Home नरेंद्र मोदी विशेष Small is BIG: पीएम नरेंद्र मोदी के सुपर विजन से निकली Top-20...

Small is BIG: पीएम नरेंद्र मोदी के सुपर विजन से निकली Top-20 योजनाएं और उपलब्धियां, जिनसे लाभांवित होकर करोड़ों लोगों का विश्वास डबल इंजन सरकारों में निरंतर बढ़ा है

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र के नौ साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो हर कोई उनकी बड़ी-बड़ी उपलब्धियों की ओर ध्यान खींचता है। ये उपलब्धियां हैं- अनुच्छेद 370 को खत्म करना, विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना, राम मंदिर समेत बड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार, सर्जिकल स्ट्राइक, ट्रिपल तलाक कानून, जीएसटी, कोरोना वैक्सीन और महामारी में प्रबंधन इत्यादि। लेकिन यह पीएम मोदी का दूरदृष्टि वाला विजन ही है, जिसके चलते उनका फोकस बड़ी उपलब्धिययों के साथ-साथ सामान्य मानवी का जीवन बदलने वाली छोटी-छोटी बातों पर भी रहता है। उनकी यही विशिष्टता पीएम मोदी को अब तक के प्रधानमंत्रियों में सर्वोच्च और जनता के बीच अति लोकप्रिय बनाती है। पीएम मोदी को यह बात पिछले प्रधानमंत्रियों से अलग करती है कि वो  छोटे कामों को भी उसी ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ करते नजर हैं, जैसे वो बड़े कामों के लिए दिखाते हैं। राष्ट्र प्रथम का उनका मंत्र जन-जन के विकास के संकल्प को सिद्धि तक ले जाना ही है।जनता के समग्र विकास के लिए झाड़ू से शौचालय तक, कोई काम छोटा नहीं
पीएम मोदी के लिए वह कोई भी काम छोटा नहीं, है, जिसमें जनमानस का समग्र हित छिपा हो। वह चाहे सड़क पर झाड़ू लगाना हो फिर गांव-गांव शौचालयों का निर्माण कराना हो। पीएम मोदी ने जब लाल किले से स्वच्छता अभियान की बात की थी तो विपक्षी दलों ने मखौल बनाने की कोशिश की थी कि ऐसे छोटे अभियान के लिए पीएम ने इतने बड़े मंच का उपयोग किया है। लेकिन स्वच्छता अभियान और शौचालय निर्माण के अभियान को देशभर में मिले अभूतपूर्व समर्थन और सफलता ने विपक्षियों की बोलती बंद कर दी है। आगे बढ़ने से पहले हम पश्चिमी कला इतिहास में सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक विनसेंट विलियम वान गॉग की एक प्रसिद्ध उक्ति पर नजर डालते हैं- “Great things are not done by impulse, but by a series of small things brought together.” यानि की “महान चीजें किसी आवेग से नहीं होतीं, बल्कि छोटी-छोटी चीजों की एक श्रृंखला के साथ होती हैं।”

नॉर्थ ईस्ट पर निरंतर फोकस बना तीन राज्यों में जीत का बड़ा आधार
अपने दो कार्यकाल में पीएम मोदी भी देश-दुनिया में गुंजायमान होने वाली बड़ी उपलब्धियों के साथ-साथ कई छोटी उपलब्धियों को भी साथ लेकर चल रहे हैं। यह दिखने में छोटी हैं, लेकिन इनका व्यापक असर देश की आबादी के बहुत बड़े हिस्से पर हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में बीजेपी को पूर्वोत्तर में मिली प्रचंड जीत है। त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में भाजपा और उसके गठबंधनों की विजय उसके निरंतर पूर्वोत्तर फोकस की ओर इशारा करती है। सत्ता में आने के बाद, मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए मंत्रालय (डीओएनईआर) बनाया और कई बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को शुरू किया। भारत के दुश्मनों से इस क्षेत्र को सुरक्षित करने के अलावा, यह नॉर्थ ईस्ट के प्रति कांग्रेस की राजनीतिक उपेक्षा के विपरीत पीएम मोदी के सघन प्रयासों को दर्शाता है।

