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झारखंड में हिंदू लिखना हुआ अपराध, फल विक्रेता को भेजा जेल, मुस्लिम या इस्लामी बोलने पर कोई गुनाह नहीं

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झारखंड में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, वहां रहने वाले हिन्दुओं को इस्लामी स्टेट का अहसास हो रहा है। हिन्दुओं का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। हिन्दुओं को न तो प्रदर्शन की आजादी है और न ही अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। यहां तक कि अब ‘हिन्दू’ शब्द लिखना भी अपराध हो गया है। जहां ‘हिन्दू’ शब्द लिखने पर गिरफ्तारी हो रही है, वहीं ‘मुस्लिम’ शब्द लिखने की पूरी आजादी है। आज प्रशासन पर प्रदेश सरकार का इतना दबाव है कि प्रशासन हिन्दुओं के खिलाफ कार्रवाई करने में कानून की धज्जियां उड़ा रहा है, वहीं मुसलमानों को मनमानी करने की खुली छूट दे रहा है। 

झारखंड की कांग्रेस सरकार किस तरह हिन्दू विरोधी भावना से ग्रसित है और हिन्दुओं से नफरत करती है। इसका प्रमाण जमशेदपुर में फल बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ की गई कार्रवाई है। पुलिस ने कुछ ऐसे फल दुकानदारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए, जिन्होंने ‘हिन्दू फल दुकान’ के बैनर लगाए थे। पुलिस का कहना है कि दुकानदारों के खिलाफ ‘हिंदू’ शब्द लिखने के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, क्योंकि यह सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की एक कोशिश है। लेकिन पुलिस को ‘मुस्लिम’ शब्द से कोई परेशानी नहीं है, जिसे कई दुकानों के बैनर और होर्डिंग्स पर लिखे हुए देखा जा सकता है।

प्रदेश सरकार को ‘मुस्लिम पान दुकान’, ‘इस्लाम इलेक्ट्रिकल’ और ‘मुस्लिम टायर दुकान’ से कोई समस्या नहीं है। इससे धर्मनिरपेक्षता खतरे में नहीं पड़ती है। लेकिन जैसे ही कोई ‘हिन्दू फलवाला’ ‘हिन्दू फल दुकान’ लिखता है, धर्मनिरपेक्षता को खतरा उत्पन्न हो जाता है। सामाजिक सौहार्द बिगड़ जाता है। यहां तक कि विदेशों से आए जामातियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर लोहरदगा के चार डीएसपी का तबादला कर दिया गया। ऐसा इस लिए किया गया,क्योंकि अंजुमन इस्लामिया ने पुलिस की कार्रवाई पर आपत्ति जतायी थी। 

झारखंड में नमाजियों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें न तो कोरोना का डर है और न ही पुलिस का। नमाजी खुलेआम लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गोड्डा जिले में लॉकडाउन का पालन कराने में जुटे पुलिसकर्मियों पर ही नमाजियों ने हमला कर दिया। इस हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गए और उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। नमाजियों के सामने तो पुलिस पस्त नजर आ रही है, वहीं पुलिस कानून का हवाला देकर गरीब फल दुकानदारों का उत्पीड़न कर रही है।

प्रदेश की कांग्रेस सरकार जमातियों पर काफी मेहरबान है। दिल्ली मरकज से लौटे कई जमातियों को क्वारंटाइन किया गया था, लेकिन उनकी अंतिम जांच रिपोर्ट आने के पहले ही उन्हें छोड़ दिया गया।

तबलीगी जमातियों की करतूत से पूरा देश परेशान है। उन्होंने कोरोना वायरस को पूरे देश में फैलाकर लोगों की जान को खतरे में डाला है। इसको न तो झारखंड की सरकार गंभीरता से ले रही है और न कांग्रेस के बड़े नेता। जमातियों के मामले में कांग्रेस के नेताओं की चुपी सारी कहानी बयां कर रही है।

 

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