प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय राजनेता है। उन्होंने अपना जीवन आम लोगों के लिए समर्पित कर दिया है। लेकिन अब भी लोगों को उनके जीवन से जुड़ी कई बातों की जानकारी नहीं है। हाल ही में एक वेबसाइट लॉन्च की गई है- ‘द मोदी स्टोरी’ (modistory.in)। इसमें उनके जीवन से जुड़ीं ढेरों प्रेरक प्रसंगों और अनसुनी कहानियों को पेश की गई हैं। इसी में गुजरात के एक कार्यकर्ता ईश्वर मकवाना ने पार्टी के महासचिव के रूप में नरेन्द्र मोदी की भूमिका को याद किया है। श्री मकवाना ने अंबाजी में निर्वाचित सदस्यों के प्रशिक्षण सत्र का वाकया सुनाया जहां श्री मोदी ने भी भाषण दिया था। इस प्रशिक्षण सत्र में नरेन्द्र मोदी ने एक आदर्श कार्यकर्ता के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला था। प्रशिक्षण सत्र के दौरान नरेन्द्र मोदी बताया कि एक कार्यकर्ता की परिभाषा क्या है। श्री मोदी ने एक आदर्श कार्यकर्ता के चार प्रमुख गुणों पर प्रकाश डाला था, “पग में चक्कर (सक्रिय रहो, बेकार मत बैठो और अपने कार्यों में तेज रहो), जीभ में शक्कर (हमेशा अच्छी बातें कहो, कड़वा मत बनो), सर पे बर्फ (शांत दिमाग के साथ काम करो) और दिल में हाम (दिल में हिम्मत रखो)।”
देखिए वीडियो-
आइए आज इसी में जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से जुड़ीं 12 वो अनसुनी बातें जो पहले सामने नहीं आईं…
1. क्या हुआ जब नरेन्द्र मोदी के दोस्त ने उनसे ब्रेक लेने के लिए कहा?
यह कोई रहस्य नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिन-रात काम करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। जो लोग उन्हें जानते हैं और उनके साथ काम करते हैं, उनका कहना है कि पीएम मोदी लगातार काम करते हैं और पब्लिक ऑफिस में प्रवेश करने के बाद से उन्होंने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली है।
केदार तांबे जी ने उस मोमेंट को याद किया जब वे नरेन्द्र मोदी को अपने बेटे की शादी के लिए आमंत्रित करने गए थे, तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तांबे जी ने कहा, “मोदी जी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया। जब मैंने उनसे पूछा- आप कब ब्रेक लेंगे और कुछ समय विश्राम करेंगे? इस पर मोदी जी ने जवाब दिया- इस जन्म में नहीं, समय मिले तो अगले जन्म में हो सकता है।
केदार तांबे जी ने कहा कि मोदी जी जानते है कि उन्हें देश के लिए काफी काम करना है। उनके जवाब ने तांबे जी को नरेन्द्र मोदी की राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण का अहसास कराया।
That PM Narendra Modi is a workaholic is no secret.
Guess what Modi had to say when a friend asked,
“When do you plan on taking a break?”Visit: https://t.co/9iulCar3rR
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2. जब नरेन्द्र मोदी ने चपरासी के विशेष गुण की सराहना की
पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने एक घटना को याद किया, जब नरेन्द्र मोदी ने एक चपरासी के विशेष गुण की सराहना की और उनके नोटिस में लाया। यह बात उस समय की है, जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
हसमुख अधिया ने कहा कि नरेन्द्र मोदी में लोगों के अच्छे गुणों की सराहना करने की क्षमता है। एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ काम फिनिश कर वे लौटने ही वाले थे, तब उन्होंने घंटी दबा दी और एक चपरासी फाइल लेने आया, लेकिन चपरासी के कमरे से चले जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने अधिया से जो बात कही, उसे सुनकर वे हैरान रह गए।
अधिया ने याद किया, “उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं इस साथी (चपरासी) को जानता हूं। मैंने कहा नहीं। उन्होंने कहा कि उसका नाम प्रताप है। उसकी लिखावट बहुत खूबसूरत है और जब भी आपको सुंदर निमंत्रण पत्र लिखना हो, तो आप उसकी लिखावट का उपयोग कर सकते हैं।”
अधिया ने याद किया कि तब उन्हें बहुत शर्म आई क्योंकि उच्च पद पर रहने के कारण उनके आस-पास 4-5 चपरासी होते हैं लेकिन वे उनका नाम तक नहीं जानते हैं, जबकि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्हें अपने चपरासी के व्यक्तिगत गुण के बारे में भी जानकारी है।
With Modi, nothing goes unnoticed!
