देश में 70 सालों तक राज करने वाले गांधी परिवार के युवराज राहुल गांधी के मेकओवर की शुरुआत 2022 में ही शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देजर ‘राहुल गांधी पीएम उम्मीदवार’ डॉक्यूमेंट्री की पटकथा मई 2022 में लंदन में लिखी गई। उस वक्त राहुल लंदन में एक कॉन्फ्रेंस ‘आइडिया फॉर इंडिया’ में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहां लिखी गई पटकथा के मुताबिक राहुल तीन महीने बाद यानी सितंबर 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालेंगे जिसमें देश विरोधी, देश को बांटने की बात करने वाले, सनातन धर्म को नीचा दिखाने वाले एवं पीएम मोदी से नफरत करने वाले लोग शामिल किए जाएंगे। यात्रा जब अंतिम चरण में पहुंचेगी तो बीबीसी एक डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” जारी करेगी। उसके बाद देश विरोधी और पीएम मोदी विरोधी लेफ्ट लिबरल गैंग इस डॉक्यूमेंट्री को उछाल कर भारत और पीएम मोदी की छवि खराब करने की भरपूर कोशिश करेगी। डॉक्यूमेंट्री के अगले हिस्से में सनातन धर्म विरोधी कुछ बयान देंगे जिससे हिंदू अगड़ी और पिछड़ी जातियों में बंट जाएंगे। उसके बाद यह आग सुलग कर देश में दंगे का रूप ले लेगी। यह सब देखकर विदेशी निवेशक भारत आने से कतराएंगे और पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था पर लगाम लग जाएगी और देश अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाएगा।
This man who called India a union of states is talking abt Bharat Jodo! https://t.co/v2ZzSpS6VD
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) January 23, 2023
देश हो या विदेश राहुल गांधी भारत को हमेशा क्यों दिखाते हैं कमजोर
आपने कभी देखा है कि जब कोई विदेशी नेता भारत आता है तो क्या वह अपने देश की बुराई करता है? कोई विदेशी नेता भारत आकर अपने देश की अंदरूनी बातों पर कभी चर्चा नहीं करता। जबकि राहुल गांधी दुनिया में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो देश हो या विदेश अपने देश की प्रगति की बात न करके हमेशा भारत को कमज़ोर दिखाने की कोशिश करते हैं। लंदन में राहुल ने यही किया था। यहां तक उन्होंने भारत की तुलना यूक्रेन से कर दी थी। उन्होंने कहा था- ”जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक वही पैटर्न चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है।” यहां सवाल उठता है कि चीन ने राहुल गांधी को ऐसा क्या दे दिया है कि वे लंदन जाकर भी भारत की प्रगति की बात करने के बजाए चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं।
Spark is the bbc documentry and fire will be communal riots before 2024 election.
Notice opposition commenting on ramcharitra Manas as porn and for ban, inciting hindus, which portray country as unstable and communal. Refraining investments in 🇮🇳
That the tookit.. https://t.co/Tx7I7fkTwR
— Seeking Reality 🇮🇳 (@animatedperson) January 23, 2023
राहुल गांधी ने कहा था- पूरे भारत में केरोसिन छिड़का जा चुका है, बस एक चिंगारी की जरूरत है
लंदन में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था- ‘देश में धुव्रीकरण बढ़ता जा रहा है, बेरोजगारी अपने चरम पर है, महंगाई बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने देश में हर तरफ़ केरोसीन छिड़क दिया है बस एक चिंगारी से हम सब एक बड़ी समस्या के बीच होंगे।’ यहां समझने की बात है कि पटकथा के मुताबिक राहुल को यह बयान देना था कि- देश में हर तरफ़ केरोसीन छिड़क दिया है बस एक चिंगारी की जरूरत है…लेकिन वे यह बयान दें कैसे तो इसके लिए बीजेपी के कंधे का सहारा लिया गया और उसके कंधे पर बंदूक रखकर चला दिया गया।
Indiaphobia on display as media attacks India's success. In addition to attempting to defame Modi, the BBC's documentary insults India's vast diversity.
We stand with @PMOIndia against this shameful act.
