Home समाचार दुनियाभर में UPI की धाक, अमेरिका के चौखट तक पहुंचा, इसीलिए कुलबुलाए...

दुनियाभर में UPI की धाक, अमेरिका के चौखट तक पहुंचा, इसीलिए कुलबुलाए हुए हैं जार्ज सोरोस!

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल विजन से डिजिटल भुगतान के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) तक ने यूपीआई को लेकर भारत को सराहा है। देश की बात करें तो यूपीआई से होने वाले पेमेंट के आंकड़े में महीने-दर-महीने तेजी देखने को मिल रही है। इस पेमेंट सिस्टम की लोकप्रियता के चलते सरकार लगातार इसके विस्तार पर फोकस कर रही है और अब UPI वैश्विक ब्रांड के तौर पर पहचान बनाता जा रहा है। पीएम मोदी के मजबूत भारत के संकल्प में भारतीय पेमेंट सिस्टम UPI मील का पत्थर साबित हो रही है। UPI करीब 50 से अधिक देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है। अब UPI अमेरिका के चौखट तक पहुंच गया है और Visa एवं MasterCard को टक्कर दे रही है। इससे जहां अमेरिका तिलमिलाया हुआ है वहीं उसके डीपस्टेट एजेंट जार्ज सोरोस कुलबुलाए हुए हैं। क्योंकि Visa और MasterCard की दुनिभायर में बादशाहत है और अरबों का बिजनेस है। ऐसे में उन्हें डर है UPI कहीं Visa और MasterCard का कारोबार खत्म न कर दे।

MasterCard और Visa का कारोबार सिमटने का अंदेशा, सोरोस के पैरों के नीचे से जमीन खिसकी

भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। इससे MasterCard और Visa का कारोबार सिमटने का अंदेशा गहरा गया जिससे अमेरिका और जार्ज सोरोस के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। MasterCard का कारोबार वर्ष 2022 में 22.24 बिलियन डॉलर था। इसकी कर्मचारियों की संख्या 29,900 थी। मास्टरकार्ड की स्थापना 58 साल पहले 1966 में हुई थी। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क में है। कंपनी का राजस्व 2022 में 22.23 अरब डॉलर, 2021 में 18.88 अरब डॉलर, वर्ष 2020 में 15.30 अरब डॉलर था। इसी तरह अमेरिकी कंपनी Visa का वर्ष 2022 में राजस्व 30.18 अरब डॉलर, इसी तरह अमेरिकी कंपनी PayPal का राजस्व 27.51 अरब डॉलर और अमेरिकी कंपनी Western Union 4.47 अरब डॉलर रहा। इसके बरक्स UPI अब तेजी से दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है इससे अमेरिका और जार्ज सोरोस के पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी है।

RuPay की विकास गाथा, 65.1 करोड़ से अधिक RuPay कार्ड जारी

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 के अंत तक, देश में 65.1 करोड़ से अधिक RuPay डेबिट कार्ड जारी किए गए थे। यह जारी किए गए कुल डेबिट कार्डों का 65 प्रतिशत से अधिक है। दूसरी ओर, RuPay कार्ड का भारत में क्रेडिट कार्ड बाजार में 3 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। भारतीय कार्ड बाजार में RuPay ने अपनी स्थापना के बाद से एक बड़े बाजार में हिस्सेदारी हासिल कर ली है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, RuPay की बाजार हिस्सेदारी 30 नवंबर, 2020 तक जारी किए गए कुल कार्डों में 60 प्रतिशत से अधिक हो गई थी, जो 2017 में 17 प्रतिशत थी।