Former union finance secretary Hasmukh Adhiya speaks of the time when Modi appreciated this special quality of his peon.
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3. छोटी-छोटी चीजों को लेकर भी सतर्क
वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने एक वाकया शेयर किया जब भाजपा के पुराने मुख्यालय, 11 अशोक रोड पर मीडिया रूम का जीर्णोद्धार किया जा रहा था। उन्होंने याद किया कि कैसे नरेन्द्र मोदी हमेशा छोटी से छोटी चीजों के बारे में सावधानी बरतते थे। एक बार उन्होंने कुछ ऐसा बताया जो मीडिया ब्रीफिंग रूम के बैकड्रॉप में गलत था।
कंचन गुप्ता जी ने कहा, “मैंने बैकलिट बैकड्रॉप के लिए सुझाव दिया था। यह चारों तरफ लोगों के साथ अटल जी के चेहरे का एक विशाल बैकड्रॉप था। सबने तारीफ की। सबको अच्छा लगा। आडवाणी जी को अच्छा लगा, अटल जी को अच्छा लगा, लेकिन नरेन्द्र मोदी चुप रहे।”
नरेन्द्र मोदी ने बाद में बैकड्रॉप में एक गलती की ओर इशारा किया। कंचन गुप्ता ने याद किया, “उन्होंने (नरेन्द्र मोदी) कहा कि टीवी पर लोग बैकड्रॉप और अटल जी की तस्वीर देखेंगे। लेकिन पार्टी का चिह्न कहाँ है?”
सच्चाई ये थी कि 30X20 फीट के विशाल बैकड्रॉप में कहीं भी पार्टी का चिह्न नहीं था, जिस तरफ नरेन्द्र मोदी ने ध्यान आकर्षित किया। यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि वह पार्टी के विस्तार को लेकर कितने प्रतिबद्ध थे।
At BJP’s old HQ in Delhi when a backdrop was being renovated, Modi noticed that something was amiss. Meticulous about even the smallest things, that’s how committed he was to the party’s growth. This incident highlights just that!https://t.co/9iulCa9s3h pic.twitter.com/OkCZZsuukT
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4. पीएम मोदी के फिट और चुस्त रहने का राज सामने आया
नई दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लंबे समय तक काम करने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी के फिट और चुस्त रहने के रहस्य का खुलासा किया। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पीएम मोदी प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर जोर देते हैं और अपने आहार, योग और व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
डॉ. गुलेरिया ने एक वीडियो में बताया कि पीएम मोदी अपने स्वास्थ्य को कितना महत्व देते हैं। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सतर्क हैं चाहे वह दिल्ली में हों या यात्रा कर रहे हों। अपने दिनचर्या को बिगड़ने नहीं देते हैं।”
डॉ. गुलेरिया ने उल्लेख किया कि कैसे पीएम मोदी पारंपरिक दवाओं के उपयोग पर जोर देते हैं जिससे वह स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने कहा, “यह देखते हुए कि पीएम मोदी इतने लंबे समय तक काम करते हैं और उनपर काफी जिम्मेदारियां हैं, वह इतने स्वस्थ हैं कि यह हम सभी के लिए एक उदाहरण है।”
How does PM Modi manage to stay fit and sprightly even while working long hours?