कांग्रेस ने निराशाजनक नतीजों के बाद खरगे ने ‘छोटे राज्य’ बताया
दरअसल, कांग्रेस ने पिछली गलतियों से न सीखने का संकल्प लिया हुआ है। पूर्वोत्तर के चौंकाने वाले निराशाजनक नतीजों के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी की लोकप्रियता का जनादेश से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि ये “छोटे राज्यों के चुनाव” थे। छोटे राज्यों को इस तरह तिरस्कार की भावना से देखकर कांग्रेस बड़ी गलती कर रही है। पीएम मोदी ने जीत के बाद अपने उद्बोधन में इसे इन राज्यों के लोगों का अपमान है, जनमत का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने हमेशा देश के गरीब को छोटा समझा, देश के दलित-पिछड़ों-आदिवासियों को छोटा समझा। जब हमारी सरकार ने गरीब के लिए शौचालय बनाए, तो कांग्रेस उसे छोटा काम कहती रही। जब हमने गरीब के बैंक खाते खुलवाए, तो कांग्रेस ने इसे भी छोटा काम बताया। जब हमने सफाई अभियान चलाया, कांग्रेस ने छोटा काम मानकर इसका भी मजाक उड़ाया। छोटे लोगों से, छोटे राज्यों से यही नफरत कांग्रेस को आने वाले चुनावों में डुबोने जा रही है।

पूर्वोत्तर में पीएम मोदी के पचास से ज्यादा दौरे बने प्रचंड जीत का आधार
कांग्रेस की छोटे राज्यों के प्रति छोटी सोच इससे भी जाहिर है कि पीएम के तौर पर मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के बीच 10 साल में पूर्वोत्तर के 37 दौरे किए थे। इनमें से उन्होंने 23 तो अपने गोद लिए ‘घर’ और जिस असम ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था, वहां ही किए गए थे। पूर्वोत्तर यात्राओं में से केवल 14 सात अन्य राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में की गईं। यूपीए-2 के दौरान, उन्होंने त्रिपुरा, मेघालय या नागालैंड का कोई दौरा ही नहीं किया। दूसरी ओर पीएम मोदी के निरंतर प्रयास इसी से दिख जाते हैं कि उन्होंने सिर्फ नौ साल में पूर्वोत्तर के पचास से ज्यादा दौरे किए हैं। पूरे पूर्वोत्तर में 25 लोकसभा सीटें हैं। अभी तीन राज्यों में मिली प्रचंड जीत का असर आने वाले लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिलने वाला है।देश में स्वच्छ भारत अभियान और 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण
पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान ने न केवल लाखों शौचालयों का निर्माण किया है, बल्कि इससे पर्यावरण के लिए चिपको आंदोलन की तरह एक पीढ़ीगत जागरूकता और परिवर्तन भी आया है। पीएम मोदी से पहले किसी भी पीएम ने स्वच्छता और साफ-सफाई की जरूरत के बारे में इतनी शिद्दत से बात नहीं की। न ही इसके लिए जमीन पर उतरकर इतना कुछ करने की कोशिश की। 2014 से पहले गांवों में लगभग 55 करोड़ लोग बिना शौचालय के थे। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10.28 करोड़ शौचालय बनाए गए। 6,03,175 गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया और ग्रामीण स्वच्छता अब सैचुरेशन के करीब है। पहले विपक्ष द्वारा इस योजना का लगातार मजाक उड़ाया जाता रहा है, अब उन्हें लग रहा है कि पीएम मोदी कैसे पैठ बना रहे हैं।जल जीवन मिशन…यानि सभी देशवासियों के लिए नल से जल
पीएम मोदी के सत्ता संभालने से पहले 2014 में देश के केवल 31 प्रतिशत ग्रामीण घरों में ही नल से जल आता था। प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की परिकल्पना के जल जीवन मिशन 2019 में लॉन्च किया गया। जून, 2022 तक देश भर में लगभग 9.65 करोड़ घरों (50.38%) के पास नल के पानी के कनेक्शन हैं। राज्य स्तर पर गोवा, तेलंगाना और हरियाणा ने राज्यों और पुद्दूचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन व दीव जैसे केंद्रशासित प्रदेशों ने भी के सभी परिवारों को 100% नल कनेक्टिविटी प्रदान की है। ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आने वाले इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, ताकि इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके।

