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दुनिया को भरोसा दिलाने के लिए पीएम मोदी ने स्वदेशी तेजस में भरी उड़ान! अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश खरीदने की कतार में, नकारात्मकता में जी रही कांग्रेस को लगी मिर्ची!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने तेजस के मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी और अन्य सुविधाओं की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी ने एक को-पायलट की भूमिका निभाते हुए मेड-इन-इंडिया फाइटर जेट तेजस में उड़ान भरी। तेजस भारत की आत्मनिर्भरता की झलक है। तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह HAL द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। इस विमान ने दुनिया को भारतीय टेक्नोलॉजी की खूबियों से परिचित कराया है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पीएम मोदी ने तेजस में उड़ान इसलिए भरी जिससे कि दुनिया के देशों में तेजस प्रति विश्वास बहाल हो सके और दुनिया के देश इसे खरीदने के लिए आगे आएं। पीएम मोदी के उड़ान भरने से यह साबित हो गया कि तेजस सुरक्षित फाइटर जेट है। लेकिन नकारात्मकता में जीने वाली कांग्रेस को पीएम मोदी की फोटो देखकर मिर्ची लग गई और उसने इस पर भी तंज कसते हुए इसे चुनावी फोटो सेशन करार दिया। पीएम मोदी रक्षा में आत्मनिर्भरता को महत्व दे रहे हैं और फाइटर जेट पर उड़ान भरने वाले भारत के पहले पीएम बन गए हैं लेकिन कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है।

आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहींः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2023 को तेजस में उड़ान भरने के बाद कहा कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने 45 मिनट तक तेजस में उड़ान भरी
पीएम मोदी की तेजस विमान में कुल 45 मिनट की सॉर्टी रही। यानी पीएम मोदी ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस में 45 मिनट तक उड़ान भरी और इस दौरान आसमान में उड़ान भरते वक्त कुछ देर के लिए सारे कंट्रोल को भी खुद ऑपरेट किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सफलतापूर्वक तेजस की उड़ान भरी और उन्हें इसके लिए गर्व है।

पीएम मोदी की तस्वीरें देख कांग्रेस जल-भुन गई
पीएम मोदी की तेजस में उड़ान भरने की तस्वीरें सामने आते ही कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल गैंग को मिर्ची लग गई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इन तस्वीरों पर तंज कसते हुए इसे चुनावी फोटो सेशन बताया। उन्होंने तेजस की सफलता का श्रेय लेने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि तेजस को 2011 में यूपीए काल में मंजूरी मिली थी. सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा, ”तेजस हमारी स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी ताकत व क्षमता की एक और मिसाल है, जो दशकों के मजबूत संकल्प का नतीजा है।” जब तक पीएम मोदी ने तेजस में बैठकर उड़ान नहीं भरी तब तक जयराम रमेश को तेजस के बारे में कुछ पता नहीं था,कोई ट्वीट नहीं किया। जैसे ही मोदी को तेजस में देखा तो जयराम के दिमाग की बत्ती जल उठी और लिख दी तेजस की पूरी कहानी।

पीएम मोदी का रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे उनकी सरकार ने भारत में उनके विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है। कई देशों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है और अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान Mk-II-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया सहित कई देशों ने दिखाई तेजस में दिलचस्पी
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। वहीं मलेशिया पहले ही इस विमान को खरीदने की तैयारी में है। भारत ने मलेशिया को 18 तेजस बेचने की पेशकश की है। मलेशिया अपने पुराने रूसी मिग-29 लड़ाकू विमानों को बदलने के लिए तेजस विमान खरीद रहा है। तेजस विमान में दिलचस्पी दिखाने वाले अन्य दो देश अर्जेंटीना और मिस्र हैं।

तेजस खरीदने के वास्ते एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का करार
रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स के लिए 83 तेजस खरीदने के वास्ते एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था। आईएएफ के चीफ एयर मार्श वीआर चौधरी ने अक्टूबर में कहा था कि 97 और तेजस खरीदने की योजना पर विचार चल रहा है। यह सौदा 67,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। एचएएल की क्षमता बेंगलुरु में हर साल 16 विमान बनाने की है। साथ ही कंपनी नासिक में भी एक फैसिलिटी बना रही है। इससे उसकी क्षमता सालाना 24 जेट बनाने की हो जाएगी। एएएल इस विमान को अर्जेंटीना, नाइजीरिया, मिस्र और फिलीपींस को एक्सपोर्ट करने की संभावना तलाश रही है।

तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में काफी हल्का
तेजस को एल्युमीनियम, लीथियम एलॉय, कार्बन फाइबर कंपोजिट्स और टाइटेनियम एलॉय स्टील से बनाया गया है। इस वजह से तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में काफी हल्का है। इसका वजन केवल 6560 किलोग्राम है। साथ ही इसकी ताकत भी अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से कम नहीं है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में बने हैं। फरवरी 2019 में इसे एयरफोर्स में शामिल किया गया। तेजस हल्के वजन में बेहद कारगर लड़ाकू विमान है क्योंकि वह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है।

1.6 मैक की स्पीड से उड़ता है तेजस विमान,50 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी
तेजस विमान 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है। इसकी खासियत की बात करें तो ये काफी हल्का है। इसका वजन 6,560 किलोग्राम है। इसके 50 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी है। इस विमान को एल्युमीनियम, लीथियम एलॉय, कर्बन फाइबर कंपोजिट्स और टाइटेनियम एलॉय स्टील से बनाया है। विमान की खासियत है कि दुर्गम इलाके में भी लैंडिंग और टेक ऑफ काफी आसानी से हो जाती है। लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए कम जगह की जरूरत होती है और इससे हथियार ले जाना आसान है।

तेजस के घातक वर्जन के लिए सरकार ने मंजूर किए नौ हजार करोड़ रुपए
मोदी सरकार ने एलसीए एमके 2 के विकास के लिए नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। ये एलसीए तेजस का नया एवं अधिक घातक वर्जन है। जून 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत में जीई इंजन के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अमेरिकी कंपनी के साथ बातचीत की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि इसका उद्देश्य विमान के इंजन सहित स्वदेशीकरण को और बढ़ावा देना है।

लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके पहले भी कई दिग्गज
निर्मला सीतारमण: निर्मला सीतारमण ने बतौर रक्षा मंत्री 17 जनवरी 2018 को राजस्थान में सुखोई-30 MKI में उड़ान भरी थी। वह पायलट का जी-सूट पहनने और पीछे की सीट पर बैठने वाली देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थीं।

किरेन रिजिजू: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मई 2016 में सुखोई-30 MKI विमान में उड़ान भरी थी। उन्होंने पंजाब में भारतीय वायुसेना के हलवारा बेस से सुपरसोनिक जेट में लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी। सुखोई 56 हजार 800 फीट तक उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम गति 2,100 किमी प्रति घंटा है।

राजीव प्रताप रूडी: भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने 19 फरवरी 2015 को एयरो इंडिया एयर शो के दौरान सुखोई-30MKI में उड़ान भरी थी।

राव इंद्रजीत सिंह: रक्षा राज्य मंत्री के रूप में राव इंद्रजीत सिंह ने अगस्त 2015 में दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से सुखोई-30 में उड़ान भरी।

प्रतिभा पाटिल: पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 25 नवंबर 2009 को सुखोई-30 MKI में उड़ान भरने वाली पहली महिला राष्ट्र प्रमुख थी। उन्होंने 74 साल की उम्र में पुणे में वायुसेना बेस से फ्रंटलाइन सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू जेट विमान में सुपरसोनिक स्तर के करीब 30 मिनट की उड़ान के लिए उड़ान भरी।

एपीजे अब्दुल कलाम: एपीजे अब्दुल कलाम 8 जून 2006 को भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई पर 30 मिनट की उड़ान भरने वाले पहले राष्ट्रपति थे। उन्होंने सुपरसोनिक गति से उड़ान भरते हुए कॉकपिट में लगभग 40 मिनट बिताए।

जॉर्ज फर्नांडीस: एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में, जॉर्ज फर्नांडीस ने 22 जून, 2003 को लोहेगांव वायु सेना स्टेशन से SU-30 MKI में उड़ान भरी।

द्रौपदी मुर्मू: असम के तेजपुर एयर बेस से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुखोई-30 एमआईके लड़ाकू विमान में को-पायलट की सीट पर बैठकर 8 अप्रैल 2023 को उड़ान को पूरा किया।

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