प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विरासत भी, विकास भी’ के विजन और प्राचीन धार्मिक स्थलों के पुनरुत्थान से सनातन का निरंतर जयघोष हो रहा है। पीएम मोदी ने अयोध्या में जिस राम लला मंदिर में इस साल 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा की थी, उसमें श्रद्धालुओं के सैलाब ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से जुलाई के मध्य तक 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। अब सावन माह में रोज लगभग सवा लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। राम की पैड़ी स्थित श्रीनागेश्वरनाथ मंदिर के कांवड़ यात्री और 9 अगस्त से सावन के झूला मेला से श्रद्धालुओं की संख्या में आशातीत वृद्धि हो सकती है। महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ही करीब 5 लाख 20 हजार यात्री आए, जो इतिहास में कभी नहीं हुआ। पीएम मोदी का लक्ष्य अयोध्या को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन हब बनाने का है। इसी को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में 32 हजार करोड़ से ज्यादा के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। दूसरी ओर उज्जैन में श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शनों के लिए रोज उमड़ते लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक फेज-2 का काम तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में सप्तसागर में से एक रुद्रसागर में पैदल पुल बनाया रहा है। ताकि महाकाल के भक्तों की यात्रा और सुगम और सुरक्षित हो।अयोध्या में रोज एक-सवा लाख रामभक्त दर्शन करने पहुंच रहे
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से दर्शन-पूजन के लिए यहां आने वाले भक्तों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हो रही है। रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सालों की अपेक्षा तेजी से बढ़ी है। प्रतिदिन मंदिर में औसतन एक से सवा लाख रामभक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं। वहीं अयोध्या में आयोजित होने वाले पर्वों और मंगलवार को यह संख्या और बढ़ जाती है। अब पावन सावन मास में राम भक्तों के सैलाब के चलते होटलों, धर्मशालों और होम स्टे की बुकिंग बढ़ रही है। एक आंकलन के मुताबिक अयोध्या और इससे सटे क्षेत्र में डेढ़ हजार से अधिक होम स्टे हैं। अयोध्या होटल एसोसिएशन के सचिव अनिल अग्रवाल के मुताबिक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 60 नए होटल बन चुके हैं। 30 नए होटलों का निर्माण चल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान बनी अस्थायी टेंट सिटी हटाकर अब नई टेंट सिटी की बुकिंग चल रही है।सड़क-रेल मार्ग के साथ ही वायु मार्ग से श्रद्धालुओं की आवाजाही में ऐतिहासिक वृद्धि
राम लला की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचने के लिए सड़क और रेल मार्ग तो वरदान बन ही रहा है, वायु मार्ग से भी श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। एयरपोर्ट के निदेशक विनोद कुमार के मुताबिक रोज करीब ढाई हजार हवाई यात्रियों का आवाजाही हो रही है। इस साल महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ही करीब 5 लाख 20 हजार यात्री आए हैं। इंडिगो ने मानसून के बाद वहां पर नई उड़ानें शुरू करने की पेशकश की है। इसके अलावा दो नई फ्लाइट शुरू हो रही है। यहां रोज दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई की फ्लाइट का संचालन हो रहा है। एयरपोर्ट के विस्तार के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होगी। एयरपोर्ट का इंटरनेशनल वाला का हिस्सा लगभग 800 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके साथ ही अयोध्या धाम स्टेशन से 32 जोड़ी ट्रेने संचालित हो रही हैं।2017 में पूरे साल में आए 1.78 करोड़, अब छह माह में ही आ गए दो करोड़
अयोध्या में पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में जब से दीपोत्सव प्रारंभ हुआ है, उसके बाद से यहां भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में कुल 1,78,57,858 श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। इनमें 1,78,32,717 भारतीय एवं 25,141 विदेशी शामिल हैं। वर्ष 2018 में 1,95,34,824 भारतीय व 28,335 विदेशी नागरिकों ने रामनगरी में दर्शन किया। इस प्रकार वर्ष 2019 में 2,04,63,403 भारतीय व 28,331 विदेशी श्रद्धालुओं को मिलाकर कुल 2,04,91,724 श्रद्धालुओं ने अयोध्या में दर्शन किया। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिली। इस वर्ष 61,93,537 भारतीय एवं 2,611 विदेशी श्रद्धालुओं को मिलाकर कुल 61,96,148 श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। वर्ष 2021 में 1,57,43,359 भारतीय एवं 431 विदेशी पर्यटकों ने अयोध्या में दर्शन पूजन किया। वर्ष 2022 में 2,21,12,402 भारतीय एवं 26,403 विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंचे थे।राम दरबार दिसंबर तक पूरा होगा, सप्त मंदिर और परकोटा अगले साल