जन-धन योजना: डीबीटी के जरिए सभी के बैंक खातों में 6 ट्रिलियन रुपये पहुंचे
जन धन योजना के तहत गरीबों के लिए बैंक खाते खोलने के लिए बड़े पैमाने पर जोर अब फाइनेंशियल इनक्लूजन की एक केस स्टडी है। पिछले प्रधानमंत्रियों ने बक निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। बैंकिंग में बड़े-बड़े वादे किए हैं, लेकिन कोई भी देश के हर गांव के हर नागरिक के पास नहीं गया और उन्हें बैंक खाता खोलने के लिए प्रेरित नहीं किया। क्योंकि पिछले प्रधानमंत्री इसे एक छोटा काम मानते थे। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबों के बैंकों में खाते खुलवाने के लिए सिस्टम की पूरी ताकत लगा दी। जन धन योजना के ये खाताधारक- मजदूर, घरेलू कामगार, छोटे दुकानदार, ड्राइवर और छोटे किसान थे। पीएम मोदी सरकार इन्हें सीधे लाभान्वित करना चाहती थी। ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचने में कोई बिचौलिया न आए और लाभ सीधे इनके खातों तक पहुंचे। पीएम मोदी के विजन का ही सुफल है कि अकेले कोविड महामारी के दौरान ही इन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए करीब 40,000 करोड़ रुपये भेजे गए। FY22 में DBT के तहत लाभार्थियों को 6 ट्रिलियन रुपये (74 बिलियन अमरीकी डालर) हस्तांतरित किए गए।

