है। जल-थल-नभ में भारत की भूमिका विश्व को नई राह दिखा रही है। 2021 में भारत ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं उसके हम सब साक्षी रहे हैं। वैसे राष्ट्र ने हर क्षेत्र में कई कामयाबियां हासिल की हैं, जिन पर बहुत कुछ लिखा-कहा जा सकता है। उन्हीं में से कुछ उपलब्धियां ऐसी हैं, जो न सिर्फ हर व्यक्ति के लिए मायने रखती हैं, बल्कि समाज और देश को उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर ले जाने वाली हैं। इन उपलब्धियों से भारत माता का भाल तो गौरवांवित है ही, विश्व पटल पर भी ये भारत का नाम रोशन कर रही हैं। आइये, कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं….

1. अपनी आबादी से ज्यादा टीकाकरण कर भारत ने विश्व में रचा इतिहास
प्रधानमंत्री मोदी की विजनरी सोच के चलते कोरोना महामारी के खिलाफ भारत ने सबसे कम समय में 100 करोड़ टीकाकरण का मुकाम हासिल किया। भारत में 28 दिसंबर तक 142 करोड़ 47 लाख वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं, जो संख्या देश की आबादी से ज्यादा है। इससे पहले कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत ने 21 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली। दुनिया में भारत सबसे कम समय में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार करने वाला पहला राष्ट्र बना। भारत की इस उपलब्धि को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सराहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैक्सीनेशन में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने पर देशवासियों को बधाई भी दी। अस्पताल में 100 करोड़ वां टीका वाराणसी के दिव्यांग अरुण रॉय को लगाया गया। भारत में कोरोना टीकाकरण का अभियान तेजी से जारी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) के मौके पर 2.5 करोड़ टीका लगाकर कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने टीकाकरण का अपना ही विश्व रिकार्ड तोड़ दिया। इसके पहले भारत में 31 अगस्त को 1.41 करोड़ डोज लगाने का रिकार्ड बना था।2. पीएम का प्रोत्साहन और टोक्यो ओलंपिक में भारत की ‘स्वर्णिम’ छलांग
प्रधानमंत्री का जितना जोर पढ़ाई पर रहता है, वह खिलाड़ियों को भी उतना ही प्रोत्साहित करते हैं। इसी प्रोत्साहन का सुपरिणाम है कि भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक काफी यादगार रहा। भारत ने खेलों के महाकुंभ में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया।  एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकों के साथ भारत पदक तालिका में 48वें नंबर पर पहुंच गया। देश ने लंबे समय बाद एक साथ सात मेडल पर कब्जा जमाया।ओलंपिक खेलों के इतिहास में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।  इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए छह मेडल जीते थे। भारत की तरफ से पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल दिलाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया। इसके अलावा वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और रेसलर रवि कुमार ने रजत मेडल जीता। वहीं बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन, शटलर पीवी सिंधु, रेसलर बजरंग पूनिया और भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के सूखे को खत्म कर कांस्य पदक जीत कर इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद खिलाड़ियों से बातचीत कर उनकी हौसला-अफजाई की।

3. पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता की
2021 की उपलब्धियों के मामले में भारत ने इस साल एक और बड़ी छलांग लगाई। पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभाली। अगस्त के पूरे महीने भारत के हाथों में दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान रही। इस दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी तीन प्रमुख क्षेत्रों पर अपना विचार रखा और इससे निपटने के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को रास्ता दिखाया। सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत परिषद के भीतर और बाहर दोनों जगह आतंकवाद से लड़ने पर जोर देता रहा है। हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के प्रयासों को न केवल मजबूत किया है, बल्कि आतंकवाद के वित्त पोषण को और आतंकवाद पर ध्यान को कमजोर करने की कोशिशों को भी रोकने का काम किया है।

4. भारत ने दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की सोच के चलते ही वे रक्षा के क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। ताकि भारत अपनी सुरक्षा को अभेद्य बनाने के साथ-साथ हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म कर सके। इसी कड़ी में भारत ने दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाया है। 22 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में झांसी में आयोजित ‘राष्ट्रीय रक्षा समर्पण’ समारोह के दौरान भारतीय वायु सेना को स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर सौंपा। भारत सरकार की ओर से स्वदेशी निर्मित और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास को मंजूरी दी गई थी। हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस एलसीएच में 20 मिमी की बंदूक, 70 मिमी की रॉकेट और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी लगी हुई हैं। मिशन के दौरान इस अटैक हेलीकॉप्टर को मैन्युअली ऑपरेट किया जाता है। यह 360 डिग्री पर घूम सकता है यानी इसे हवा में ही तेजी से घूमने और अपना मार्ग बदलने में महारथ हासिल है।

5. तेजस विमान की सबसे बड़ी ‘स्वदेशी’ डील चीन-पाक के खिलाफ
प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच के चलते जल्द ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में 83 तेजस विमान शामिल होंगे। तेजस की स्पीड 2222 किमी प्रति घंटा है। यह 13500 किलोग्राम वजन ले जा सकता है। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। लड़ाकू विमान तेजस की 48 हजार करोड़ की डील को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी दे दी, जिसके बाद 3 फरवरी 2021 को भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 83 स्वदेशी तेजस विमान के लिए करार हुआ। इस डील के तहत भारतीय वायुसेना को 48,000 करोड़ रुपए में 83 तेजस विमान मिलेंगे। डील पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये डील रक्षा क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगी। तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।