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5. नरेन्द्र मोदी की चुनावी जीत से बढ़कर पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता
गुजरात के आरएसएस कार्यकर्ता अपूर्व मनियार जी ने 1990 के दशक के एक उदाहरण को याद करते हुए कहा, “किसी भी राजनीतिक दल के लिए पहली प्राथमिकता चुनाव में जीत रहती है। हालांकि नरेन्द्र मोदी का जोर चुनावी जीत से बढ़कर पार्टी की विचारधारा को लेकर होता था।”
मनियार जी ने उन दिनों को याद किया जब नरेन्द्र मोदी भाजपा के संगठन मंत्री थे और आगामी चुनाव के लिए राजकोट में एक बैठक होनी थी। बैठक में केशुभाई पटेल, चिमनभाई शुक्ला, प्रवीण काका और नरेन्द्र मोदी शामिल थे। सौराष्ट्र में आगामी चुनावों के लिए टिकट बंटवारे पर विचार करने के लिए नरेन्द्र मोदी सुबह से लेकर रात तक उनके साथ बैठे रहे।
मनियार जी ने कहा, “नरेन्द्र भाई की एक बात मुझे आज तक याद है। टिकट बंटवारे पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कौन जीतेगा ये हम जरूर सोचेंगे, लेकिन जीतने के बाद अपनी विचारधारा को कायम रखे, हम ऐसा भी एक क्राइटेरिया रखें।”
Winning elections is the highest form of validation for any political party. Despite that, Narendra Modi places high value on commitment to party ideology over poll victory. This incident is a testimony to that.
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एक और उदाहरण है, जब चंडीगढ़ के भाजपा नेता धर्मपाल गुप्ता जी ने नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए एक अनोखे प्रयोग को याद किया। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के लोग सुबह करीब 9:30-10 बजे ऑफिस के लिए निकलते हैं। उन्होंने 5 से 10 लोगों की टीमें बनाईं और चंडीगढ़ के हर गोलबंर पर झंडों और बैनरों के साथ उन्हें खड़ा किया. ताकि जब लोग अपने दफ्तरों के लिए निकलें तो सुबह सबसे पहले भाजपा के झंडों को देखें और यह उनके दिमाग में अंकित हो जाए। प्रचार के लिए यह सबसे अच्छा समय है और मोदी जी ने इसे किया।
Narendra Modi has always tried to instil the seed of innovation and experimentation in the party karyakartas. One such incident from Chandigarh came to light when a party colleague spoke about this unique idea to woo the citizens.
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पार्टी के एक अन्य सहयोगी रूपचंद ओडरमल सेवकानी जी ने भी एक दिलचस्प घटना का जिक्र किया कि कैसे नरेन्द्र मोदी ने लोगों के मूड को भांपने का हुनर दिखाया। उन्होंने याद किया,” अहमदाबाद में एक बैठक के दौरान प्रांत के महामंत्री होने के बावजूद वो (नरेन्द्र मोदी) मंच नहीं बैठे। वो पीछे कार्यकर्ताओं के बीच खड़े थे। हम सब उनसे जाकर मिले और पूछा कि क्यों नरेन्द्र भाई आप यहां खड़े हैं तो उन्होंने कहा- गुजरात यहां है। मुझे कुछ ही घंटों में जानना है कि गुजरात में क्या चल रहा है। कार्यकर्ताओं से मिलना है, उनके साथ भविष्य की रणनीति बनानी है, एक-एक कार्यकर्ता से मिलने जाऊंगा तो काफी समय लगेगा, आज यहां काफी कार्यकर्ता मिलेंगे।”
Janta ka mood – Modi has a knack of sensing it. He honed this skill during his initial days in politics.
How he did it, a party colleague recalls.
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हरियाणा के एक पार्टी नेता कुंवर सिंघल जी ने भी एक घटना साझा की जब नरेन्द्र मोदी ने कई आइकोनिक मंत्रों में से एक दिया, जो चुनाव जीतने में क्रांतिकारी साबित हुआ। सिंघल ने कहा, “मोदी जी ने एक बैठक बुलाई थी जिसमें प्रमुख कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने हमें चुनाव के लिए मूल मंत्र दिया। हम सब बड़े चाव से उन्हें सुन रहे थे। उन्होंने कहा- बूथ जीता, इलेक्शन जीता। “
‘Booth jeeta, Election jeeta!’
This is one of the many iconic mantras by Modi that has helped with the party’s rise. A Haryana leader, reveals how this idea proved revolutionary in winning elections when Narendra Modi was the BJP state incharge.
