कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे हैं। लेकिन उनकी इस यात्रा में जो लोग शामिल हो रहे हैं उससे ये सवाल उठ रहा है कि यह भारत जोड़ो यात्रा है या भारत तोड़ो यात्रा। कांग्रेस ने 3 जनवरी 2022 को पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कर खुद को ही बेनकाब कर लिया। एएस दुलत बहुत ही विवादास्पद रॉ अधिकारी रहे हैं और उनके सहयोगी उन पर पाकिस्तान समर्थक होने और आईएसआई का एजेंट होने का आरोप भी लगाते रहे हैं। वह 90 के दशक में आईबी से कश्मीर में तैनात थे। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर पर्दा डालने का काम किया था। उन्होंने कश्मीर फाइल्स फिल्म की आलोचना की और इसे प्रोपेगैंडा फिल्म करार दिया था। उन्होंने हमेशा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की प्रशंसा की और आईएसआई प्रमुख असद दुर्रानी के साथ मिलकर एक किताब भी लिखी थी। वह यासीन मलिक के हमदर्द रहे हैं और उनका बचाव भी किया। दुलत का आईएसआई के बहुत से लोगों और पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के साथ अच्छा संपर्क है । उन्होंने अफजल गुरु को फांसी देने को दुर्भाग्यपूर्ण कहा था। उन्होंने वाजपेयी सरकार पर कंधार विमान हाईजैक मामले में लापरवाही के आरोप लगाए थे जबकि उनके सहयोगी एनके सूद ने आईसी-814 विमान के अपहरण में दुलत की भूमिका पर संदेह जताया था। पाकिस्तानी आतंवादियों के पुलवामा में हमले के बाद भारत की ओर से बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक पर दुलत ने कहा था कि मोदी तनाव का इस्तेमाल चुनाव के लिए कर रहे हैं।
Today Congress made their worst blunder n exposed itself completely
Former RAW Chief AS Dulat joined Bharat Jodo Yatra today
AS Dulat has been a very controversial RAW officer n has been accused of Pro Pakistan and link with ISI men by his colleague
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— Agenda Buster (ST⭐R Boy) (@Starboy2079) January 3, 2023
रॉ के चीफ पद से रिटायर होने के बाद पीएमओ में एंट्री
एएस दुलत वर्ष 1989-90 में कश्मीर में इंटेलिजेंस ब्यूरो के स्टेशन हेड थे। उसी दौर में कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ और लाखों पंडित रातोंरात घर-बार छोड़ने को मजबूर हुए। रॉ के चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्त कर दिया। वे वहां पर साल 2001 से लेकर मई 2004 तक रहे। वर्ष 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से वो कश्मीर मुद्दे पर काफी मुखर रहते हैं।
He is also sympathiser of Yaseen Malik and defended him.
His colleague NK Sood also raised doubts on Dulat's role in hijacking of IC-814 plane.Dulat has good contact with lot of ISI people n Pakistani establishments https://t.co/C5ulqgiguy
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— Agenda Buster (ST⭐R Boy) (@Starboy2079) January 3, 2023
वाजपेयी सरकार पर लगाए थे आरोप
एएस दुलत वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के समय रॉ चीफ थे। रिटायरमेंट के बाद वह लंबे समय तक पीएमओ में भी तैनात रहे थे। एएस दुलत ही हैं जिन्होंने 2015 में लिखी बायोग्राफी में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार पर कई आरोप लगाए थे। 2015 में दुलत ने ‘कश्मीर : द वाजपेयी ईयर्स’ किताब लिखी थी, इसमें उन्होंने वाजपेयी सरकार पर कंधार विमान हाईजैक मामले में लापरवाही के आरोप लगाए थे। दुलत ने दावा किया था कि जिस वक्त IC 814 भारत में था, उस वक्त तक विमान को बचाने की कोई रणनीति ही नहीं बन सकी थी। दुलत कारगिल युद्ध के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के विशेष निदेशक भी रहे हैं।
अफजल गुरु की फांसी दुर्भाग्यपूर्ण थी: पूर्व रॉ प्रमुख दुलत
रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दौलत ने कहा था कि अफजल गुरु की फांसी दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने दावा किया था कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो अफजल गुरु को फांसी नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘भले ही बीजेपी अफजल को फांसी पर लटकाने की मांग करती रही थी लेकिन यदि वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो कतई ऐसा कदम नहीं उठाते।’
RAW के पूर्व प्रमुख ने किताब के लिए नहीं ली मंजूरी
पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत की नई किताब- ए लाइफ इन द शैडोज़: ए मेमॉयर (2022), जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, ऑपरेशन ‘ब्लैक थंडर’ आदि के बारे में बात करती है – बिना किसी सक्षम अधिकारी से मंजूरी के प्रकाशित हुई थी। जबकि इसे जून 2021 की सरकारी अधिसूचना के कथित उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। जून 2021 की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने सिविल सेवकों के लिए पेंशन नियमों में संशोधन किया, जिसमें खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों में सेवानिवृत्त अधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी के बिना अपने संगठन से संबंधित किसी भी जानकारी को प्रकाशित करने पर रोक लगा दी गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, संगठन के प्रमुख को यह तय करने की शक्ति है कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या गैर-संवेदनशील है, और क्या यह संगठन के क्षेत्र में आती है। इस बारे में दुलत ने मीडिया से कहा था कि वह किसी अधिसूचना से बंधे हुए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसी किसी अधिसूचना की जानकारी नहीं है। आधिकारिक तौर पर मुझे कुछ भी नहीं बताया गया था।’
पंजाब में जन्म, शिमला में पढ़ाई, कैडर मिला राजस्थान
एएस दुलत का जन्म 1940 में पंजाब के एक जाट परिवार में हुआ था। 1965 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईपीएस चुना। उन्हें राजस्थान कैडर मिला। यहां चार साल नौकरी के बाद वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए और इंटेलीजेंस ब्यूरो ज्वाइन कर लिया। एएस दुलत की पढ़ाई शिमला के बिशप स्कूल से हुई थी। स्नातक की पढ़ाई उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पूरी की थी।
दुलत ने आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी के साथ मिलकर लिखी किताब
पूर्व रॉ प्रमुख दुलत ने भारतीय सुरक्षा से समझौता करते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी के साथ मिलकर किताब ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ लिखी। पत्रकार आदित्य सिन्हा इस किताब के सहलेखक हैं। इस किताब में कश्मीर समस्या, बुरहान वानी, हाफ़िज़ सईद, करगिल युद्ध, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, बलूचिस्तान, सर्जिकल स्ट्राइक, ओसामा बिन लादेन का मारा जाना जैसे कई मुद्दों के अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच कई ज्वलंत मुद्दों को शामिल किया गया है। इस किताब का विमोचन मई 2018 में किया गया। विमोचन कार्यक्रम में किताब को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा आदि मौजूद थे।
Lt Gen Asad Durrani, Retired being called in GHQ on 28th May 18. Will be asked to explain his position on views attributed to him in book ‘Spy Chronicles’. Attribution taken as violation of Military Code of Conduct applicable on all serving and retired military personnel.
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) May 25, 2018
दुलत के साथ किताब लिखने पर पाकिस्तानी सेना ने असद दुर्रानी को तलब किया था
पाकिस्तानी सेना ने वहां की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी को भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ पुस्तक का लेखन करने के लिए तलब किया था और उन पर सैन्य आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। पाकिस्तानी सेना ने 25 मई की रात एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि दुर्रानी (77) को 28 मई को जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में बुलाया गया है और उनसे इस किताब के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। बयान के अनुसार, ‘इसे सैन्य आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है जो सेना के सभी सेवारत तथा सेवानिवृत्त जवानों पर लागू होती है।’ पद से हटाए गए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पुस्तक की विषयवस्तु पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएसए) की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी जिसके बाद दुर्रानी को तलब किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुर्रानी ने पुस्तक में कहा है कि ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ख़िलाफ़ अमेरिकी नेवी सील कमांडोज़ की कार्रवाई के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी को पूरी तरह से विश्वास में लिया गया था और अमेरिका तथा पाकिस्तानी सरकार के बीच इस बारे में विशेष समझौता हुआ था। उन्होंने यह भी राय रखी कि पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले को ठीक तरह से नहीं संभाला।
