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भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान की तेज रफ्तार की मुरीद हुई दुनिया, विश्व बैंक और IMF ने की भारत की तारीफ, अंतरराष्ट्रीय भूमिका के लिए दिया धन्यवाद

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। जहां भारत कोरोना टीकाकरण अभियान की तेज रफ्तार से रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल कर रहा है, वहीं कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है और तीसरी लहर की आशंका कम करने में कामयाबी मिली है। इसे देखकर आईएमएफ से लेकर वर्ल्ड बैंक तक आश्चर्यचकित है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कोरेना महामारी के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान के लिए भारत की जमकर तारीफ की है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में डेविड मालपास ने टीका उत्पादन और वितरण में भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मालपास ने कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में भारत ने बेहतर काम किया है। वॉशिंगटन में सीतारमण के साथ बैठक के दौरान मालपास ने अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम और बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी सहित विश्व बैंक समूह की सभी संस्थाओं में भारत के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। विश्व बैंक ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भारत के प्रयासों पर भी चर्चा की।

मोदी सरकार के त्वरित और संतोषजनक कदम

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भी कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार के प्रयासों की खूब सराहना की है। आईएमएफ ने कहा कि महामारी के खिलाफ जंग में भारत ने तेजी से मजबूत कदम उठाए। साथ ही उसने अपने श्रम सुधारों और निजीकरण की प्रक्रिया को भी जारी रखा। आईएमएफ ने कहा कि महामारी से निपटने का तरीका त्वरित और संतोषजनक था। सरकार ने समाज के संवेदनशील तबकों को वित्तीय समर्थन दिया। मौद्रिक नीति को उदार किया गया, तरलता के प्रावधान किए गए और नियामकीय नीतियों को सरल किया गया।

‘वैक्सीन मैत्री’ के जरिए अंतरराष्ट्रीय योगदान की प्रशंसा

देश का टीकाकरण अभियान इस हफ्ते 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पर कर लेगा। देश में टीकाकरण की सफलता के बाद पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने घोषणा की थी कि भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत अक्टूबर 2021 में कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करेगा। गौरतलब है कि देश में इस साल अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर आने के बाद भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी। भारत ने अनुदान, वाणिज्यिक खेप और कोवैक्स सुविधा के माध्यम से लगभग 100 देशों को 6.60 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज का निर्यात किया था। मोदी सरकार के इस अंतरराष्ट्रीय योगदान की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है।

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