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6. दूरी मापने के नरेन्द्र मोदी के अनोखे आइडिया को सभी ने किया पसंद
गुजरात के एक सहयोगी पराग नायक ने उन दिनों को याद किया जब वे अहमदाबाद के उत्तम नगर इलाके में आयोजित होने वाले शिविर के लिए ग्राउंड तैयार कर रहे थे। हर कोई पैदल ही उस विशाल ग्राउंड को माप रहा था और तभी श्री मोदी ने एक अनोखा विचार सुझाया।
यह वाकया 1985 का है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक विशाल शिविर आयोजित करने की योजना बनाई थी। श्री नायक ने कहा कि नरेन्द्र भाई ने हमें पैदल ही जमीन नापना बंद करने और दूरी मापने के लिए जीप की मदद लेने को कहा। इस आइडिया ने पराग नायक और अन्य लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया कि कोई वाहन का उपयोग करके पूरे ग्राउंड का सटीक माप कैसे प्राप्त कर सकता है!
पराग नायक ने कहा, “नरेन्द्र भाई वहां आए और पूछा कि हम लोग क्या कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हम ग्राउंड को चलकर मापने और मोटा-मोटी के बजाय सटीक माप प्राप्त करने के लिए मीटर को शून्य पर सेट कर जीप चलाते हैं। ऐसे सुझाव जो उन्होंने हर बार दिए, वे इतने मूल्यवान थे कि हमने उन पर बार-बार अमल किया।”
“Measuring distance? Try this.”
Narendra Modi gives prompt and out of the box solutions, even for ordinary problems, says a party colleague from Gujarat. This fascinating incident is a good example!
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7. पंजाब के पूर्व मंत्री ने किया इनोवेटिव इलेक्शन टिप्स को याद
पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ एक बातचीत को याद किया, जब वे भाजपा के राष्ट्रीय सचिव थे। उन्होंने याद किया कि कैसे एक बैठक के दौरान श्री मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जेब में टॉफियां ले जाने और बच्चों को देने की सलाह दी थी।
यह वाकया मनोरंजन कालिया ने एक वीडियो में बताया। श्री कालिया ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नरेन्द्र मोदी ने चंडीगढ़ में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर राज्यों की एक बैठक को संबोधित किया, जहां उन्होंने चुनावी सुझाव साझा किए जो ‘असाधारण’ थे।
श्री कालिया ने कहा, “बैठक के दौरान उन्होंने हमें कई चुनावी टिप्स दिए। एक दिलचस्प सलाह उन्होंने दी थी कि उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार करते समय टॉफियां अपनी जेब में रखनी चाहिए। अगर किसी माता-पिता के पास बच्चा है, तो बच्चे को टॉफ़ी दें। बच्चे खुश होंगे, तो उनके माता-पिता भी खुश होंगे। यह बहुत छोटी बात है लेकिन इसका बहुत बड़ा प्रभाव है।”
#ModiStory
Punjab leaders still remember the innovative election tips that Modi ji gave, while he was the party state in-charge.Manoranjan Kalia, ex-Punjab minister, talks about one such interesting tip that involves the kids.
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8. जब आपातकाल के दौरान पुलिस को चकमा देकर बचते रहे…
आपातकाल के काले दिनों के दौरान नरेन्द्र मोदी कांग्रेस सरकार द्वारा की गई ज्यादतियों के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। 1975 का एक दिलचस्प वाकया बताते हुए गुजरात के रहने वाले रोहित अग्रवाल ने कहा, “नरेन्द्र काका, सरदारजी का वेश बनाकर पुलिस को चकमा देकर बचते रहे।”
श्री अग्रवाल ने उस घटना को याद किया जब नरेन्द्र मोदी सरदार के वेश में घर से बाहर निकल रहे थे और ठीक उसी समय पुलिस उनकी तलाश में वहां पहुंच गई। अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि उनके घर में कोई भी उन्हें तुरंत नरेन्द्र मोदी के रूप में नहीं पहचान सका।
रोहित अग्रवाल ने कहा, “1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था, नरेन्द्र काका उस समय हमारे घर मधु कुंज में सरदारजी के वेश में हमारे साथ रह रहे थे। एक बार वह सरदार जी के वेश में बाहर निकल ही रहे थे तभी पुलिस पहुंच गई और उनसे पूछा- नरेन्द्र मोदी कहां रहते हैं? मोदी ने जवाब दिया मुझे नहीं पता। आप अंदर जाकर पूछ सकते हैं। जब पुलिस घर के अंदर गई तब तक वो मेरे भाई के साथ स्कूटर पर बैठकर वहां से चले गए। सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि हम भी नरेन्द्र मोदी की शक्ल से धोखा खा जाते थे।”
Do you know how Narendra Modi evaded police during emergency?
