Home नरेंद्र मोदी विशेष तब रोज पूछते थे, मंदिर वहीं बनाएंगे- तिथि नहीं बताएंगे, अब कान...

तब रोज पूछते थे, मंदिर वहीं बनाएंगे- तिथि नहीं बताएंगे, अब कान खोलकर सुन लो राहुल गांधी, एक जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर का शुभारंभ होगा, अमित शाह का हिंदू विरोधी नेताओं पर करारा तमाचा

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, तभी दिव्य और भव्यतम मंदिर बनने का आगाज हो गया था। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद पीएम मोदी ने वो अद्भुत और अद्वितीय पल दिखाया था। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तारीख भी बता दी है। यह उन हिंदू विरोधी नेताओं के मुंह पर तमाचा है, जो बार-बार कहते थे- मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे। राहुल गांधी से लेकर केजरीवाल तक, ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। गृह मंत्री ने कहा, राहुल गांधी कान खोल कर सुन लें। 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर बनकर तैयार मिलेगा।त्रिपुरा में गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस और विपक्षी नेताओं पर खुलकर बोला हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर के उद्घाटन के तारीख की घोषणा कर दी है। बीजेपी नेता ने त्रिपुरा में एक जनसभा के दौरान कहा कि अयोध्या में अगले साल 1 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो जाएगा। जनसभा में अमित शाह ने कांग्रेस पर भी बड़ा हमला किया। शाह ने कहा कि मैं यहां एक बात बताने आया हूं। 2019 में बीजेपी का अध्यक्ष था। उस समय राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। शाह ने कहा कि उस समय राहुल बाबा रोज पूछते थे। मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। बीजेपी नेता ने कहा, राहुल गांधी आज कान खोल कर सुन लें। और वो नेता भी सुन लें जो मंदिर की तारीख पर भाषण दिया करते थे। शाह ने कहा कि कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी राम मंदिर निर्माण की तारीख को लेकर सवाल पूछते थे। चुनावी सभाओं में भी यह सवाल उठाया जाता था।कांग्रेस ने राम मंदिर के मुद्दे को काफी लंबे समय तक कोर्ट में उलझाए रखा
अब अमित शाह के ऐलान के बाद विपक्ष को जवाब के साथ ही उनके हाथ से यह मुद्दा भी निकल गया है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्यतम मंदिर का 1 जनवरी 2024 को उद्घाटन हो जाएगा। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर के मुद्दे को लंबे समय तक कोर्ट में उलझाए रखा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ हो गया था। नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 5 एकड़ का एक भूखंड आवंटित करने का निर्देश भी दिया था। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया था।

राम मंदिर के बारे में राहुल गांधी ही नहीं कई और नेताओं ने विवादित और गलत बयान दिए हैं। राहुल और सोनिया गांधी ने तो इस साल राम मंदिर भूमि पूजन दिवस के मौके पर काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन भी किया। आइये कुछ अन्य नेताओं की हिंदू विरोधी भावनाओं से अवगत होते हैं…कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने कई बार खुद को ‘ढोंगी’ हिंदू साबित किया
जुलाई, 2009
विकिलीक्स को बताया कि अलकायदा-लश्कर से खतरनाक हैं हिंदू
अगस्त, 2014
मंदिर दर्शन को जाने वाले हिंदुओं को लड़कियां छेड़ने वाला बताया
मार्च 2017
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के दौरान नमाज की मुद्रा बना ली
नवंबर, 2017
सोमनाथ मंदिर के एंट्री रजिस्टर में अपने नाम के आगे ‘M’ लिखा
जुलाई, 2018
मुस्लिम बुद्धिजीवियों से राहुल ने कहा- ‘’कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी’’
फरवरी, 2018
कर्नाटक में हंपी के विरुपाक्ष शिव मंदिर में जाने से किया इनकार
12 दिसंबर 2021
जयपुर की रैली में अजब व्याख्या- मैं हिंदू हूं, हिंदुत्ववादी नहींकेजरीवाल तो राम मंदिर पर राजनीति करने के लिए अपनी नानी को ही घसीट लाए
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” केजरीवाल ने मार्च 2014 में ऐसा बयान दिया था। एक अन्य बयान में उन्होंने एक बार फिर ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया था। अरविंद केजरीवाल ने तब कहा था, “अब बार-बार भाजपा ने कहना चालू कर दिया है कि मंदिर वहीं बनाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। हम पूछते हैं कि कब बनाओगे? तो वो जवाब देते हैं कि तारीख़ नहीं बताएंगे। लेकिन, हर 5 साल बाद कहते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे।” वहीं 2018 में उन्होंने कहा था कि अगर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ की जगह मंदिर बनाया होता तो देश का विकास नहीं होता। पीएम मोदी द्वारा अयोध्या में भूमि पूजन के बाद इस पलटूराम केजरीवाल ने भी अयोध्या जाकर भगवान के सामने शीश छुकाया।

कांतिलाल भूरिया, कांग्रेस नेता, मध्य प्रदेश
राम नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है लेकिन आज भी राजनीतिक पार्टी के नेता मंदिर निर्माण पर भी उल्टे सीधे बयान देने से बाज नही आ रहे। दरसल एमपी के झाबुआ से कांग्रेस के विधायक कांतिलाल भूरिया ने राम मंदिर पर विवादित बयान देते हुए कहा कि भाजपा दिन में राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगती है और भाजपा के लोग शाम को शराब पी लेते हैं । जिसको लेकर संतों ने नाराजगी व्यक्त की है।