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी देश और विकास विरोधी किन लोगों से मिल रहे हैं उन पर एक नजर-
मैं नफ़रत को ख़त्म करने के लिए 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुआ था : रघुराम राजन pic.twitter.com/Sfc7L8IJpd
— PUNEET VIZH (@Puneetvizh) January 4, 2023
मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे रघुराम राजन
मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे रघुराम राजन 14 दिसंबर को राजस्थान से गुजरने वाली राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए थे। रघुराम राजन ने उस समय कहा था कि उन्होंने एक ‘चिंतित नागरिक’ के तौर पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हिस्सा लिया था। एक तरफ आज आलोचक भी मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की ‘सराहना’ कर रहे हैं वहीं रघुराम राजन लगातार तंज कसते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि ये भारत को आर्थिक विकास के रास्ते से भी डिगा देता है। वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया, जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी हो रही है और नोटबंदी की वजह से भारत की जीडीपी की विकास दर पर भी बड़ा असर पड़ा। यह अलग बात है कि अब नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट भी सरकार के फैसले पर मुहर लगा चुका है।
अन्ना आंदोलन, आप, स्वराज इंडिया फिर कांग्रेस को खत्म हो जाने का सपने को देखने वाले योगेन्द्र जी और मेधा पाटकर आज कांग्रेस के भारत जोड़ो अभियान को आगे बढा रहें हैं। देश को खूब सारा नुकसान ऐसे लोगों ने पहुंचाया, इनकी जिम्मेदारी कुछ नहीं हैं बस इन्हें सत्ता के केन्द्र मे रहना हैं। pic.twitter.com/Hax7c71lBM
— Dr Jitendra Meena (@JitendraMeenaDU) August 22, 2022
गुजरात और विकास विरोधी मेधा पाटकर
नर्मदा परियोजना पर अड़ंगा लगाने वाली, विकास विरोधी मेधा पाटकर महाराष्ट्र में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। ये वही मेधा पाटकर हैं जिन्होंने लंबे समय तक नर्मदा परियोजना पर अड़ंगा लगाया। वह 28 मार्च 2006 को नर्मदा नदी पर बन रहे बांध के विरोध में भूख हड़ताल पर भी बैठी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नर्मदा पर बन रहे बांध के निर्माण को रोकने के लिए याचिका भी दायर की। यानी गुजरात के विकास में रोड़ा अटकाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। पीएम नरेंद्र मोदी ने राजकोट के धोराजी में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि आपने नर्मदा परियोजना का विरोध करने वाले लोगों के संग एक कांग्रेसी नेता की तस्वीर अखबारों में देखी होगी। उन्होंने कहा, ‘नर्मदा परियोजना पर अड़ंगा लगाने वाले लोगों के बारे में सोचें, नर्मदा कच्छ और सौराष्ट्र में हमारे लोगों के लिए पीने के पानी का इकलौता जरिया थी। तीन दशकों तक उस पानी को रोकने के लिए वे अदालत गए, आंदोलन किए। उन्होंने गुजरात को बदनाम करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। नतीजा ये हुआ कि विश्व बैंक सहित दुनिया में कोई भी गुजरात को पैसा उधार देने के लिए तैयार नहीं हुआ। कल कांग्रेस के एक नेता उस बहन के कंधे पर हाथ रखकर पदयात्रा पर निकले थे जिसने इस आंदोलन की अगुवाई की थी।’ देश में और खासकर गुजरात में मेधा पाटकर के कारण विकास की कई परियोजनाएं या तो ठप हो गईं या काफी देर से पूरी हुईं। मेधा पाटकर के नर्मदा बचाओ आंदोलन के कारण ही बांध का काम कई वर्षों तक रुका रहा और करोड़ों लोग पानी के लिए तरसते रहे।
राहुल गांधी के सामने जीसस क्राइस्ट को असली भगवान बताते हुए हिन्दू देवी देवताओं से तुलना कर रहे हैं पादरी…
और राहुल गांधी हिला रहे हैं सिर…
क्या हिंदुओं का अपमान करने का ठेका लिया है?? pic.twitter.com/2Gc9wJdvaL— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) September 10, 2022