दुनिया के 50 से अधिक देशों में पहुंच चुकी UPI सेवाएं 

तेज गति भुगतान और आसान उपयोग की वजह से भारत का यूपीआई दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। अब सिंगापुर के पे-नाऊ और भारत के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सीमा पार कनेक्टिविटी लॉन्च हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम हेसिन लूंग इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ के साक्षी बने। भारत से बाहर UPI सेवाओं को शुरू करने जा रहा सिंगापुर भले ही नया नाम हो, लेकिन इससे पहले यह पेमेंट सिस्टम कई देशों में पहुंच चुका है। रुपे के माध्यम से पहले से ही कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है। इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही यूरोप के देशों, फ्रांस एवं अन्य देशों के साथ ही 30 अन्य देशों में इसकी सेवाओं के लिए बातचीत चल रही है।

आस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान जैसे देशों से की जा रही बातचीत

Singapore के साथ यूपीआई सेवाओं की शुरुआत के बाद अन्य कई देशों में इसके उपयोग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इस लिस्ट में आस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, वियतनाम, जापान, ताइवान जैसे देश शामिल हैं… रिपोर्ट की मानें तो तकरीबन 30 देशों के साथ UPI प्रणाली को अपनाने पर बातचीत जारी है।  

जनवरी 2023 में यूपीआई बेस्ड ट्रांजेक्शन 13 लाख करोड़ रुपये का रहा

आरबीआई की जानकारी के मुताबिक, यूपीआई के जरिये लेन-देन जनवरी में मासिक आधार पर 1.3 फीसदी बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपये रहा। भारत में भुगतान प्रणाली के रूप में पेश किए जाने के बाद से इसने न केवल भारतीयों के वित्तीय जीवन में क्रांति ला दी है, बल्कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली लगातार विश्व स्तर पर आकर्षक होती जा रही है और इसे अन्य देशों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।

जी-20 देशों के यात्री अब यूपीआई के जरिये कर सकेंगे भुगतान

भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस दौरान जी-20 की कई बैठकें हो रही हैं जिसमें विदेशी प्रतिनिधि भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। आरबीआई ने भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को भारत आने पर यूपीआई का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस तरह 20 देशों के यात्री अब परचून की दुकान पर पेमेंट कर सकेंगे। इससे उन्हें यूपीआई की खासियत समझने में आसानी होगी फिर वे चाहेंगे कि अपने देश में इसका उपयोग करें।

जी20 देशों के प्रतिनिधि बैठक स्थलों पर सुविधा का लाभ उठा सकेंगे

आरबीआई ने कहा कि जी20 देशों के प्रतिनिधि भी विभिन्न बैठक स्थलों पर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। शुरू में, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और दो गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ता, पाइन लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड यूपीआई से जुड़े वॉलेट जारी करेंगे। आरबीआई ने कहा कि भारत आने वाले यात्री अब पूरे देश में पांच करोड़ से अधिक उन दुकानों पर यूपीआई के जरिये भुगतान कर सकते हैं, जो क्यूआर कोड-आधारित यूपीआई भुगतान स्वीकार करते हैं।

जी-20 देशों में विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश

जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

UPI लगातार खुद कर रहा अपग्रेड, अब हर बार PIN डालने का झंझट खत्म

UPI का इस्तेमाल शहर से लेकर गांव तक काफी तेजी से हो रहा है। इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने पिन का इस्तेमाल करना होता है और पेमेंट हो जाता है। इस सर्विस को और आसान बनाने के लिए सरकार ने UPI Lite सर्विस को लॉन्च किया था। अब पेटीएम पेमेंट बैंक ने भी यूपीआई लाइट फीचर को यूजर्स के लिए लाइव कर दिया है। इस फीचर के आने के बाद अब आपको कम रुपयों की पेमेंट्स के लिए बार बार पेमेंट करते वक्त पिन डालने की जरूरत नहीं होगी।

अब RuPay Card और UPI पेमेंट की सुविधा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