Rohit Agrawal from Gujarat narrates an interesting encounter.
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9. सदन के अंदर जाने से क्यों किया इंकार?
राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के दौरान एक वाकया को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पीएम मोदी हॉल के बाहर लॉबी में बैठ कर इंतजार करते रहे जहां चुनावी प्रक्रियाएं चल रही थीं और उन्होंने अंदर जाने से साफ इनकार कर दिया। इस अनुकरणीय कदम ने मेघवाल को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह लोकसभा सदस्य थे और उच्च सदन में उपसभापति पद के लिए चुनाव हो रहे थे।
एक वीडियो में मेघवाल ने याद किया कि राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के दिन पीएम मोदी को राज्यसभा तक ले जाने की उनकी ड्यूटी थी। जब उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की, तो प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या चुनावी प्रक्रिया खत्म हो गई है। उन्होंने मंत्री से टीवी पर समाचार ट्रैक करने और प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उन्हें सूचित करने के लिए कहा ताकि वे संसद के लिए रवाना हो सकें।
अर्जुन मेघवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझे टीवी न्यूज को ट्रैक करने के लिए कहा ताकि उपसभापति चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने की जानकारी मिल सके। कुछ समय बाद मैंने उनसे आग्रह किया कि जब तक हम पहुंचेंगे, चुनावी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। हम हॉल में प्रवेश करने वाले थे लेकिन उन्हें बताया गया कि चुनावी प्रक्रिया अभी भी चल रही है। तुरंत उन्होंने अंदर नहीं जाने का फैसला किया और बाहर लॉबी में बैठने का फैसला किया। मार्शल ने आकर उनसे कहा कि प्रधानमंत्री सदन के अंदर जा सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मैं लोकसभा का सदस्य हूं और इसलिए अंदर नहीं जा सकता क्योंकि राज्यसभा के उपसभापति के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है। संसदीय प्रक्रियाओं के प्रति प्रधानमंत्री की इतनी सादगी और प्रतिबद्धता ने मुझे रोमांचित कर दिया।”
#ModiStory
Union Minister Shri Arjun Meghwal was once escorting PM Shri Narendra Modi to the Rajya Sabha. But the PM refused to go inside for a reason, which is truly exemplary!For more: https://t.co/9iulCar3rR@arjunrammeghwal @themodistory pic.twitter.com/lpRr8s6pts
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10. कभी नहीं लगा कि हम भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं
ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा पीएम मोदी के सरल व्यवहार से काफी प्रभावित हैं। नाश्ते पर एथलीटों और सपोर्टिंग स्टाफ की मेजबानी के दौरान प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत को याद करते नीरज चोपड़ा ने कहा कि ऐसा कभी नहीं लगा कि हम पीएम से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी वहां मौजूद हर शख्स के साथ बेहद सौहार्दपूर्ण रहे।
नीरज ने कहा कि पीएम मोदी को प्रत्येक खिलाड़ी के बारे में व्यक्तिगत जानकारी थी और ओलंपिक के लिए रवाना होने से पहले किसने क्या कहा था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का ऐसा विनम्र और सरल व्यवहार, बेहद सुखद और स्वाभाविक लगा। प्रधानमंत्री ने भारतीय खेल जगत में हो रहे परिवर्तनों के बारे में भी बात की।
उन्होंने आगे कहा, “नरेन्द्र मोदी सर के पीएम बनने के बाद भारतीय गेम्स में खेलो इंडिया जैसे कई बदलाव देखने को मिले हैं। किसी भी इवेंट में हिस्सा लेने से पहले हमें उनका काफी सपोर्ट मिलता है। वह नागरिकों से हमारे लिए जयकार करने के लिए कहते हैं। इस बार ओलंपिक के दौरान चीजें बहुत अलग थीं। गेम्स से लौटने के बाद सभी एथलीटों को समान सम्मान मिला, भले ही उन्होंने पदक जीता हो या नहीं। पदकों को अलग रखते हुए उन्होंने प्रत्येक एथलीट से मुलाकात की, जो बहुत ही सुखद अनुभव था।”
“We never felt like we were speaking with the Prime Minister of India. Such unpretentious behaviour is heartening.” Olympic gold medalist @Neeraj_chopra1 moved by Narendra Modi’s simplicity and affability!