राहुल गांधी के सामने पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने हिंदू देवी-देवताओं का किया अपमान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान 9 सितंबर 2022 को हिंदू विरोधी टिप्पणियों के लिए कुख्यात पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान हुई एक चर्चा की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसमें देखा जा सकता है कि जीसस के बारे में पूरी चर्चा हो रही है। पादरी राहुल गांधी को समझा रहे हैं कि यीशु ही असल में ईश्वर हैं। पोन्नैया ने हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली निराकार शक्ति को ईश्वर मानने से इनकार करते हुए कहा- भगवान खुद को असली इंसान के रूप में पेश करते हैं… शक्ति के रूप में नहीं… इसलिए हम व्यक्ति के तौर पर भगवान को देख पाते हैं। खुद को जनेऊधारी बताने वाले राहुल गांधी को हिंदू देवताओं के ऐसे अपमान पर वीडियो में चुपचाप बैठे पादरी की बातों को सुनते देखा जा सकता है। पादरी ये दर्शाते रहते हैं कि जीसस ही असली भगवान हैं जबकि हिंदू देवता काल्पनिक हैं। लेकिन राहुल इस पर कुछ नहीं बोलते। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह राहुल गांधी का नफरत जोड़ो अभियान है। आज उन्होंने जॉर्ज पोन्नैया जैसे इंसान को भारत जोड़ो यात्रा का पोस्टर बॉय बनाया है, जिसने हिंदुओं को धमकी दी, उन्हें चुनौती दी और भारत माता के बारे में आपत्तिजनक बातें कहीं। कांग्रेस का हिंदू-विरोधी होने का पुराना इतिहास है।
नाम – कन्हैया कुमार
कार्य – देश विरोधी नारे लगाना + 5-10 किमी यात्रा
वेतन – रहना + खाना + किराया— हिंदुत्व साम्राज्य (@ErkasanaDeepak) October 8, 2022
देशद्रोह के आरोपी और सेना का अपमान करने वाले कन्हैया कुमार
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कन्हैया कुमार पर देश विरोधी बयान के आरोप लगते रहे हैं। 2015 में जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए कन्हैया कुमार चुने गए थे। 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया। कन्हैया कुमार की अगवानी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाने के आरोप लगे थे। कन्हैया कुमार ने भारतीय सेना के खिलाफ 8 मार्च 2016 को दिल्ली में विवादित बयान दिया था। कन्हैया ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर में सेना महिलाओं से बलात्कार करती है। सुरक्षा के नाम पर जवान महिलाओं का बलात्कार करते हैं। कन्हैया ने कहा कि कश्मीर में सेना महिलाओं पर अत्याचार करती है। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षाबलों का सम्मान करते है। लेकिन जब उन्होंने कश्मीर का जिक्र किया तो सेना पर आरोप लगाते हुए कह दिया कि वहां सेना बलात्कार करती है।
किसी ने सोचा था की ये लोग (प्रशांत भूषण,योगेंद्र यादव) कभी कांग्रेस या राहुल गांधी के साथ चलेंगे। ये ही भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी की उपलब्धि है।#BharatJodoYatra pic.twitter.com/0pn7C7ZIWc
— Ajay Jha (@Ajay_reporter) November 6, 2022
किसान विरोधी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भारत जोड़ो यात्रा में शामिल
किसान विरोधी योगेंद्र यादव भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो चुके हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि जो लोग देश जोड़ने की बात कर रहे हैं मैं उनके साथ हूं। मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता नहीं हूं, लेकिन देश में जो नफरत फैली है उससे लड़ने के लिए आज इस यात्रा को समर्थन देने की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हिस्सा लेने से जुड़े सवाल पर योगेंद्र यादव ने कहा, “मैं बिल्कुल कांग्रेस का नहीं हूं बल्कि मैं तो अपनी पार्टी का बिल्ला लगा के चल रहा हूं। मैं यहां आज इसलिए हूं क्योंकि जो लोग देश को तोड़ने की बजाय जोड़ने का काम कर रहे हैं, मैं उनके साथ हूं। कल अगर कोई और पार्टी भी ऐसी कोशिश करेगी तो उसको भी समर्थन देंगे।” किसान आंदोलन को लेकर योगेंद्र यादव ने एक इंटरव्यू में बड़ी बात कह दी। उन्होंने इस आंदोलन को चुनावी स्टंट तक कह डाला। चुनाव विश्लेषक, किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता रहे यादव ने कहा कि उन्होंने और राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के माध्यम से भाजपा को हराने के लिए एक अच्छा क्रिकेट मैदान बनाया था, लेकिन विपक्ष ने अच्छी गेंदबाजी नहीं की और वह इसका लाभ नहीं उठा सका। ने कहा, ‘राकेश टिकैत और मैंने पूरे यूपी का दौरा किया। चुनाव के खिलाड़ी हम नहीं हैं। क्रिकेट की बात करें तो हमारा काम था रोलर चलाना। हमने रोलर चलाया। हमने रोलर इसलिए चलाया कि फास्ट बॉल को मदद मिले, लेकिन बॉलिंग करना हमारा काम नहीं था।’ यादव का कहना था उन्होंने किसान आंदोलन के जरिए भाजपा के खिलाफ जमीन तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इसके बाद भी यूपी में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी ने अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई।
