पश्चिम बंगाल और असम में एक साथ विधानसभा चुनाव हुए। एक ही दिन दोनों राज्यों में नतीजे घोषित किए गए। लेकिन दोनों राज्यों में जीत का जश्न अलग अलग तरीके से मनाया जा रहा है। बंगाल में टीएमसी के गुंडे जीत का खूनी जश्न मना रहे हैं। टीएमसी के गुंडे हिंसा, लूट, अग्निकांड और बलात्कार को अंजाम दे रहे हैं। टीएमसी के हमलों से अपनी जान-माल और इज्जत बचाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने असम के धुबरी में शरण ली है। इसके बारे में असम के मंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद जानकारी दी है।
उन्होंने मंगलवार को (4 मई, 2021) को ट्वीट किया,”एक दुखद घटनाक्रम में 300-400 बंगाल के बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने अत्याचार और हिंसा का सामना करने के बाद असम में धुबरी पार किया है। हम उन्हें आश्रय और भोजन दे रहे हैं।” उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि दीदी को लोकतंत्र को बदरूप होने से बचाना चाहिए। बंगाल बेहतर का हकदार है।
In a sad development 300-400 @BJP4Bengal karyakartas and family members have crossed over to Dhubri in Assam after confronted with brazen persecution & violence. We’re giving shelter & food. @MamataOfficial Didi must stop this ugly dance of demonocracy!
Bengal deserves better. pic.twitter.com/d3MXUvgQam
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 4, 2021
सोमवार को सरमा ने कहा था कि असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता पर हमले तो भूल जाइए, उनका मजाक भी नहीं उड़ाया गया। उन्होंने ट्वीट किया था कि लेकिन बहुत दूर नहीं, बंगाल में ही दीदी के दादाओं ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याएं कर आतंक का राज कायम कर दिया है। क्या ‘उदारवादी’ यह फर्क देख सकते हैं ?
Over 24 hours that @BJP4India won elections in Assam. Not a single Congress workers taunted, forget about being attacked. Not too far in Bengal, Didi’s Dadas have unleashed a reign of terror, assaulting & murdering BJP workers.
Can the ‘LIBERALS’ spot the difference?— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 3, 2021
पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने निंदा करते हुए राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। संगठन द्वारा जारी बयान में, विहिप ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बहाने राज्य में हिंसा, आगजनी और बर्बरता की घटनाओं ने न केवल देश को शर्मसार किया है, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।
अनेक हिंदुओं को राजनैतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगातार धमकियां भी दी जा रही हैं और इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है। ये हिंसा अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले चुकी और अनेक घर, दुकानें, मंदिर, बस्तियां व व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वाह हो चुके हैं। हिंसा की शिकार लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने मांग की कि राज्य शासन हिंसा के तांडव को अबिलंब रोक कर दंगाइयों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें।
गौरतलब है कि बंगाल में टीएमसी की जीत के साथ ही हिंसा शुरू हो गई। लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले होने लगे। हत्या, हिंसा, आगजनी का दौर शुरू हो गया। किसी को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया, तो किसी की हत्या कर दी गई। 2 मई, 2021 को अभिजीत सरकार नामक एक बीजेपी कार्यकर्ता ने फेसबुक लाइव कर टीएमसी की गुंडागर्दी के बारे में जानकारी दी। उसके कुछ ही देर बाद उनकी हत्या कर दी गई।