यूपीए और अन्य विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। यशवंत सिन्हा को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना समर्थन दिया है। लेकिन राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव से ठीक तीन दिन पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के एक ट्वीट ने सियासी गर्माहट ला दी है। केशव प्रसाद मौर्य ने यशवंत सिन्हा के एक पुराने बयान की याद दिलाई है, जिसमें उन्होंने मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट बताया था। बीजेपी ने मतदान से पहले उसी बयान को लेकर अखिलेश से जवाब मांगा है।
दरअसल 1997 में आई एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि यशवंत सिन्हा ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को आईएसआई एजेंट करार दिया था। अपने ट्विटर अकाउंट पर अखबार की कटिंग शेयर कर केशव मौर्य ने पूछा है, ‘सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, जिन्हें आप राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दे रहे हैं, श्री मुलायम सिंह यादव जी के लए दिए बयान पर क्या कहेंगे!’
सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी जिन्हें आप राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दे रहे हैं,श्री मुलायम सिंह यादव जी के लिए दिये बयान पर क्या कहेंगे! pic.twitter.com/yjFdOBM4gg
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 15, 2022
केशव प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट के कुछ देर बाद प्रदेश के दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी ट्विटर पर यही खबर साझा करते हुए लिखा, ‘मुलायम सिंह जी को आईएसआई का एजेंट बताने वाले महानुभाव का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन कर अखिलेश ने एक बार फिर अपने व समाजवादी पार्टी के संस्कारों को प्रदेश के सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया है।’
श्री मुलायम सिंह जी को आईएसआई एजेंट बताने वाले महानुभाव का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन कर श्री अखिलेश जी ने एक बार फिर अपने व समाजवादी पार्टी के संस्कारों को प्रदेश के समक्ष उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। pic.twitter.com/xcTNv3N7go
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) July 15, 2022
यशवंत सिन्हा ने 15 जनवरी, 1997 को पटना में बीजेपी के दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस समय जहां यशवंत बीजेपी के कद्दावर नेता थे, वहीं मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री और देवगौड़ा देश के प्रधानमंत्री थे। यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया था कि खुफिया एजेंसियों ने पुख्ता सबूत जुटाए हैं कि मुलायम सिंह यादव पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों के संपर्क में हैं। यशवंत सिन्हा ने ये भी कहा था कि प्रधानमंत्री की टेबल पर इस बारे में एक फाइल रखी है और उसमें पाकिस्तान से मुलायम के रिश्तों के सबूत हैं। यशवंत सिन्हा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगौड़ा से इस फाइल को देखने और ऐक्शन लेने की मांग की थी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति के नाम का एलान किया जाएगा। ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट ने अखिलेश यादव को मुश्किल में डाल दिया है। उधर उनकी सहयोगी पार्टी के नेता ओपी राजभर उनसे नाराज हैं और उन्होंने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। ओपी राजभर का ये फैसला सपा गठबंधन के लिए बड़ा झटका है। जिस तरह द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में विपक्ष बिखर रहा है, उससे यशवंत सिन्हा की राह भी उतनी ही मुश्किल होती जा रही है।