श्रीराम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक 70 एकड़ में बन रहे मुख्य मंदिर के पहले व दूसरे तल, मुख्य शिखर सहित सभी पांच शिखर, रामदरबार का काम दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए देव प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं और अन्य निर्माण कार्य जोरों पर हैं। मंदिर निर्माण पर करीब 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। सप्त मंदिर का काम और परकोटा को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2025 तय किया गया है। परकोटे में 6 देवी-देवताओं के मंदिर बन रहे हैं। दीवारों पर 85 ब्रांज म्यूरल लगेंगे। इसके साथ ही शेषावतार लक्ष्मण मंदिर का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके साथ सप्त मंडप के मंदिरों को जोड़ने के लिए कॉरिडोर भी बन रहा है। यहां ऑडिटोरियम का निर्माण होगा। इसकी क्षमता 500 लोगों की होगी। सेफ सिटी योजना में अयोध्या में 1324 कैमरे इंस्टॉल किए हैं।
अयोध्या के राम मंदिर में ऐसे बढ़ रहे दर्शनार्थी
माह श्रद्धालुओं की संख्या
जनवरी 24,25,064
फरवरी 35,10,297
मार्च 41,30,540
अप्रैल 28,78,756
मई 28,40,021
जून 28,41,752
मध्य जुलाई 10,89,788
उज्जैन में सिंहस्थ-2028 से पहले पूरा होगा महाकाल लोक-2
अयोध्या में राम मंदिर के अलावा पीएम मोदी ने महाकाल की नगरी उज्जैन में भी महाकाल लोक का शुभारंभ किया था। अब उज्जैन में सिंहस्थ-2028होना है। इसके लिए तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। उज्जैन में सिंहस्थ और श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शनों के लिए रोज उमड़ते लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक फेज-2 का काम तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में सप्तसागर में से एक रुद्रसागर में पैदल पुल बनाया रहा है। 200 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण के बाद रुद्रसागर की ओर से आने वाले श्रद्धालु सीधे महाकाल लोक पहुंच सकेंगे। वे वहां से सीधे महाकालेश्वर द्वार तक पहुंचेंगे। साथ ही महाकाल दर्शन के बाद हरसिद्धि और चारधाम घूमकर आसानी से त्रिवेणी की पार्किंग में पहुंच सकेंगे। स्मार्ट सिटी के इस प्रोजेक्ट पर कुल 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
रुद्रसागर से यात्रियों को सीधे महाकाल लोक ले जाने वाला पुल जल्द बनेगा
रुद्रसागर से यात्रियों को सीधे महाकाल लोक ले जाने वाला यह पैदल पुल जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा और फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। इसका एक बड़ा फायदा लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन में भी मिलेगा। दरअसल, पर्व-त्योहार और श्रावण में एक ही दिन में यहां 7-8 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। अभी उन्हें चारधाम से त्रिवेणी संग्रहालय होकर महाकाल लोक जाना पड़ता है। इससे दर्शन में समय बचेगा। श्रद्धालुओं के आकर्षण के लिए इसे कलात्मक पत्थरों से सजाया जा रहा है। इसमें आकर्षक लाइट एंड साउंड शो आयोजित होगा, जिसे पुल से एक बार में 500 लोग देख सकेंगे। इसे यूरोपीय देशों की तर्ज पर बनाया जा रहा है।राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा से देशभर में हुआ 50 हजार करोड़ का कारोबार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कराए जाने के बाद से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ से अयोध्या में रोजी-रोजगार में भी तेजी से वृद्धि होने लगी है। अब अयोध्या की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। खान-पान, होटल-रेस्टोरेंट, सजावटी सामानों की दुकानों पर सैलानियों की भीड़ अब आम हो चली है। अयोध्या ही नहीं राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के समय देशभर में इससे जुड़े बिजनेस ने ऊंची छलांग लगाई थी। एक अनुमान के मुताबिक तब देशभर में राम लला से जुड़ी वस्तुओं का ही पचास हजार करोड़ से ज्यादा का बिजनेस हुआ था।अयोध्या में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में तेजी से हो रहा काम
