Home नरेंद्र मोदी विशेष Time management के महागुरु हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Time management के महागुरु हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम के प्रति समर्पण और जज्बा तो जगजाहिर है। लेकिन समय का सदुपयोग करना भी सीखना हो तो आप पीएम मोदी से प्रेरणा ले सकते हैं। पीएम मोदी की प्लानिंग कितनी खास होती है ये बात उनके विदेश दौरों के समय भी सबके सामने आती है। पीएम मोदी का Time management देखकर उनके अफसर भी हैरान रहते हैं। हाल में संपन्न हुई पीएम मोदी की पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड की यात्रा भी इसी की एक बानगी है।

95 घंटे में तीन देशों की यात्रा
पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड की यात्रा पीएम मोदी ने महज 95 घंटों में ही पूरी कर ली। सबसे खास ये है कि पीएम मोदी ने इन तीनों देशों में अच्छा-खासा समय बिताया।

एक तिहाई समय प्लेन में बीता
पीएम मोदी के जाने और आने का अंदाज भी कुछ निराला था। उन्होंने एक तिहाई यानी 95 घंटों में से 33 घंटे प्लेन में ही बिताए। सूत्रों की मानें तो इस दौरान भी वे अधिकारियों की मीटिंग लेते रहे और यात्रा का खाका तैयार किया।

तैंतीस कार्यक्रमों में पीएम ने लिया हिस्सा
अपने व्यस्त शेड्यूल में प्रधानमंत्री मोदी ने तीन देशों के साथ अच्छा-खासा समय बिताया। उन्होंने अमेरिका, पुर्तगाल और नीदरलैंड में एक के बाद एक 33 कार्यक्रमों और मीटिंग में हिस्सा लिया।

विमान में ही पूरी करते हैं नींद
विदेश यात्रा के दौरान वो समय बचाने के लिए हवाई जहाज में अपनी नींद पूरी करते हैं। दिन में काम करने के बाद अधिकतर यात्राएं रात में ही करते हैं। होटल में रात बिताने के बजाय प्लेन में नींद पूरी कर लेते हैं।

50 लोगों की टीम के साथ विदेश दौरा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विदेश यात्रा काफी लंबी और एक शहर की ही होती थी। रात को तो वह कभी-कभी ही यात्रा करते थे। उनकी टीम में लगभग 200 से अधिक लोग हुआ करते थे। लेकिन पीएम मोदी की कोशिश होती है कि कम से कम लोग जाएं जिससे देश का पैसा बचे।

ऐसे मैनेज हुई पीएम मोदी की महायात्रा
पीएम मोदी ने 24 जून को दिल्ली से सुबह 7 बजे लिस्बन के लिए 10 घंटे की उड़ान शुरू की। होटल में न रुककर उन्होंने लिस्बन एयरपोर्ट के वीवीआईपी लाउंज में एक ब्रीफिंग दी। इसके बाद सीधे पुर्तगाल की फॉरेन मिनिस्ट्री का रुख किया। वहीं मीटिंग और लंच के बाद उन्होंने चैम्पालिमॉड फाउंडेशन जाकर भारतीय समुदाय के साथ मुलाकात की और फिर स्थानीय समय के अनुसार शाम 6 बजे वॉशिंगटन के लिए उड़ान भरने लिस्बन एयरपोर्ट पहुंच गए।

लगभग आठ घंटे की उड़ान के बाद वह वॉशिंगटन पहुंचे। इसके बाद लगभग 50 सदस्यों वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल को विलार्ड कॉन्टिनेंटल होटल में ठहराया गया। अमेरिका में अगले दो दिनों के दौरान प्रधानमंत्री को अमेरिकी सीईओ के साथ मीटिंग और व्हाइट हाउस में कार्यक्रमों सहित 17 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने वॉशिंगटन में दूसरी रात नहीं बिताई और वॉशिंगटन के समय के अनुसार रात 9 बजे नीदरलैंड के लिए रवाना हो गए। नीदरलैंड में भारतीय समुदाय को संबोधित करने सहित 7 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके बाद नीदरलैंड के समय के अनुसार शाम को 7 बजे दिल्ली की उड़ान के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए। बुधवार सुबह दिल्ली पहुंचते ही वे अपने काम में जुट गए।

दरअसल टाइम मैनेजमेंट के साथ पीएम मोदी में कुछ और भी खास बातें हैं जो सफलता के लिए जरूरी होती हैं।

टाइम मैनेजमेंट- भारत जैसे बड़े और विविधताओं से भरें देश के प्रधानमंत्री के ऊपर काम का कितना दबाव होता है। कितने देशों की यात्राएं करनी होती है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी अपने रुटीन के बेहद ही पाबंद हैं।

पहले काम फिर आराम- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लिए कोई छुट्टी का दिन तय नहीं किया है। बीते तीन सालों में उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली है और वे विकेंड्स पर भी पीएमओ में मौजूद होते हैं।

सब-ऑर्डिनेट्स को मौका देना- प्रधानमंत्री मोदी ने एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर संगठन में बहुत सारा काम किया है। इसलिए वे अपने अधीनस्थ को खुलकर काम करने का मौका देते हैं।

पब्लिक रिलेशन एंड ब्रांडिंग- प्रधानमंत्री का कम्युनिकेशन स्किल तो जोरदार है ही, वे इसके साथ किसी भी चीज की ब्रांडिंग करना भी बखूबी जानते हैं।

विश्वसनीयता- नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में केंद्र सरकार में लोगों का इतना भरोसा, इतना विश्वास बढ़ा है कि तीन सालों में भी उनकी लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इसका बड़ा कारण जनता में स्वयं के प्रति विश्वनीयता पैदा करना है।

फीडबैक- मोदी सरकार अपने कामों को लेकर जनता से रिव्यू मांगती है। मोदी सरकार समस्या नहीं समाधान लाती है। मन की बात कार्यक्रम के जरिये जहां सामाजिक रूप से जनता से वे जुड़े हैं वैसे ही वे जनसभाओं के माध्यम से राजनीतिक रूप से जुड़े हैं।

 

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