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गंगा नदी में चलेगा दुनिया का सबसे लंबा क्रूज, पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जाने कैसा दिखेगा और क्या होंगी खूबियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन देश में कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना है। उनकी सरकार में सड़क, रेल और हवाई के साथ-साथ जल यातायात को तेजी से विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि आज मोदी सरकार में यातायात के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल हो रही है। इसी कड़ी में अब गंगा नदी में भी क्रूज चलेने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी आने वाली 13 जनवरी को ‘गंगा विलास क्रूज़’ को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। यह वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।

उत्तर प्रदेश के सूचना और जनसंचार विभाग ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दुनिया के सबसे लंबे क्रूज को प्रधानमंत्री मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। ट्वीट में कहा गया है, ”उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक दुनिया के सबसे लम्बे क्रूज पर्यटन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे”। ऐसे में जिला प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। गंगा क्रूज़ के स्वागत में बैलून महोत्सव का भी आयोजन किया जा सकता है।

‘गंगा विलास क्रूज़’ किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है। इसमें वे सारी सुविधाएं हैं, जो एक फाइव स्टार होटल में होती है। क्रूज पर जिम भी बनाया गया है और साथ ही स्पा की भी सुविधा दी गई है। इसके अलावा इसमें एंटरटेनमेंट के लिए म्यूजिक, कल्चरल फंक्शन, ओपन एयर ऑब्जर्वेशन डेक, पर्सनल बटलर सर्विस जैसी फाइव स्टार सुविधाएं भी दी गई है। एक वक़्त में इस क्रूज पर 80 यात्री सफर कर पाएंगे।

तीन मंजिले ‘गंगा विलास क्रूज़’ में फाइव स्टार होटल के कमरों की तरह लग्जरी कमरे तैयार किए गए हैं। सामान्य कमरों के साथ ही 18 सूट्स भी बनाए गए हैं। एक सूट्स में दो लोगों के रहने की व्यवस्था है। इनका आर्किटेक्चर रॉयल स्टाइल में डिजाइन किया गया है। इसमें शॉवर के साथ बाथरूम, कनवर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, स्मोक डिटेक्टर, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। सनबाथ का आनंद लेने के लिए क्रूज के सबसे ऊपर व्यवस्था की गई है। क्रूज़ में इंडियन फूड्स के साथ ही कॉन्टिनेंटल भी परोसा जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गंगा विलास क्रूज कुल 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। क्रूज द्वारा की जाने वाली यह दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी। यह सफर कुल 50 दिनों का होगा और इस दौरान यह जलयान भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा। यह क्रूज वाराणसी से शुरू होकर यूपी के गाजीपुर,बिहार के बक्सर, पटना, सिमरिया, मुंगेर से होते हुए झारखंड के साहबगंज में रुकेगा। यहां से पश्चिम बंगाल के फरक्का होते हुए बांग्लादेश की सीमा से होकर डिब्रूगढ़ (असम) पहुंचेगा। पहली यात्रा में 33 पर्यटकों को वाराणसी से लेकर क्रूज रवाना होगा। इनमें एक जर्मनी और 32 स्विट्जरलैंड के पर्यटक शामिल होंगे।

इस क्रूज के शुरू होने से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। रास्ते में यह क्रूज 50 से अधिक जगहों पर रुकेगा, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी होकर गुजरेगा, इनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी शामिल हैं। घूमने की जगहों की लंबी लिस्ट होने की वजह से उम्मीद है कि काफी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे और इसका फायदा उठाएंगे।

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