शशि थरुर, कांग्रेस नेता
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर ने भी राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि ‘अच्छे हिंदू अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहते।’ थरूर के इस बयान पर भड़कते हुए स्वामी ने उन्हें नीच आदमी कहते हुए कहा कि उनका यह बयान कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाएगा।

भरत सिंह सोलंकी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष, गुजरात
गुजरात कांग्रेस के पूर्व चीफ भरतसिंह सोलंकी ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि रामशिला को इस देश के लोगों ने खूब श्रद्धा, आस्था और विश्वास के साथ दर्शन-पूजन कर भेजा। गांव में किनारे रखकर ये सोचा कि इससे मंदिर बनेगा, लेकिन इस पर कुत्ते पेशाब करते हैं।…और विश्व के भव्यतम राम मंदिर का ऐसे हो रहा निर्माण, पांच सौ वर्षों की फिल्म बनेगी

रामजन्मभूमि परिसर में 70 एकड़ में संपूर्ण भारत को संजोने की योजना है। राममंदिर स्थापत्य कला के लिए भी नजीर होगा। यहां हो रहे निर्माण कार्य में भारतीय संस्कृति के नायाब कला की झलक दिखेगी। राममंदिर जिन 400 स्तंभों पर टिका होगा उनमें देवी-देवताओं के चित्र उकेरे जा रहे हैं। आठ एकड़ में बनने वाले परकोटे में रामकथा के 100 प्रसंगों का चित्रांकन लुभाएगा। राममंदिर न सिर्फ तकनीक, बल्कि भव्यता में भी दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल होगा। तीन मंजिला राममंदिर में कुशल कारीगरों द्वारा 6400 मूर्तियां प्राचीन पद्धति से उकेरी जा रही हैं, जो मंदिर को हेरिटेज लुक प्रदान करेंगी। राममंदिर के लिए हुए पांच सौ वर्षों के संघर्ष पर एक फिल्म बनाने की ट्रस्ट की योजना है। फिल्म का निर्माण दूरदर्शन कर रहा है। फिल्म में बॉलीवुड के सुपर स्टर अभिनेता अमिताभ बच्चन अपनी आवाज देंगे। राममंदिर के 500 साल के इतिहास को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मशहूर लेखक और फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून को दी गई है।

अयोध्या में बाबरी मस्जिद से भव्यतम श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण तक
• 1528: बाबर ने यहां मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद का निर्माण कराया, जिसे बाबरी मस्जिद नाम दिया गया। यह वही स्थान था, जहां पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।
• 1853: हिंदुओं का आरोप कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ। मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई।
• 1859: ब्रिटिश सरकार ने तारों की एक बाड़ खड़ी करके विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दे दी।
• 1885: मामला पहली बार अदालत में पहुंचा। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद अदालत में बाबरी ढांचे से लगे राम मंदिर के निर्माण की इजाजत के लिए अपील दायर की।
• 23 दिसंबर 1949: हिंदुओं ने कथित मस्जिद के केंद्रीय स्थल पर भगवान राम लला की मूर्ति मिली। इसके बाद उस स्थान पर हिंदू नियमित रूप से पूजा करने लगे। मुसलमानों ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया।
• 16 जनवरी 1950: गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में एक अपील दायर कर रामलला की पूजा-अर्चना की विशेष इजाजत मांगी।
• 5 दिसंबर 1950: महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और बाबरी मस्जिद में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया।
• 17 दिसंबर 1959: निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल हस्तांतरित करने के लिए मुकदमा दायर किया।
• 18 दिसंबर 1961: उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया।
• 1984: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और राम जन्मस्थान को स्वतंत्र कराने व एक विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया।
• 1 फरवरी 1986: फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं को पूजा की इजाजत दी। ताले दोबारा खोले गए।
• जून 1989: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंदिर आंदोलन को नया जीवन दे दिया।
• 1 जुलाई 1989: भगवान रामलला विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल किया गया।
• 25 सितंबर 1990: बीजेपी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली।
• नवंबर 1990: लालकृष्ण आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। बीजेपी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
• अक्टूबर 1991: उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार ने बाबरी मस्जिद के आस-पास की 2.77 एकड़ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया।
• 6 दिसंबर 1992: हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी ढांचे को ढहा दिया। एक अस्थायी राम मंदिर बनाया गया।• 16 दिसंबर 1992: मस्जिद की तोड़-फोड़ की जिम्मेदार स्थितियों की जांच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन हुआ।
• जनवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यालय में एक अयोध्या विभाग शुरू किया, जिसका काम विवाद को सुलझाने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों से बातचीत करना था।
• अप्रैल 2002: अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की।
• मार्च-अगस्त 2003: इलाहबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में साफ सामने आया कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के प्रमाण मिले हैं।
• जुलाई 2009: लिब्रहान आयोग ने गठन के 17 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने कुछ नहीं किया।
• 28 सितंबर 2010: सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का मार्ग प्रशस्त किया।
• 30 सितंबर 2010: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा जिसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े में जमीन बंटी।
• 9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
• 21 मार्च 2017: सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही।
• 19 अप्रैल 2017: सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया।
• 8 फरवरी, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने सिविल अपीलों पर सुनवाई शुरू की।
• 2019: सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया।
• 6 अगस्त, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना मामले की सुनवाई शुरू की।
• 16 अक्तूबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा।
• 9 नवंबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा: विवादित भूमि पर बनेगा मंदिर, मुस्लिम पक्ष को कहीं और मिलेगी जमीन
• 5 अगस्त, 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया

 

Leave a Reply