दुनियाभर में पेमेंट सर्विसेज देने वाली वर्ल्डलाइन (Worldline) ने यूरोप में भारतीय पेमेंट माध्यमों का विस्तार करने के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स के साथ हाथ मिलाया है। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अंतरराष्ट्रीय शाखा है। आपको बता दें कि भारत में एनपीसीआई ही डिजिटल भुगतान का संचालन करता है। एनपीसीआई के साथ हुए समझौते के तहत वर्ल्डलाइन व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को यूपीआई से भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देकर यूरोपीय बाजारों में भारतीय ग्राहकों के लिए और अधिक सुविधा लाएगा। इससे रुपे कार्ड (RuPay Card) की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स के सीईओ रितेश शुक्ला ने एक बयान में कहा कि वर्ल्डलाइन के रूप में हमें एक ऐसा भागीदार मिला है जो हमें यूरोपीय बाजारों के साथ-साथ एक हाईटेक और यूनिवर्सल समाधान प्रदान करता है। पूरे यूरोप में यूपीआई-संचालित ऐप्स और रुपे कार्ड से पेमेंट शरू होना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

यूपीआई सेवाओं के लिए मुख्य रूप से इन देशों के साथ समझौता हो चुका है। इन पर एक नजर-

सिंगापुर

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI का लगातार विस्तार हो रहा है। देश का ये पेमेंट सिस्टम कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में सिंगापुर का नाम भी जुड़ गया है। भारत और सिंगापुर के बीच मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मनी ट्रांसफर की सुविधा का उद्घाटन पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने किया। इसके तहत UPI, सिंगापुर के Paynow से कनेक्ट होगा। भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर किए जा सकेंगे।

भूटान

एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की अंतरराष्ट्रीय शाखा और भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) ने भूटान में भीम यूपीआई क्यूआर-आधारित भुगतान को सक्षम और कार्यान्वित करने के लिए भागीदारी की।

नेपाल

नेपाल वह पहला देश था जिसने UPI को अपने देश में लागू किया गया था। नेपाल की मनम इन्फोटेक और गेटवे पेमेंट्स सर्विस के सहयोग से, व्यक्ति-से-व्यक्ति, व्यक्ति-से-व्यापारी और सीमा-पार भुगतान चालू हो गए। हैं।

मलेशिया

मलेशिया में भी यूपीआई सेवाएं चालू हो गई हैं। मर्चेंटट्रेड एशिया ने भारत को वास्तविक समय में आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल के साथ भागीदारी की है। इस साझेदारी ने मर्चेंटट्रेड और उसके नेटवर्क को एनआईपीएल से जुड़ने और यूपीआई के माध्यम से भारत में लाभार्थी बैंकों को प्रेषण की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाया है।

ओमान

सेंट्रल बैंक ऑफ ओमान (सीबीओ) और एनआईपीएल के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन ने भारतीय रुपे कार्ड और ओमान में यूपीआई प्लेटफॉर्म को भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों को लाभान्वित करने के लिए निर्बाध डिजिटल प्रेषण की सुविधा प्रदान की है।

फ्रांस

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की इंटरनेशनल यूनिट ने फ्रांस में यूपीआई और रूपे को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है। यह समझौता फ्रांस की Lyra Network के साथ हुआ है। पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी यूपीआई (UPI) और रूपे (Rupay) की पहुंच अब यूरोप (Europe) तक होने वाली है। आने वाले समय में फ्रांस (France) में यूपीआई और रूपे दोनों की सर्विस उपलब्ध होने जा रही है।

यूपीआई फ्रांस में क्रांति ला देगाः भारत के राजदूत

फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने बताया कि डिजिटल पेमेंट का (Digital Payment) यह पारदर्शी तरीका फ्रांस में काफी प्रभावी होने वाला है। उन्होंने बताया कि एक बार वो डॉक्टर के पास गए, जहां सिर्फ कैश या चेक से ही पेमेंट हो सकता था। इस कारण उन्हें एटीएम जाना पड़ गया था। उन्होंने कहा, ‘अगर यूपीआई फ्रांस में उपलब्ध हुआ तो फ्रांस के लोगों को भी बहुत फायदा होगा।’