पीएम की उज्ज्वला योजना: आज 34 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन
पीएम की उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर महिलाओं के जीवन, स्वास्थ्य, उत्पादकता और घर की गतिशीलता को बदल रहे हैं। 2014 में सिर्फ 14.5 करोड़ परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन था। आज यह संख्या 34.5 करोड़ है। घरेलू एलपीजी की बिक्री में 59 फीसदी का इजाफा हुआ है। “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ मोदी सरकार ने  प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की। यह योजना एक धुआंरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना के साथ शुरू की गई, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना से एलपीजी के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी। इससे सबसे बड़ा फायदा उन गरीब माताओं-बहनों को हुआ, जो धुएं में खाना बनाने को मजबूर थीं।आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में करोड़ों कवर
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत से सीधे तौर पर गरीबों को लाभ हो रहा है। कैंसर और हार्ट संबंधी बीमारियों में भी 50 करोड़ भारतीयों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ मिलेगा जो वर्तमान में किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर नहीं हैं। इस तरह भारत दुनिया की पहली व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की दिशा में बढ़ रहा है। वर्तमान में 50 करोड़ से अधिक लोग (10.74 करोड़ परिवार) पहले से ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कवर्ड हैं। गांवों में बिजली- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से 1,000 दिनों के अंदर अंधेरे में डूबे 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने की घोषणा की थी। आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश के सैकड़ों घरों में बिजली नहीं पहुंची थी, जिसे पहुंचाने के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना शुरू की गई। तय समय से 12 दिन पहले 28 अप्रैल 2018 को यह संकल्प पूरा हुआ और देश के सभी गांव बिजली से रोशन हुए। सरकार ने इस योजना के लिए 75,893 करोड़ रुपये का आवंटन किया। इस लक्ष्य को पूरा करने में कई कठिनाइयां भी आई क्योंकि कई गांव दुर्गम इलाके में थे जहां बिजली के उपकरण पहुंचाना ही काफी कठिन था। यहां तक कि कई जगह बिजली विभाग के कर्मचारियों को सिर एवं कंधे पर बिजली उपकरण उठाकर ले जाना पड़ा और इसे इसे मिशन मोड में पूरा किया गया।पीएम किसान सम्मान निधि की 16 हजार करोड़ की 13वीं किस्त प्रधानमंत्री ने जारी की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटे किसानों पर खास फोकस है। छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत हर वित्त वर्ष में मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये देती है जो उनके खाते में 2000-2000 की तीन किस्तों में भेजा जाता है। गत 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 13वीं किस्त जारी की। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से छोटे किसानों को होली के तोहफे के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने देश के 8 करोड़ किसानों के लिए 13वीं किस्त की रूप में 16 हजार करोड़ रुपये जारी किए। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी अगर कोई दिक्कत है तो आपके पास हेल्पलाइन नंबर्स पर बात करके भी इसका समाधान लेने की सुविधा है। पीएम मोदी का विजन है कि देश का किसान जितना सशक्त होगा, नया भारत उतना ही समृद्ध नजर आएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना: करोड़ों लोगों का अपने घर का सपना साकार
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत एक अप्रैल 2016 को हुई थी। इस स्कीम के तहत 2024 तक सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ घर उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। इस स्कीम के तहत मैदानी इलाकों में घर बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये और पहाड़ी इलाके के लिए एक लाख 30 हजार रुपये की राशि सरकार की ओर से दी जाती है। फरवरी, 2022 तक, 2.62 करोड़ घरों के आवंटित कुल लक्ष्य के मुकाबले कुल 1.73 करोड़ घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका था। सभी का सपना होता है कि उनका अपना घर हो। देश के नागरिकों के इसी सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी की पहल पर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना चला रही है। इस योजना के तहत सरकार उन लोगों को घर बनाने के लिए राशि प्रदान करती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। देश के करोड़ों लोग अब तक पीएम आवास योजना का लाभ उठा चुके हैं।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना- 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना की शुरुआत 2015 को की थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि, लघु उद्यमों को 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। इस योजना के तहत केंद्र की मोदी सरकार लोगों को खुद का व्यवसाय खोलने के लिए लोन देती है। इससे देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। इसके तहत 3 लोन योजनाएं ऑफर की जाती हैं जिनका नाम शिशु, किशोर और तरुण है। मुद्रा लोन योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपए तक की लोन राशि प्रदान की जाती है। मुद्रा लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थानों को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं होती है। इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है। इससे कई एंटरप्रेन्योर को अपना कारोबार शुरू करने में मदद मिली है। इस योजना के तहत महिला एंटरप्रेन्योर को 23 करोड़ से ज्यादा लोन दिया गया है। देशभर में पिछले नौ सालों में सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन मुद्रा योजना के तहत बांटा है।

उड़ान योजना- एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार की बड़ी पहल 

‘उड़ान’ का फुल फॉर्म ‘उड़े देश का आम नागरिक’ है। यह मोदी सरकार की अहम योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य आम आदमी को हवाई सेवा उपलब्ध कराना है। यह एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) है और इसे 21 अक्टूबर 2016 को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत सरकार फ्लाइट फेयर कम करेगी तथा कई ऐसी जगहों पर हवाई अड्डों का निर्माण कराएगी, जहां फिलहाल हवाई अड्डे नहीं बन पाए हैं। इस योजना के तहत ग्राहकों को 500 किमी की दूरी एक घंटे में तय कराई जायेगी, जिसकी टिकट की क़ीमत 2500 रूपए होगी। इसकी शुरुआत 2016 में की गई और करीब 128 रूट पर सस्ती दरों पर फ्लाइट उपलब्ध करवाई जा रही है।पीएम अटल पेंशन योजना: इस योजना का लाभ लेने में महिलाएं भी आगे