How about Imran Khan corruption or Taliban HR doc!https://t.co/JpgJ9iNFzr— Amjad Taha أمجد طه (@amjadt25) January 19, 2023
पटकथा के मुताबिक…बीबीसी डाक्यूमेंट्री ही वो चिंगारी थी?
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने दो एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जिसका नाम है – इंडिया: द मोदी क्वेश्चन। बीबीसी ने साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए दो पार्ट्स में सीरीज दिखाई थी। इसको लेकर ब्रिटेन में भारतवंशियों की ओर से काफी नाराजगी जताई गई और फिर डॉक्यूमेंट्री को चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया। यह डॉक्यूमेंट्री भारत और पीएम मोदी की छवि को खराब करने के एजेंडे तहत बनाया गया। इसमें नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में साल 2002 में हुई हिंसा में लोगों की मौत पर सवाल उठाए गए हैं। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट से भी पीएम मोदी को इस मामले में क्लीन चिट मिल गई है तो फिर समझा जा सकता है कि इस प्रोपेगेंडा का मकसद क्या है। मकसद वही है…भारत को कमजोर करो। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूत हो रहा है तो मोदी की छवि खराब करो और किसी तरह उसे सत्ता से हटाओ।
Again.. Rahul Gandhi meets UK MP and Labour leader Jeremy Corbyn who is known for his hatred and dislike for India, advocates Kashmir’s secession.
For how long and how much one can go on against one's own country? pic.twitter.com/74KgaeZKBB
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 24, 2022
भारत को बदनाम करने वाले ब्रिटिश सांसद कोरबिन से क्यों मिले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने लंदन दौरे के दौरान ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन (Jeremy Corbyn) से भी मुलाकात की थी। कोरबिन वही शख्स हैं जो भारत को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वह भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं। आखिर राहुल गांधी जैसे नेता किस हद तक अपने देश के खिलाफ जा सकता है, यह अपने आप में सवाल है।
मुझे नहीं याद है कि कभी कोई विदेशी नेता भारत आकर अपने देश की अंदरूनी बातों पर चर्चा किया हो। लेकिन राहुल गाँधी देश हो या विदेश अपने देश की प्रगति की बात न करके हमेशा भारत को कमजोर दिखाने का कोशिश किया। #Congress #CongressHatesIndia #RahulGandhi https://t.co/GNusMHIG05
— Gurinder Sandhu (@gs_sandhu10) May 21, 2022
राहुल की पटकथा तैयार करने में ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 की भूमिका
भारत को बांटकर 200 सालों तक राज करने वाला ब्रिटेन कभी नहीं चाहता कि भारत एक मजबूत देश के रूप में उभरे। यही सोच अमेरिका की भी है। इसीलिए इन दोशों की खुफिया एजेंसियां भारत के खिलाफ काम करती हैं। अब ऐसे में राहुल गांधी के भारत विरोधी ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन से मिलने से इस बात को बल मिलता है कि वे मेकओवर पटकथा पर चर्चा कर रहे हों और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के दिमाग की उपज हो।
राम विरोधियों "रामचरितमानस" को सही से पढ़ नहीं सकते हो तो, कम से कम इस दो मिनट के वीडियो को देख लो।
शायद सद्बुद्धि आ जाए।#शर्म_करो_ठगबंधन pic.twitter.com/rNTf7tDhWU
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) January 17, 2023
रामचरितमानस व सनातन धर्म के खिलाफ अचानक क्यों उगला जा रहा है जहर
यह अनायास नहीं है कि उधर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई और इधर देश में कुछ नेताओं ने रामचरितमानस व सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। यह भी उसी पटकथा का हिस्सा है जिसके तहत बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई। सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस और मनुस्मृति ग्रंथों को लेकर विवादित बयान दिया। इसे लेकर बिहार से लेकर देशभर की सियासत गरमाई हुई है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए इस ग्रंथ को दलित विरोधी बताया। उन्होंने इस धार्मिक ग्रंथ पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। हाल के दिनों में AAP नेता राजेंद्रपाल गौतम तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को लेकर सवाल खड़े किए हैं और विवादित बयान दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के #जीजा #रॉबर्टवाड्रा की लंदन स्थित बेनामी संपत्ति को खरीदने के लिए जुटाए धन की तह तक पहुंचने का दावा. लंदन स्थित आवास(पता-12ब्रायस्टन स्कवायर)कोरियाई कंपनी सैमसंग इंजीनियरिंग की ओर से दी गई #दलाली से खरीदा गया था. #ED #जीजा_साला_चोर_है pic.twitter.com/eZv5v7kqQI
