कोरोना संकट के समय जब विकसित देश खुद को असहाय महसूस कर रहे थे, उस समय भारत ने तेजी से दो-दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के निर्माण और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर सबको अचंभित कर दिया। आज पूरा विश्व भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता का लोहा मान चुका है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस भी भारत की जमकर तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए।
भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान से प्रभावित होकर एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि नई दिल्ली को ग्लोबल वैक्सीनेशन अभियान में अहम भूमिका निभानी चाहिए। यूएन चीफ ने भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि आज यह दुनिया के लिए ‘सबसे बड़ी थाती’ है। उन्होंंने कहा कि दुनिया इस बात को समझे कि इस थाती का पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूएन चीफ ने कहा, ‘मुझे पता है कि भारत में बहुत बड़े पैमाने पर स्वदेश में विकसित वैक्सीनों का प्रोडक्शन होता है। हम इसके लिए भारतीय संस्थानों के संपर्क में हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि ग्लोबल वैक्सीनेशन कैंपेन को कामयाब बनाने के लिए भारत हर तरह की जरूरी बड़ी भूमिका निभाएगा।’
एंटोनियो गुतारेस का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत अपने पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन की 55 लाख से ज्यादा डोज गिफ्ट कर चुक है और मित्र देशों को भी कोरोना वैक्सीन भेज रहा है। इसके अलावा भारत ओमान, CARICOM देशों, निकारगुआ, पसिफिक आइलैंड स्टेट्स को भी वैक्सीन गिफ्ट देने की योजना बना रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि भारत अफ्रीका को कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ डोज देने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा COVAX के तहत संयुक्त राष्ट्र के हेल्थ वर्करों के लिए भी नई दिल्ली कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज देगी।
आइए देखते हैं मोदी सरकार वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत किस तरह दूसरे देशों की मदद कर रही है…
- भारत कोरोना महामारी से निपटने में अपने पड़ोसी देशों के साथ मित्र देशों को भी दिल खोलकर मदद कर रहा है।
- पीएम मोदी ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को कोरोना वैक्सीन भेजकर ‘पड़ोसी धर्म’ निभाया है।
- भारत से कोरोना वैक्सीन की 20 लाख खुराक मिलने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने खुशी का इजहार किया।
- बोलसोनारो ने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी लेकर जाते हुए तस्वीर ट्वीट कर पीएम मोदी और भारत का आभार जताया।
पड़ोसी और मित्र देशों को वैक्सीन की आपूर्ति
भूटान : 1.5 लाख डोज
मालदीव : 1 लाख डोज
नेपाल : 10 लाख डोज
बांग्लादेश : 20 लाख डोज
म्यांमार : 15 लाख डोज
मॉरिशस : 1 लाख डोज
सेशेल्स : 50,000 डोज
भारतीय वैक्सीन की बढ़ी मांग
श्रीलंका, अफगानिस्तान, मॉरिशस, जापान, दक्षिण अफ्रीका फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देशों ने भी भारत की कोविशील्ड और कोवैक्सीन में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
भारत की वैक्सीन ने चीन को पछाड़ा
- ब्राजीली वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन की कोरोना वैक्सीन साइनोफार्म केवल 50 प्रतिशत असरदार है।
- इस निष्कर्ष के आते ही तमाम वो देश जिन्होंने चीनी टीके के लिए बडे़ बडे़ आर्डर दिए थे, वो अब इस पर सवाल करने लगे हैं।
- उन्हीं में बहुत से देशों ने अब भारत से वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया है।
- चीन की जिस कंपनी ने वैक्सीन बनाई है, वो उनके सरकारी क्षेत्र की बीजिंग की कंपनी सिनोवैक है।
- चीन ने जो वैक्सीन बनाई है जो पुरानी तकनीक से बनाई है यानि ये वैक्सीन रसायन से बनाई है।
- चीन की तुलना में भारत में बनी वैक्सीन एमआरएनए तकनीक से बनाई गई है।