प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को न सिर्फ मजबूती से लड़ रही है बल्कि पूरी दुनिया को रास्ता भी दिखा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अप्रैल से 3 मई तक लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने जमकर तारीफ की है। डब्लूएचओ ने कहा है कि यह फैसला भारत में कोरोना महामारी को कमजोर करने में काफी मददगार साबित होगा।
WHO संगठन की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि कोरोना को रोकने के लिए, समय से किए गए भारत के कठोर फैसले की डब्ल्यूएचओ सराहना करता है। संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों की संख्या में कितनी कमी आएगी ये तो कहना मुश्लिक है लेकिन यह निश्चित है कि लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने सहित बाकी प्रभावी उपायों को आगे बढ़ाने में छह हफ्तों का देशव्यापी लॉकडाउन, वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मददगार साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि कई चुनौतियों के बावजूद, इस महामारी को शिकस्त देने में भारत पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।
WHO पहले भी कर चुका है पीएम मोदी के फैसले की तारीफ
आपको बात दें कि इससे पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से लॉकडाउन पर भारत की तारीफ की गई थी। डब्लूएचओ के डॉ. डेविड नाबारो ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत की तरफ से जल्दी लॉकडाउन पर फैसला लिया गया है। उन्होंने भारत के इस फैसले को एक साहसिक फैसला करार दिया है। डॉक्टर नाबारो ने कहा था कि जब भारत में कुछ ही केस रिपोर्ट हुए तो उसी समय देश में एक दूरदर्शी फैसला लिया गया। इस फैसले ने देश को मौका दिया कि वह इस बीमारी का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर काफी बहस हो रही है और काफी आलोचना भी की जा रही है। कुछ लोगों में काफी गुस्सा भी है। मगर यह सरकार का एक साहसिक फैसला है। जो लोग रोजाना मजदूरी करके कमाते है उनके लिए यह एक तरह का बलिदान है।डॉक्टर नाबारो के मुताबिक हर चीज की शुरुआत कम्युनिटी स्तर पर होती है। उस दौरान उनका पता लगाना, आइसोलेट करना, उनके कॉन्टेक्ट्स का पता लगाकर उन्हें क्वारंटाइन करना और इसे जितना संभव हो सके उतना बरकरार रखना, किसी भी महामारी के दौरान तेज प्रतिक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण फैसला होता है।
कोरोना से जंग के लिए लॉन्च किया आरोग्य सेतु एप
कोरोना वायरस के संक्रमण से आपको बचाने और अलर्ट रखने के लिए मोदी सरकार ने 2 अप्रैल को आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया था। एक बार अगर देश के सभी नागरिक इस एप को डाउनलोड कर लेते हैं तो इससे कोरोना वायरस को जल्द खत्म करने में मदद मिलेगी। ये एप आपको सेहतमंद रखने में मददगार है। साथ ही अगर आपके आसपास कोई कोरोना वायरस संदिग्ध आए तो आरोग्य सेतु एप आपको झट से अलर्ट कर देता है। यही कारण है कि आपको संक्रमण से बचाने के लिए ये एप काफी मददगार है। सबसे बड़ी बात है कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद गूगल प्ले स्टोर पर यह एप नंबर वन की पोजीशन पर पहुंच गया है और थोड़े से ही समय में इसे 5 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड कर लिया है।
वर्ल्ड बैंक ने की मोदी सरकार आरोयग्य सेतु एप की तारीफ
आरोग्य सेतु एप का उदाहण देते हुए विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बड़े पैमाने पर आबादी को शिक्षित करने और कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने में ये एप बहुत मदद दे सकता है। विश्व बैंक की दक्षिण आर्थिक केंद्रीत रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कोविड-19 के प्रसार की निगरानी के लिए डिजिटल तकनीकों का भी उपयोग किया जा सकता है। इस तरह की पहल, मोटे तौर पर स्वैच्छिक, पूर्वी एशिया में महामारी से निपटने में मदद करने में सफल रही है।’ रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘कोरोना लक्षणों की रिपोर्ट करने वालों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है। भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन की लोकेशन का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं को यह बताता है कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति के पास हैं, जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।’
गूगल और एप्पल भी आरोग्य सेतु के कॉन्सेप्ट से प्रभावित
आपको बता दें कि आरोग्य सेतु एप की लॉन्चिंग के कुछ दिनों बाद दुनिया की शीर्ष टेक्नोलॉजी कंपनियों एप्पल और गूगल ने कहा कि वे स्मार्टफोन में एक ऐसे सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहे हैं जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मदद करेगा और उपयोगकर्ताओं को सूचित करेगा कि वे कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं या नहीं।
India leads the way in contact tracing for COVID-19: privacy-first by design, secure, robust and scalable to billion users. Glad to see Apple and Google joining hands to develop contact tracing on the lines of #AarogyaSetu @tim_cook @sundarpichai pic.twitter.com/JDoSl0A5Qa
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 11, 2020
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्विटर पर एप्पल के सीईओ टिम कुक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को टैग करते हुए लिखा, ‘भारत कोविड-19 के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जिसे उपयोगकर्ता की जानकारी गोपनीय रखे जाने के लिहाज से डिजायन किया गया है। हमें खुशी है कि आरोग्य सेतु की तर्ज पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए एप्पल और गूगल मिलकर इस तरह की एप विकसित कर रहे हैं।’
आरोग्य सेतु एप का फीचर
आरोग्य सेतु एप को आप फ्री में गूगल प्ले-स्टोर और एपल के एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। एप, 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें से आप अपनी पसंदीदा भाषा चुन सकते हैं। इस एप में मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करना होगा। इसके बाद यह एप आपकी लोकेशन के आधार पर कोरोना से खतरे के प्रति आगाह करेगा। इस एप में ‘सेल्फ असेसमेंट टेस्ट’ फीचर भी है जिसकी मदद से आप लक्षण बताकर कोरोना वायरस से संक्रमण के जोखिम के बारे में पता लगा सकते हैं। यह एप आपके द्वारा बताए गए लक्षण के आधार पर यह भी बताता है कि आपको टेस्ट कराने और डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है या नहीं। एप में कोरोना को लेकर जारी किए गए सभी प्रदेशों और सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर्स भी दिए गए हैं।
Stay informed & stay alert! #AarogyaSetu app is a GoI initiative to proactively reach out to the citizens of India to stay safe in these critical times & keep rumours at bay.#IndiaFightsCorona @COVIDNewsByMIB
iOS: https://t.co/7GqzRs2pwU
Android: https://t.co/NDmceLGeFO pic.twitter.com/qrB1eLBxO7— Incredible!ndia (@incredibleindia) April 8, 2020
ई-पास के तौर पर हो सकता है आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल
आरोग्य सेतु एप को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई में आरोग्य सेतु एप एक जरूरी हथियार है। उन्होंने कहा कि इस एप का इस्तेमाल कहीं आने जाने के लिए ई-पास के तौर पर होगा। पीएम मोदी ने आरोग्य सेतु एप को अधिक-से-अधिक संख्या में डाउनलोड करने की अपील की है।