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11. कैसे पीएम मोदी की प्रशंसा ने प्रेरित किया
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एक वीडियो में याद किया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निरंतर समर्थन और प्रशंसा ने उन्हें देश का नाम रोशन करने के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक से पहले और बाद में और साथ ही पद्म भूषण प्राप्त करने के दौरान पीएम मोदी के साथ अपनी मुलाकात को याद किया और उन्हें ‘सबसे यादगार पल’ करार दिया।
सिंधु ने कहा कि जब पीएम मोदी ने उन्हें यह कहकर बधाई दी, “आपने देश के लिए वास्तव में अच्छा किया है” उनके लिए बहुत मायने रखता है। आगे उन्होंने कहा कि जब एथलीटों को पदक मिले, तो पीएम की प्रशंसा ने सभी को वास्तव में खुश कर दिया। उन्होंने याद किया कि कैसे पीएम मोदी ने सभी एथलीटों से युवाओं को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
पीवी सिंधु ने कहा, “पीएम मोदी, सिर्फ एक नेता से कहीं ज्यादा हैं। खेल के प्रति उनका दृष्टिकोण अनुकरणीय है। वह जो कुछ भी कहते हैं और जिस तरह से कहते हैं कि….. हम करेंगे और हम कर सकते हैं… प्रोत्साहित करना और शिक्षित करना बहुत बड़ी बात है। ओलंपिक के लिए जाने से पहले उन्होंने सभी एथलीटों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत की थी। उनके शब्दों ने हमें बहुत आत्मविश्वास और प्रोत्साहन दिया। जिस तरह से उन्होंने हमें प्रोत्साहित किया वह बहुत मायने रखता है क्योंकि किसी कार्यक्रम से पहले इस तरह के प्रेरक शब्द बहुत बड़ी बात है।”
#ModiStory
“Not just another leader!”
This is what @pvsindhu1 had to say about PM Narendra Modi. She talks about how the constant support & appreciation from PM inspires her for doing more.Congratulations to #PVSindhu on winning #SwissOpen2022.https://t.co/9iulCarBhp pic.twitter.com/VBeKFuVKqF
— Modi Story (@themodistory) March 27, 2022
12. अपने प्रति पीएम मोदी की चिंता दिल को छू गई
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन में दीपा मलिक सहित अन्य खिलाड़ी विशेष आमंत्रित थे। जब पीएम मोदी उनसे बातचीत करने आए तो एथलीट, उनका अभिवादन करने के लिए इतने उत्साहित थे कि वे व्हीलचेयर पर बैठी दीपा मलिक के ऊपर लगभग चढ़ गए। यह देखकर पीएम ने उनसे दीपा का ध्यान रखने का आग्रह किया क्योंकि उनकी रीढ़ की हड्डी की कई सर्जरी हुई थी।
इस प्रसंग का जिक्र करते हुए दीपा मलिक ने कहा कि उनके लिए पीएम मोदी की चिंता, उनके दिल को छू गई और उन्हें खुशी हुई। दीपा ने घटना को याद करते हुए कहा कि कैसे पीएम मोदी ने अन्य एथलीटों को उनपर गिरने से रोका और खुद उनके सिर के पीछे हाथ रखा था।
दीपा ने कहा, “लोगों ने मेरे ऊपर से उनके पास पहुंचने की कोशिश की। फिर जल्दी से मोदी जी ने मेरे सिर के पीछे हाथ रखा और मेरी रक्षा की। प्रधानमंत्री ने उन लोगों को बताया की मेरी पीठ की कई सर्जरी हुई हैं। उन्होंने एथलीटों से मुझे चोट न पहुंचाने का आग्रह किया। मुझे बहुत खुशी हुई कि प्रधानमंत्री ने मेरी रीढ़ की हड्डी की चोटों के बारे में चिंता और मेरी रक्षा की।
I’ve had the privilege of interacting with Hon. PM @narendramodi ji many a times. One interaction that I will never forget was when Modiji himself wheeled my wheelchair to the stage! Watch this story and more more here: https://t.co/GildVTP7Oy@PMOIndia @BJP4India
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) March 27, 2022