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राजस्थान में ‘पोपाबाई का राज’ चल रहा है क्या? करौली-जोधपुर की आग ठंडी नहीं हुई और नागौर-भीलवाड़ा में हिंसा, दंगों को हल्के में ले रही गहलोत सरकार इनको रोक पाने में पूरी तरह नाकाम

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राजस्थान में इन दिनों ऐसा लग रहा है कि यहां कानून-व्यवस्था के बजाए गुंडों का राज चल रहा है। बच्चियों से लेकर महिलाओं तक के दुष्कर्म के मामले में राजस्थान बदनाम है ही। हालात यह है कि मरुधरा को देशभर में रेपिस्तान का बदनुमा मैडल लिए हुए है। रेप में नंबर वन बनने के बाद अब हिंसा, आगजनी और दंगों की घटनाएं एक के बाद एक सामने आ रही हैं। करौली हिंसा की आग अभी ठंडी ही नहीं पड़ी थी कि पूरे सुनियोजित तरीके से सीएम का घर जोधपुर सुलग उठा। अभी जोधपुर के जख्म भी नहीं भरे हैं कि नागौर और भीलवाड़ा से पथराव और हिंसा की चिंगारियां फूटने लगी हैं। मानो राजस्थान में कांग्रेस का नहीं पोपाबाई का राज चल रहा हो !! राजस्थान में तो गाहे-बगाहे इस जुमले का प्रयोग होता ही रहता है। खास तौर पर जहां अव्यवस्था हो, अराजकता हो या लगे कि कानून का राज नहीं है। मतलब जहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आए, उसको ‘पोपाबाई का राज’ कहा जाता है। इस जुमले को कमोबेश हर कोई चटखारे के साथ बोलता है।

सीएम के ‘घर’ में हिंसा महज संयोग नहीं, बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित थी
राजस्थान में अजीब हालात इसलिए भी बने हुए हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहीं भी हिंसा या दंगों की बात स्वीकार ही नहीं रहे हैं। हिंसा के वीडियो वायरल होने के बावजूद उनके लिए यह छुट-पुट घटनाएं हैं। दूसरी ओर पड़ताल में यह शीशे की तरह साफ हो गया है कि जोधपुर में हिंसा महज एक इतेफाक नहीं था कि ईद, अक्षय तृतीया के दिन ही जोधपुर में दंगे भड़क उठे। सामान्यत: घरों और दुकानों में न मिलने वाली तेजाब की बोतलें, उस दिन दर्जनों दंगाइयों के हाथों में थीं। एक गली से शुरू हुआ उपद्रव देखते-देखते ही जोधपुर के कई इलाकों में पहुंच गया। सब कुछ पहले से प्लांड था और जिस तरह से घटनाएं घटी, ये भी तय है कि ये प्लानिंग काफी समय से की जा रही थी।

ग्राउंड रिपोर्ट : पुलिस को जालोरी गेट पर बिजी कर दंगाइयों से शहर में आतंक मचाया
जोधपुर की ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट में जो सच सामने आया वो सिर्फ हैरान करने वाला नहीं, होश उड़ाने वाला था। दंगाइयों ने पहले से प्लान कर रखा था कि पुलिस मौके पर पहुंचे तो क्या करना है। यही वजह थी कि भारी पुलिस फोर्स होने के बावजूद पुलिस को हालात को कंट्रोल करने में कई घंटे लग गए। जालोरी गेट चौराहे पर जब सैकड़ों की तादाद में लोग प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस के कई बड़े अफसरों सहित 200 से ज्यादा का अमला भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ रही थी। दंगाइयों को इसी मौके का इंतजार था। पुलिस जालोरी गेट चौराहे पर बिजी थी और दंगाई शहर के भीतरी इलाकों की तरफ निकल गए। दंगाइयों ने कबूतरों का चौक, सोनारो का बास, ईदगाह मस्जिद, जालोरी गेट, शनिचरजी का थान, ईशाकिया आदि मोहल्लें में 3-4 घंटे तक जमकर आतंक मचाया।