‘अटल पेंशन योजना’ की शुरुआत 9 मई, 2015 को हुई थी। इस योजना को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है। अटल पेंशन स्कीम (Atal Pension Scheme) एक ऐसी सरकारी योजना है जिसमें आपके द्वारा किए गए निवेश आपकी उम्र पर निर्भर करती है। PFRDA के अनुसार इस योजना से जुड़ने वालों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 57:43 का है। इस योजना के तहत आपको कम से कम 1,000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है। ये एक सुरक्षित निवेश है। अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों की संख्या चार जून, 2022 तक बढ़कर 3.73 करोड़ हो गई है। किसी भी बैंक में जाकर अकाउंट ओपन करवाया जा सकता है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 90 हजार करोड़ रुपये के दावों का भुगतान

किसानों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को आरंभ किया था। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में हुई हानि पर बीमा कवर देने का प्रावधान किया गया है, यानि किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होने पर प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक हुई हानि कम करायेगी। प्रीमियम राशि को प्रत्येक किसान की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए काफी कम रखा गया है। खरीफ पर 5 फीसदी व रबी पर मात्र 1.5 फीसदी प्रीमियम राशि है। फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच के समान है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 70 लाख किसानों को 8741.30 करोड़ रुपये दिए गए। बीमा कंपनी के पास फसाल बीमा योजना के तहत लगभग 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन एक वर्ष में आते हैं और इस योजना के तहत अब तक 90000 करोड़ रुपये के दावे का भुगतान किया गया है।SKILL_INDIAप्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: लाखों युवाओं को ट्रेनिंग से मिली नौकरी

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को 15 जुलाई 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस पर लांच किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में रह रहे पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को नौकरी देना है और उन्हें औद्योगिक प्रशिक्षण देना है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय की ओर चलाई जाती है। इस स्कीम का उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके। इसमें ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है। वर्ष 2016 से 2022 तक 80 लाख से ज्यादा युवाओं ने योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इन युवाओं में से 16 लाख 61 हजार युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आ रही हैं। टेक्नोलॉजी व संचार से जुड़ी यूरोप की कई कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना: ग्रामीण लोगों को बैंक से लोन लेने में आसानी

प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में स्वामित्व योजना को लॉन्च किया। यह सरकारी योजना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर शुरू की गई है। स्वामित्व योजना  से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के प्रयासों को गति मिल रही है। इससे देश भर के पंचायती राज संस्थानों में ई गर्वनेंस को मजबूती मिली। पीएम स्वामित्व योजना लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा देख सकता है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपनी गांव की संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन ले सकते हैं। स्‍वामित्‍व योजना धुनिक सर्वेक्षण विधियों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबाद भूमि का सीमांकन / मैपिंग किया जाएगा जिससे ग्रामीण लोगों को बैंक से लोन लेने में आसानी हो। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना कोरोना महामारी में वरदान साबित

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना मोदी सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना को 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक के लिए आरंभ किया गया था फिर बाद में इसे आगे बढ़ा दिया गया। आत्मनिर्भर भारत योजना कोरोना महामारी की वजह से नौकरी गंवा चुके लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। इस योजना से देश के लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिली है। इसके लिए सरकार कई तरह के अवसर की व्यवस्था करती है। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत 30 अप्रैल 2022 तक देश के 58.76 लाख लोगों को कुल 4,920.67 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिली है। इस योजना का उद्देश्य महामारी के कारण नौकरियां गंवाने वाले लोगों को दोबारा से नौकरी दिलाने में मदद करना और प्रतिष्ठानों द्वारा अधिक से अधिक कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित करना है।प्रधानमंत्री निक्षय पोषण योजना में टीबी की रोकथाम के उपाय