ब्रिटेन

सीमा-पार भुगतान समाधानों को और मजबूत करने के लिए टेरापे और ​पेएक्सपर्ट ने एनआईपीएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन साझेदारियों ने भारत में भारतीय ग्राहकों और व्यापारियों को एक सक्रिय यूपीआई आईडी के साथ सीमा पार भुगतान करने और स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।

यूरोपीय देशः स्विटज़रलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग

एनआईपीएल ने यूरोप भर में भारतीय भुगतान चैनलों की स्वीकार्यता बढ़ाने के इरादे से यूरोपियन पेमेंट सर्विसेज फैसिलिटेटर वर्ल्डलाइन के साथ साझेदारी की है, खासकर नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, स्विटज़रलैंड आदि जैसे देशों में। इस साझेदारी के तहत, वर्ल्डलाइन का क्यूआर कोड-आधारित तंत्र यूरोप में व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को भारतीयों से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके यूपीआई भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देगा।

जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने जारी किया 10 लाख RuPay JCB card

जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने 10 लाख RuPay JCB card जारी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर लिया है। JCB Card International (South Asia) के प्रबंध निदेशक सतरो मोरी ने कहा कि उनकी फर्म National Payments Corporation of India (NPCI) से साझेदारी को मजबूत करना चाहती है। फर्म का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कार्ड की सदस्यता 30 गुना बढ़ाना है। वर्तमान समय में जेसीबी इंटरनैशनल का 12 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से गठजोड़ है जो JCB RuPay credit card जारी करते हैं। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, सिटी यूनियन बैंक, यूनियन बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, फेडरल बैंक और ठाणे जनता सहकारी बैंक शामिल हैं।

जार्ज सोरोस और कांग्रेस पार्टी ने अपना हित साधना के लिए किस तरह हाथ मिला लिया, इस पर एक नजर –

नेहरू ने 1952 में दे दी जार्ज सोरोस जैसे अमेरिकी डीप स्टेट को मंजूरी

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के लिए काम करने वाली संस्था फोर्ड फाउंडेशन का दफ्तर 1952 में ही भारत में खुल गया। मजे की बात है कि फोर्ड फाउंडेशन ने अलग से कोई कर्यालय नहीं खोला बल्कि संयुक्त राष्ट्र के सूचना केंद्र से ही काम करना शुरू कर दिया और नेहरू सरकार ने इसकी अनुमति भी दे दी। आज अमेरिकी अरबपति कारोबारी जार्ज सोरोस अपना हित साधने और अमेरिका के फायदे के लिए हिंदुस्तान को कमजोर करने में जुटा हुआ है और भारत के राष्ट्रवाद पर हमले कर रहा है। आज राहुल गांधी जार्ज सोरोस की भाषा बोल रहे हैं तब इस गठजोड़ को समझना जरूरी हो जाता है।

नेहरू शासन काल में 1952 में भारत में स्थापित हुआ CIA से जुड़ा फोर्ड फाउंडेशन

यह सर्वविदित है जार्ज सोरोस, फोर्ड फाउंडेशन और अन्य अमेरिकी एनजीओ अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के इकोसिस्टम का हिस्सा रही है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शासन काल में 1952 में CIA से जुड़ा फोर्ड फाउंडेशन भारत में स्थापित हुआ, तब से लेकर अब तक लाखों डॉलर भेजे गए, जब तक कि मोदी शासन ने इस पर लगाम नहीं लगाई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने बिना किसी मंजूरी के सरकारी अधिकारियों को विदेशी टूर और छात्रवृत्ति प्रदान करके फोर्ड फाउंडेशन के माध्यम से घुसपैठ की।

फोर्ड फाउंडेशन ने भारत में लगभग 508 मिलियन डॉलर भेजे

फोर्ड फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार, इसने भारत में लगभग 508 मिलियन डॉलर भेजा है, जिसका कार्यालय 55, लोधी एस्टेट, दिल्ली में है। जो वही पता है जो भारत में संयुक्त राष्ट्र सूचना केंद्र का पता है। 1952 में भारत सरकार के साथ “हस्ताक्षरित ज्ञापन” के तहत 2014 तक वह इम्यूनिटी का लाभ उठाता रहा!