लोगों का मानना है कि 22 जनवरी को जबसे रामलला विराजमान हुए हैं, यहां देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं व विदेशी पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसे लेकर प्रदेश की योगी सरकार तेजी से अयोध्या का विकास करने में लगी है। अयोध्या को फोर लेन व सिक्स लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। विश्वस्तरीय हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा तमाम अन्य सुविधाएं भी अयोध्या में विकसित की जा रही हैं। 2024 में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से 20 मार्च के बीच 1 करोड़ 12 लाख श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर चुके हैं।अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनने की राह पर अग्रसर
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनने जा रहा है। अमेरिकी कंपनी जेफ्फेरिज इक्विटी रिसर्च ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में अयोध्या में सालाना 5-10 करोड़ तीर्थयात्री आने का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में मंदिर निर्माण से लेकर अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 850 अरब रुपए खर्च किया जाना है। इस अनुमान के मुताबिक अयोध्या तीर्थयात्री के आगमन के मामले में घरेलू आध्यात्मिक केंद्र को भी पीछे छोड़ने जा रहा है। क्योंकि आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति में सालाना 2.5 करोड़, जम्मू स्थित माता वैष्णव देवी के दर्शन करने सालाना 80 लाख तीर्थयात्री आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर की अच्छी सुविधा की वजह से अयोध्या बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकेगा।अरबों रूपये से हो रहा है राम की नगरी अयोध्या का कायाकल्प
अयोध्या में मंदिर निर्माण से लेकर अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 850 अरब रुपए खर्च किया जाना है। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें लगभग 18 अरब रुपए राम मंदिर के निर्माण पर खर्च किए गए हैं। 14.5 अरब रुपए लगाकर अयोध्या एयरपोर्ट के पहले चरण का काम पूरा किया गया और इस प्रकार के तीन और टर्मिनल का निर्माण किया जाना है। अभी सालाना 10 लाख तो दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद सालाना 60 लाख यात्री अयोध्या हवाई जहाज से आसानी से आ-जा सकेंगे। 2.4 अरब रुपए के निवेश से रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। 1200 एकड़ में 22 अरब की लागत से ग्रीनफील्ड टाउनशिप का निर्माण प्रस्तावित है। अयोध्या की तरह दुनिया के अन्य तीर्थस्थलों के पास इतने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था नहीं है। भारत के कई तीर्थस्थानों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा नहीं होने के बावजूद सालाना 10-30 लाख तीर्थयात्री पहुंच जाते हैं। इन सबके अलावा अयोध्या में 73 नए होटल का निर्माण पाइपलाइन में है। आईएचसीएल, मैरियट इंटरनेशनल होटल की चेन निर्माण के लिए करार भी कर चुकी है। आईटीसी भी संभावना तलाश रही है तो ओयो 1000 कमरे अपनी चेन में जोड़ने जा रही है।दुनिया के सबसे बड़े आस्था स्थल और इनमें पहुंचने वाले श्रद्धालु
सरकार राम मंदिर बनने के बाद देश के सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को अयोध्या में लाने की तैयारी में है। अफसरों का मानना है कि मंदिर बनने के बाद यहां हर महीने 1 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। यानी साल में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। आइये जानते हैं कि दुनिया के वो धार्मिक स्थल, जहां सबसे अधिक लोग पहुंचते हैं..
1. वेटिकन सिटी – यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र है। यहां पर सालभर में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु जाते हैं।
2. मक्का मदीना – यह मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है। यहां पर हर साल तीन करोड़ से भी ज्यादा लोग जाते हैं।
3. गोल्डन टेंपल – यह सिख समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। यहां पर हर साल देश-विदेश से साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं।
4. काशी विश्वनाथ – यह हिंदू समाज का सबसे बड़ा धार्मिक आस्था का केंद्र है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद यहां 2022 में करीब 7 करोड़ भक्त आए। इस साल सावन के पहले सोमवार को 12 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए। पिछले साल सावन के आखिरी सोमवार को सबसे ज्यादा संख्या 7 लाख 25 हजार श्रद्धालु दर्शनार्थ आए थे।