नागौर: जोधपुर की तपिश ठंडी होने से पहले ही दो गुटों ने मचाया बवाल
जोधपुर में ईद के दिन हुई हिंसा का मामले की तपिश अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अब राज्य के नागौर से बवाल की खबर सामने आ रही है। यहां दो गुट आपस में ही भिड़ गए, बताया जा रहा है कि नागौर में ईद मनाने को लेकर कहासुनी के बाद दो पक्ष आपस में भिड़ गए । मामूली कहासुनी से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि दोनों गुट आपस में लड़ने मरने-मारने पर उतारू हो गए। नागौर स्थित किदवई कॉलोनी में मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों में किसी बात को लेकर विवाद छिड़ गया, और दोनों पक्ष के लोगों के बीच कहासुनी शुरू हो गई और देखते ही देखते दोनों पक्षों के लोग उग्र हो गए और एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। दोनों ओर से जमकर पत्थर चलाए गए वहीं उपद्रवियों ने कुछ बाइकें तोड़ दी इस पत्थरबाजी में आधा दर्जन लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है।

भीलवाड़ा: एक दर्जन से ज्यादा नकाबपोशों ने मारपीट करके बाइक जलाईं
राजस्थान में जोधपुर-नागौर के बाद अब भीलवाड़ा सुलग रहा है। यहां सांगानेर में बुधवार रात को यहां दो युवकों के साथ एक दर्जन से ज्यादा नकाबपोशों ने मारपीट करके उनकी बाइक जला दी। इसके बाद लोगों ने हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घायलों को अस्‍पताल ले जाने का विरोध किया। हालांकि, पुलिस-प्रशासन की समझाइश के बाद घायलों को जिला अस्‍पताल में भर्ती करा दिया गया। घायलों को इलाज के लिए ले जाने के बाद भी शहर में तनाव कम नहीं हुआ। हालात को देखते हुए सांगानेर इलाके में 33 थानों के 150 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है।

हमलावरों की तलाश के लिए CCTV फुटेज खंगाल रही है भीलवाड़ा पुलिस
भीलवाड़ा प्रशासन ने आज (गुरुवार) सुबह पूरे जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया। भीलवाड़ा के एसपी आदर्श सिद्धू के मुताबिक सांगानेर के करबला रोड पर बैठे हुए दो युवकों पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इसके बाद हालात बिगड़े। अब तक दोनों युवकों पर हमले की वजह का पता नहीं चल पाया है। दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मारपीट और बाइक जलाने के मामले में पुलिस टीम हमलावर की तलाश में जुटी है। घटनास्थल के आसपास और शहर से बाहर जाने वाले रास्तों पर CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। लोगों से सूचना जुटाकर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। भीलवाड़ा का उपनगर सांगानेर अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में माना जाता है। राजस्थान में करौली, अलवर, जोधपुर, नागौर और अब भीलवाड़ा में माहौल खराब करने की कोशिश के तौर पर इस घटना को देखा जा रहा है।

जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था…

रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था…इसी तर्ज पर राजस्थान में जब मुख्यमंत्री का घर (जोधपुर) जल रहा था तो वो जन्मदिन की बधाइयां लेने, गुलदस्ते और बुके लेने में मशगूल थे। जोधपुर में हिंसा एक के बाद एक दूसरे थानों तक बढ़ती रही। दंगाई और पत्थरबाजों ने एक कदम आगे जाकर एक युवक की पीठ में चाकू तक घोंप दिया। करौली के बाद अब जोधपुर में हिंसा का ताडंव हुआ और गहलोत सरकार और उसका प्रशासन उसे रोक पाने में विफल रहा। हैरानी की बात तो यह है कि देशभर में करौली दंगों के वीडियो वायरल होने और सरकार को कठघरे में खड़ा करने के बावजूद सीएम अशोक गहलोत कह रहे हैं, “हम लोगों ने कहीं दंगा कहीं होने नहीं दिया। न करौली में, न राजगढ़, न जोधपुर में। इसलिए कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, कोई बड़ी घटना नहीं हुई।” करौली में हुए दंगों के लिए तो सीएम गहलोत ने बीजेपी अध्यक्ष नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के दौरों को दोषी ठहरा दिया था, लेकिन अब सीएम किसे दोष देंगे?

जोधपुर में हिंसा के 12 घंटे बाद भी पुलिस उपद्रवियों को रोकने में नाकाम रही
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बंद आंखों से क्या देख पा रहे हैं, यह तो वही जानें, लेकिन हकीकत यह है कि जोधपुर में ईद के मौके पर जमकर बवाल के बाद तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने जोधपुर के 10 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। उपद्रव, हिंसा, पत्थरबाजी और चाकूबाजी के बाद लोगों ने सूरसागर इलाके में विधायक के घर के बाहर आगजनी की। जोधपुर में दो गुटों के बीच हुए विवाद के 12 घंटे बाद भी पुलिस उपद्रवियों को रोकने में नाकाम रही।

उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया, तेजाब की बोतलें फेंकी
शहर को जलाने में उपद्रवी एक बार फिर सफल रहे। प्लानिंग के साथ आए उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। तेजाब से भरी बोतलें घरों पर फेंकी। दहशत फैलाने के लिए तलवारें लहराई। कबूतरों का चौक में दीपक परिहार नाम के युवक की पीठ पर चाकू से हमला कर दिया। युवक को महात्मा गांधी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां ऑपरेशन कर चाकू निकाला गया। इस सारे मामले की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है।

 

जोधपुर जल रहा था, तब मुख्यमंत्री जन्मदिन के गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे- शेखावत
केंद्रीय मंत्री जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जोधपुर जल रहा था और मुख्यमंत्री जन्मदिन के गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे । समुदाय विशेष के लोगों ने घरों में घुसकर महिलाओं से बदतमीजी की, लोगों के घरों पर हमला किया। इसके बाद एक राय होकर चौक में धर्म विशेष के नारे लगाए। पुलिस कार्रवाई करने की जगह खड़ी होकर देखती रही। ऐसा लगता है कि पुलिस-प्रशासन किसी के दबाव में काम कर रहा है।

भाजपा सीएम गहलोत पर हमलावर, धरने पर बैठे गजेंद्र सिंह शेखावत
हिंसा को लेकर भाजपा मुख्मंत्री गहलोत पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत धरने पर बैठ गए हैं। वहीं सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। गहलोत सरकार के राज में तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है। मामले को लेकर पूनिया ने कहा कि इस तरह के घटना कांग्रेस के संरक्षण में किया जाता है। पूनिया ने कहा कि इस तरह के मामले बहुसंख्यक समुदाय पर चोट है। प्रदेश के शांति, लोगों की सुरक्षा के लिए वोट की राजनीति छोड़कर गहलोत जी को जनसुरक्षा की चिंता करनी चाहिए।

दंगों और पत्थरबाजी को कंट्रोल करने के बजाए अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा ठप
कांग्रेस सरकार का परीक्षाओं से लेकर दंगों तक एक ही रवैया रहता है। जोधपुर में दंगों को कंट्रोल तो किया नहीं गया, बस इसके नाम पर प्रशासन ने पूरे जोधपुर जिले में अगले आदेशों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने इसका आदेश जारी कर दिया है। इधर ईदगाह की नमाज को ध्यान में रखते हुए पुलिस का शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में भारी जाब्ता तैनात किया गया है। मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि मौजूदा हालात देखते ज्यादा से ज्यादा लोग अपने नजदीक की मस्जिदों में नमाज अदा करें।

तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले सीएम गहलोत से इस्तीफे की मांग
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भी गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करौली, अलवर और जालौरी गेट, जोधपुर सहित पूरे प्रदेश में हो रही घटनाओं से प्रदेश के सांप्रदायिक सोहार्द बिगड़ने की घटनाएं निंदाजनक है। लचर कानून व्यवस्था वाली कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति का खामियाजा आज पूरा प्रदेश भुगत रहा है। ऐसी भ्रष्ट व कुत्सित मानसिकता वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। अगर नैतिकता का अंश बचा हो तो, गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत जी को अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

 

मुख्यमंत्री गहलोत का हास्यास्पद दावा, प्रदेश में कहीं दंगा नहीं हुआ, न बड़ी घटना हुई
जोधपुर में हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। भाजपा हिंसा को लेकर गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। सीएम गहलोत ने दावा किया है “हम लोगों ने कहीं दंगा कहीं होने नहीं दिया। न करौली में, न राजगढ़, न जोधपुर में। इसलिए कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, कोई बड़ी घटना नहीं हुई।” उन्होने ट्वीट कर कहा कि आप जानते हो कि जब भी हिंदू-मुस्लिम के दंगे हुए हैं तो क्या स्थिति बनती है। देश के अंदर क्या-क्या हालात हुए हैं। यूपी, बिहार और गुजरात के अंदर, जहां-जहां दंगे हुए हैं, वो इतिहास में काले अक्षर में लिखा गया है।

राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा-कांग्रेस राज में औरंगजेबी मानसिकता हावी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में औरंगजेबी मानसिकता किस तरह हावी हो गई है, यह जोधपुर की घटना से साफ पता चलता है। जालोरी गेट पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति से झंडा उतारकर विशेष तरह का झंडा फहराना और फिर पत्थरबाजी की घटना, बिना सत्ता के संरक्षण में संभव नहीं हो सकती है।

 

 

 

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