खाने दांत और दिखाने के और…जयराम रमेश ने कहा- जॉर्ज सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावों के परिणाम तय नहीं कर सकते

कांग्रेस का यह बयान कि जॉर्ज सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावों के परिणाम तय नहीं कर सकते। यही साबित करता है कि उसके खाने दांत और दिखाने के और हैं। क्योंकि अगर सोरोस से कांग्रेस पार्टी का कोई संबंध नहीं है तो 2009 में शशि थरूर और सोरोस के बीच मुलाकात क्यों हुई थी और उसके दो दिन बाद वह मनमोहन सिंह सरकार में शामिल किए गए थे।

सोरोस ने लोकतंत्र पर उठाया सवाल तो कांग्रेस ने किया बचाव

अमेरिकी कारोबारी जार्ज सोरोस का भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत में नेहरूवादी विरासत यह सुनिश्चित करती है कि अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावों के परिणाम तय नहीं कर सकते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है। रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।

जार्ज सोरोस, राहुल गांधी, सलिल शेट्टी का कैम्ब्रिज कनेक्शन

राहुल गांधी ने मई 2022 में ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कार्यक्रम के एक भाग के रूप में कैम्ब्रिज पहुंचे थे। यह देखना महत्वपूर्ण है कि इस कार्यक्रम का आयोजन किसने किया था। इसका आयोजक “ब्रिज इंडिया” था। ‘ब्रिज इंडिया’ ने अपनी वेबसाइट पर समृद्ध भारत को सूचीबद्ध भागीदारों में से एक बताया है। समृद्ध भारत के सलाहकारों में से एक सलिल शेट्टी हैं जो जार्ज सोरोस के ओपन फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट हैं। सलिल शेट्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हो चुके हैं। अब इससे आप समझ सकते हैं कि मई 2022 में राहुल गांधी के ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कार्यक्रम की रूपरेखा किसने बनाई। इसके बाद राहुल गांधी देश को कमजोर करने और तोड़ने वाली भाषा में कहते हैं- देश में केरोसिन छिड़का जा चुका है केवल एक चिंगारी की जरूरत है। इससे यह सवाल उठता है कि राहुल गांधी और जार्ज सोरोस देश को कमजोर करने वाली भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।

जार्ज सोरोस का कैंब्रिज से संबंध

जॉर्ज सोरोस का ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (OSF) लंदन 2013 से यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज के गिल्ड ऑफ़ बेनिफैक्टर्स का सदस्य है।

राहुल गांधी इस साल फिर जाएंगे कैम्ब्रिज, श्रुति कपिला होंगी होस्ट

इस साल आने वाले महीने में राहुल गांधी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जज बिजनेस स्कूल को संबोधित करने वाले हैं। पिछले साल की तरह इस बार फिर से आगामी कैंब्रिज कार्यक्रम के मेजबान के रूप में ‘श्रुति कपिला’ हैं। आप जानते हैं क्यों।? यदि आप श्रुति कपिला के ट्वीट और लेख देखें तो आप पाएंगे कि राजनीतिक आलोचना से कांग्रेस पार्टी का बचाव करने में सबसे आगे रही हैं और समय-समय पर कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में राहुल और कांग्रेस को सुझाव देते हुए देखी गई हैं कि क्या करना है और क्या नहीं। उनकी बातें राहुल और कांग्रेस से बिल्कुल मेल खाती है। वह कांग्रेस पार्टी के लिए नैरेटिव तैयार करती हैं और उनके शब्द ‘हिंदुत्व’ भारत एक ‘धार्मिक राज्य’ में बदल रहा, राममंदिर भूमि हड़पना, कांग्रेस पार्टी के पसंदीदा रहे हैं।

इसे भी पढ़ेंः राहुल गांधी के मेकओवर की पटकथा लंदन में लिखी गई

Leave a Reply Cancel reply