6. सरहद की सुरक्षा करेगा एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम
भारत को जिस आसमानी महाकवच का इंतजार था, वह आखिरकार साल 2021 के जाते-जाते मिल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चलते भारत के रूस के दोस्ताना संबंध बने हुए हैं। रूस ने एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भेज दिया। 20 दिसंबर को इसकी पहली खेप पंजाब में तैनात की जा चुकी है। एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के आने के बाद भारत की सुरक्षा अभेद्य हो गई है। वहीं, भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है । इसकी तैनाती के बाद देश के दुश्मन आसमान से हमला करने से पहले सौ बार सोचेंगे। वो घबराएंगे क्योंकि इस महाकवच के सामने दुनिया का कोई भी बाहुबली हथियार काम नहीं करता। यह आसमान में घात लगाकर आते हमलावर को पलभर में ऊपर ही ढेर कर देता है। एस-400 मिसाइल सिस्टम को दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है। एस-400 सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़ सकती है और इसे कहीं मूव करना बहुत आसान है।

7. अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, मोदी सरकार ने बढ़ाई भारतीय सेना की ताकत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए लगातार बड़े और साहसिक फैसले कर रहे हैं। वहीं भारतीय वैज्ञानिक भी सेना को मजबूत करने के लिए एक के बाद एक नई इबारतें लिख रहे हैं। बुधवार (27 अक्टूबर, 2021) को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर बड़ी कामयाबी हासिल की। न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है। इस मिसाइल की रेंज में चीन और पाकिस्तान के सभी शहर सहित पूरा एशिया आएगा। इसलिए चीन भी इससे घबराता है। इस मिसाइल के सेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन एलीट देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास न्यूक्लियर हथियारों से लैस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत, एडवांस्ड सिस्टम लैबोरेटरी और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी ने मिलकर इसे तैयार किया है।

8. कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू, जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
साल 2021 की विदाई में उत्तर प्रदेश की झोली में दो-दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिली। इस साल कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हुआ है। वहीं, दिल्ली के नजदीक जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी गई। पीएम मोदी ने जेवर में एशिया के सबसे बड़े और दुनिया के चौथे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की आधारशिला रखी, नवंबर 2024 से जेवर एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो जाएंगी.. 3300 एकड़ जमीन में 30 हजार करोड़ की लागत से बन रहा है विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट इसमें 5 रनवे होंगे। ये उत्तर प्रदेश का पांचवां एयरपोर्ट है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद जेवर हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। जिससे आने वाले समय में यात्रियों को आने जाने के लिए असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

9. विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन का सपना पूरा, जर्मनी के हेडलबर्ग स्टेशन की तर्ज पर बना
पीएम मोदी ने 2021 में वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन का सपना पूरा किया। उन्होंने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 नवंबर को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं वाले रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। पीपीपी मॉडल पर बने देश के इस पहले रेलवे स्टेशन का रिनोवेट जर्मनी के हेडलबर्ग रेलवे स्टेशन की तर्ज पर किया गया है। साल 1955 में बने जर्मन हेडलबर्ग रेलवे स्टेशन पर रोजाना करीब 42 हजार यात्री आते हैं, लेकिन यहां पर भीड़ नहीं होती है और ना ही कोई परेशानी। इसी स्टेशन की तरह रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में भी सेफ्टी, सिक्योरिटी की सुविधा दी गई है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को बनाने में लगभग 450 करोड़ रुपए खर्च किया गए हैं।

10. सनातन संस्कृति के आधुनिक ध्वजवाहक पीएम मोदी ने किया काशी कॉरिडोर का लोकार्पण
केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी राज का पहला और 21वीं सदी का तीसरा दशक चल रहा है। देश को नरेन्द्र मोदी के रूप में वह महानायक मिला है, जो न सिर्फ वंशवाद और भ्रष्टाचार को देश की राजनीति के लिए नासूर मानता है, बल्कि जो भारतीय सनातन संस्कृति के आधुनिक ध्वजवाहक के रूप में प्राचीनतम अध्यात्मिक धरोहरों के जीर्णोद्धार में दत्तचित्त होकर लगा है। केदारनाथ मंदिर का कायाकल्प हो या अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का भव्य स्तर पर नींव पूजन। सोमनाथ मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार हो या चार धाम को जोड़ने वाली परियोजना। और अब 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भव्वतम-दिव्यतम शुभारंभ। ज्योतिर्लिंग को सीधे मां गंगा से मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी ने करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया। पीएम मोदी ने यह कॉरिडोर बनाकर सनातन धर्मावलंबियों में छवि मजबूत की है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8 मार्च 2019 को इसकी आधारशिला रखी थी। उस समय बजट 339 करोड़ था, बाद में इसे 800 करोड़ रुपए कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि मंदिरों के जीर्णोद्धार करने वाले और सनातन परंपराओं को न सिर्फ संजो कर, बल्कि उसको जोड़ते हुए आगे बढ़ाने वाले बड़े नेता के तौर पर उभरी है।

 

 

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