केंद्र सरकार ने क्षय रोग जैसे की टीबी जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए निक्षय पोषण योजना  को 2018 में लांच किया गया। इस योजना के तहत टीबी मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है। यह सरकारी योजना उन लोगों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई है जो क्षय रोग से ग्रसित है। निक्षय पोषण योजना टीबी मरीजों के लिए एक तरह की पोषण सहायता योजना है जिसमें रोगियों व प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 500 रूपये उपचार के साथ-साथ दिये जाएंगे। इस योजना के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीकरण व नामांकन कर इलाज ले सकते हैं। बुढ़ापे को स्वाभिमान से जीने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना

पीएम मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर हर महीने 3000 रुपये की पेंशन दी जाती है। यह योजना 31 मई, 2019 को शुरू की गई थी। ताकि लोग बुढ़ापे को स्वाभिमान के साथ जी सकें और किसी दूसरे पर निर्भर न रहना पड़े। पेंशन से प्राप्त राशि का प्रयोग वह अपने खाने, पीने, कपड़ो, दवाई, इत्यादि की जरुरी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद पा सकता है। इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्रों के श्रमिक जैसे कि ड्राइवर, रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, मजदूर, घरों में काम करने वाले, भट्टा कर्मकार आदि द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना के तहत वर्ष 2021 तक असंगठित क्षेत्र के 46 लाख कामगारों ने पंजीकरण करा लिया था।पीएम वाणी योजना: फ्री वाई-फाई से इंटरनेट क्रांति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 दिसंबर 2021 को नागरिकों को फ्री वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के लिए पीएम वाणी योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से अब आवेदक को किसी भी महंगे डाटा प्लान लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि सरकार ने पीएम वाणी फ्री इंटरनेट योजना को शुरू कर लिया है जिसके माध्यम से नागरिक वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल इंडिया रिवॉल्यूशन के बाद, अब सरकार फ्री वाई-फाई क्रांति ला रही है। आज के समय में Internet अधिक महत्वपूर्ण जरूरत बन गया है। इसी कारण अब देश के नागरिकों के लिए सरकार PM Free WIFI Scheme की सुविधा उपलब्ध करवाएगी। यह एक ऐसी स्कीम है जो वाई फाई में क्रांति लेकर आएगी जिससे नागरिक आसानी से अपने मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, कंप्यूटर के जरिये भी वाई फाई कनेक्ट कर सकते है। इससे लोगों को ज्यादा स्पीड वाला नेटवर्क भी मिलेगा। पीएम-वाणी योजना के तहत देश भर में 56,000 से अधिक वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जा चुके हैं।उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना: देश में आयात पर निर्भरता हो रही कम

उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका आरंभ नवंबर 2020 को किया गया। इस योजना उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना में दवाएं, ऑटो-कॉम्पोनेंट्स, ऑटोमोबाइल सहित 14 प्रमुख क्षेत्र शामिल किए गए हैं। उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के माध्यम से विनिर्माण में बढ़ोतरी हो रही है तथा देश में आयात पर निर्भरता कम हो रही है। इस योजना के माध्यम से निर्यात में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में लगभग 2.4 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की पेशकश करके प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। PLI scheme यानी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से सालाना आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत अगले पांच सालों में लगभग 2.4 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन की पेशकश करके प्रमुख क्षेत्रों में मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत अगले 5 साल में 6 लाख से ज्‍यादा नौकरियां पैदा होंगी।प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना: गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। गर्भावस्था सहायता योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जनवरी 2017 को की गयी थी।  प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत महिलाओं को बच्चे का जन्म होने पर 6000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। यदि परिवार में दूसरी बेटी जन्म लेती है तो उस स्थिति में भी अब सरकार 6000 रुपए की राशि प्रदान करेगी। सरकार द्वारा पहले यह राशि 3 किस्तों में प्रदान की जाती थी अब इसे 2 किस्तों में दिया जा रहा है। यह योजना देश की महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करने में कारगर साबित हो रही है, इसके अलावा महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आया है।

 

Leave a Reply