ये कैसी भारत-जोड़ो यात्रा, जिसमे राष्ट्र विरोधी भारत-तोड़ो मानसिकता। https://t.co/cFlk67K9mz
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) November 25, 2022
भारत जोड़ो यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का एक वीडियो शेयर कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी के नेशनल इंफर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के इंचार्ज अमित मालवीय के ट्वीट को रीट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठाए हैं। सिंधिया ने ट्वीट किया कि ये कैसी भारत जोड़ो यात्रा, जिसमें राष्ट्र विरोधी भारत तोड़ो मानसिकता।
From Digvijaya Singh, who blamed RSS for 26/11, and is Gandhi family’s nominee to be the CP to Rijil Makutty, who butchered a calf on street, and was Rahul Gandhi’s companion on his Bharat “Jodo” Yatra, Congress is not even making an attempt to conceal its hate for the Hindus… pic.twitter.com/fqaA2zHc0d
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 30, 2022
राहुल की यात्रा में दिखा गौ हत्यारा रिजिल मकुट्टी
राहुल गांधी की पदयात्रा में गाय को मारने वाले रिजिल मकुट्टी भी साथ दिखाई दिया। सोशल मीडिया पर शेयर किए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक तरफ जहां रिजिल मकुट्टी सरेआम दिनदहाड़े गौ हत्या करते देखा गया वहीं दूसरी ओर वह राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में दिखाई दे रहा है। इसी शख्स को 2017 में बीफ बैन के विरोध में सरेआम एक बछड़े को मारने के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
चलो प्यारे साथी…बढ़ाएं कदम।
वतन के सपनों को मंजिल तक पहुंचाएं हम।।#BharatJodoYatra ?? pic.twitter.com/yw9aNl7aob— Congress (@INCIndia) September 19, 2022
भारत जोड़ो यात्रा में हिजाब का समर्थन
भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी धार्मिक कट्टरपंथियों का समर्थन कर बच्चियों के हिजाब पहनने का समर्थन करते नजर आए। हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिजाब वाली बच्ची के साथ घूमना बता रहा था कि राहुल गांधी इस मामले में चिंगारी को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को कभी छोड़ना नहीं चाहते। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की एक फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई जिसमें वह एक हिजाब पहने छोटी बच्ची का हाथ पकड़ कर चलते हुए नजर आ रहे हैं। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में हिजाब को सुनवाई हो रही तो दूसरी तरफ राहुल गांधी हिजाब का प्रसार-प्रचार करते नजर आए।
हिंदुत्व को खुलेआम 'उग्र'और ‘कुरूप' बदसूरत बोला जा रहा है..
जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह का भी चेहरा देख लो। pic.twitter.com/dXGzS1rm5y
— Dr. Richa Rajpoot (@doctorrichabjp) November 24, 2022
हिंदुत्व उग्र और कुरूप कहकर बदनाम किया गया
मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिंदुत्व के खिलाफ बयान दिया गया। भारत जोड़ो यात्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में यात्रा में अंशुल त्रिवेदी ने हिन्दुत्व को कुरूप की संज्ञा दी। अंशुल ने बुरहानपुर में हुई प्रेस कांफ्रेस में कहा कि मेरा छात्र आंदोलन में पहले से योगदान रहा है। निर्भया आंदोलन के समय हम सड़कों पर थे। निर्भया के संघर्ष से बिलकिस बानो के जजमेंट तक सत्ता का कुरूप चरित्र सबके सामने है। जब सत्ता कुरूप हो जाती है, बहरी हो जाती है तब नागरिकों को सड़क पर उतरना पड़ता है। वही उसका धर्म होता है। यही धर्म निभाने के लिए हमलोग सामने हैं। उग्र और कुरूप के हिंदुत्व के सामने राहुल गांधी बंधुत्व की राजनीति खड़ी कर रहे हैं। उस बंधुत्व की राजनीति का सोल्जर बनकर मैं भारत यात्री बना हूं।