— Siddharth Bansal (@sbansalsidharth) February 11, 2019
बीबीसी गांधी परिवार की लंदन में अकूत संपत्तियों पर डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनाती
लंदन में राहुल गांधी और गांधी परिवार के बंगले और बड़े पैमाने पर निवेश हैं। लेकिन यह बात कभी मीडिया में नहीं आती। गांधी परिवार के साथ ही राहुल गांधी के बहनोई राबर्ट वाड्रा के नाम पर भी लंदन में संपत्ति होने का खुलासा कुछ साल पहले मीडिया में किया गया था। क्या बीबीसी से यह उम्मीद की जा सकती है कि वे गांधी परिवार की संपत्तियों पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाएगी।
बीबीसी कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनाती
लेफ्ट लिबरल गैंग की तरह बीबीसी भी अपने को निष्पक्ष मीडिया संगठन कहता रहा है लेकिन उसके हिंदूफोबिया और हिंदू विरोधी एजेंडे की असलियत लोगों के सामने आती रही है। अक्टूबर 2022 में लीसेस्टर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झड़प हुआ था। उस समय ब्रिटिश हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना को मुख्यधारा के ब्रिटिश मीडिया- द गार्जियन और बीबीसी द्वारा बढ़ाया गया था, जिसने लीसेस्टर में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया था। क्या आपने कभी सोचा कि अगर बीबीसी निष्पक्ष है तो वह कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर कोई डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनाती। वर्ष 2022 में भारत में जब ‘सर तन से जुदा’ की दिल दहला देने वाली घटनाएं हो रही थी तब बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनाई।
2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एजेंडा शुरू हो गया। गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद एजेंडेबाज @BBCWorld ने भारत विरोधी ताकतों को "मसाला" देने की शुरुआत की जिसे ब्रिटेन की संसद में सांसद इमरान हुसैन ने आगे बढ़ाया,पर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एजेंडे पर पानी फेर दिया। pic.twitter.com/9oME1gIFPZ
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) January 19, 2023
लेफ्ट लिबरल को मिला टूल, इमरान हुसैन ने ब्रिटेन की सांसद में उठाया मुद्दा
बीबीसी ने जब पीएम मोदी के खिलाफ एजेंडा उछाल दिया तो लेफ्ट लिबरल गैंग को एक टूल मिल गया। उन्होंने इसे लपक लिया। सबसे पहले इसे लपका ब्रिटेन के सांसद इमरान हुसैन ने। हुसैन ये मुद्दा वहां की संसद में उठाया और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कूटनयिकों की इस रिपोर्ट से इत्तेफ़ाक रखते हैं जिसमें मोदी को गुजरात हिंसा के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया गया है? साथ ही विदेश मंत्रालय के पास मोदी की इस मामले में संलिप्तता के बारे में और क्या जानकारी है?
गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री का विवाद अब ब्रिटेन की संसद तक पहुंच गया है। पाकिस्तान मूल के सासंद इमरान हुसैन ने संसद में इससे जुड़ा मुद्दा उठाया तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पीएम मोदी के समर्थन में सामने आए। #britain #rishisunak #narendramodi #gujarat #bbc #खबर pic.twitter.com/q1lacXzJlM
— The Lokdoot (@thelokdoot) January 20, 2023
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक पीएम मोदी के समर्थन में उतरे, इमरान हुसैन की कर दी खिंचाई
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने भारतीय पीएम मोदी के समर्थन में संसद में कहा कि वो इस डॉक्यूमेंट्री में उनके कैरेक्टरराइजेशन से सहमत नहीं हैं। सुनक ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस मामले पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट है, जो स्टैंड लंबे समय से है वह बदला नहीं है। सुनक ने आगे कहा कि निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेंद्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।