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कहानी देश के सबसे भ्रष्ट सांसद की! एक कुत्ते ने कर दिया खेल, उद्योगपति ने खोल दिया पोल

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क्या आपको पता है कि देश की सबसे भ्रष्ट सांसद कौन है? वह नाम है तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने और सवाल पूछने के लिए महंगे गिफ्ट लेने वाली महुआ मोइत्रा की पोल उनके अपने ही ‘दोस्त’ वकील जय अनंत देहाद्रई ने चिट्ठी लिखकर खोल दी। इसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया। इस कहानी में एक और किरदार है उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी। दर्शन हीरानंदानी सरकारी गवाह बन गए हैं उन्होंने अपने हलफनामे में मामले से जुड़ी प्रमुख बातों को रखकर महुआ मोइत्रा को एक्सपोज कर दिया है। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प पहलू है एक कुत्ता। अगर वह कुत्ता नहीं होता तो शायद महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार की पोल इतनी जल्दी नहीं खुलती। इस कुत्ते को लेकर महुआ मोइत्रा और उनके दोस्त जय अनंत के बीच विवाद इतना बढ़ा कि भ्रष्टाचार पर से पर्दा हट गया।

अडानी के बहाने पीएम मोदी को करना था बदनाम
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने यानि कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा 61 में से 50 सवाल अडानी से जुड़ा हुआ अथवा देश की सुरक्षा से जुड़ा पूछा था। लेकिन इस पूरे मामले में गंभीर बात यह है कि अडानी के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना था। हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री को बदनाम करना था क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता।

कुत्ते की वजह से उजागर हुआ महुआ का भ्रष्टाचार
हिंदी फिल्मों में जानवर और इंसान के बीच के रिश्ते को दिखाया जाता रहा है। लेकिन एक कुत्ते की वजह से महुआ का भ्रष्टाचार उजागर हो गया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बीच एक तीन साल का कुत्ता विवाद की वजह बना हुआ है। महुआ और उनके पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्रई कुछ समय पहले तक साथ रहते थे। उसी दौरान जय अनंत ने रोटविलर ब्रीड का कुत्ता लिया था, इस कुत्ते का नाम हेनरी है। फिर दोनों अलग रहने लगे। लेकिन कुत्ता महुआ के पास ही रह गया। उसके बाद जय अनंत ने कुत्ते की कस्टडी लेनी चाही लेकिन बात नहीं बनी। इससे गुस्साए जय अनंत ने महुआ के भ्रष्टाचार का खुलासा कर दिया।


महुआ ने जय अनंत से कहा- केस वापस ले लो, कुत्ता लौटा दूंगी
जय अनंत देहाद्रई कुत्ते की कस्टडी अपने पास चाहते थे लेकिन महुआ तैयार नहीं हो रही थी। लेकिन भ्रष्टाचार की पोल खुल जाने के बाद अब वह कुत्ता लौटाने की बात कहने लगी है। देहाद्रई ने 20 अक्टूबर को कहा कि महुआ ने कहा है वह हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वह ‘सवाल पूछने के बदले कैश लेने’ के मामले में हीरानंदानी ग्रुप के साथ उनके संबंधों को लेकर सीबीआई को की गई शिकायत वापस ले लेते हैं। जय अनंत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। महुआ और देहाद्रई दोनों ने ही एक दूसरे पर हेनरी को चुराने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस में केस भी दर्ज करवाया गया है।

महुआ मोइत्रा ने महंगी विलासिता की वस्तुओं की मांग कीः हीरानंदानी
महुआ मोइत्रा अब चाहती हैं कि जय अनंत सीबीआई को दी गई शिकायत वापस ले लें। लेकिन अब तो उद्योगपति हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया कि महुआ मोइत्रा ने ‘महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण में सहायता, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की।’

दर्शन हीरानंदानी की ‘करीबी निजी दोस्त’ बन गई थी महुआ
दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि वर्ष 2017 में ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ में महुआ मोइत्रा से मुलाकात के बाद वह पिछले कुछ वर्षों में उनकी ‘करीबी निजी दोस्त’ बन गईं। उस दौरान महुआ विधायक थी। हीरानंदानी ने कहा कि इससे उन्हें विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में व्यापार का अवसर मिलने की उम्मीद थी। हीरानंदानी ने मोइत्रा के 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीतने के बारे में कहा, ‘वह बहुत महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं।’ हीरानंदानी ने कहा, ‘उन्हें (महुआ) उनके दोस्तों और सलाहकारों ने सलाह दी कि सबसे छोटा रास्ता अपनाना चाहिए और वह प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला करके प्रसिद्धि पा सकती हैं।’

हीरानंदानी ने महुआ की खोल दी पोल
हीरानंदानी ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री की बेदाग प्रतिष्ठा है और वह किसी को भी नीति, शासन या व्यक्तिगत आचरण में उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दे रहे हैं। इसीलिए महुआ ने पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए अडानी पर हमला करने की योजना बनाई। अडानी ने व्यापार, राजनीति और मीडिया के कुछ वर्गों में ईर्ष्या पैदा कर दी थी और उनके आलोचक भी थे। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें अडानी को निशाना बनाकर प्रधानमंत्री को बदनाम करने और शर्मिंदा करने के अपने प्रयास में इन वर्गों से समर्थन मिलने की उम्मीद थी।

महुआ मोइत्रा ने अपनी ईमेल आईडी और लॉगइन मुझे दी थी: हीरानंदानी
हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें आईओसी द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल की जगह धामरा को चुनने के बारे में पता था। उन्होंने कहा, ‘इस जानकारी के आधार पर मोइत्रा ने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिनमें अडानी समूह को निशाना बनाकर सरकार को शर्मिंदा करने वाले तत्व रहे होंगे। ऐसे सवाल जिन्हें वह संसद में उठा सकती थीं। हीरानंदानी ने दावा किया, ‘उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ई-मेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें। मैंने उनके प्रस्ताव को मान लिया।’ हीरानंदानी ने दावा किया कि अडानी समूह से संबंधित सवालों का जो पहला सेट उन्होंने भेजा था, मोइत्रा उससे मिली प्रतिक्रिया से प्रसन्न थी। हीरानंदानी ने कहा कि इसके बाद मोइत्रा ने उनसे अडानी समूह पर अपने हमलों में उनका सहयोग जारी रखने का ‘अनुरोध’ किया। हीरानंदानी ने कहा, उन्होंने ‘मुझे अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दे दिया ताकि आवश्यकता पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकूं।’

हीरानंदानी के लेटर के 5 बड़े खुलासे…

1. महुआ महंगे तोहफों की मांग करती थीं
हीरानंदानी का दावा है कि महुआ उनसे लग्जरी आइटम्स की डिमांड किया करती थीं। उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली के महुआ के बंगले के रेनोवेशन के लिए मदद की और छुटि्टयों में उनकी यात्राओं पर पैसे खर्च किए। इतना ही नहीं, देश-दुनिया के हिस्सों में ट्रैवल के दौरान लॉजिस्टिकल मदद भी मुहैया कराई।

2. मैं महुआ का क्लोज फ्रेंड
हीरानंदानी ने कहा कि मैं महुआ से 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान मिला था। उस वक्त वे विधायक थीं। बीते सालों में हम नजदीकी दोस्त हो गए। मैंने विपक्षी दलों की सरकार वाले राज्यों में बिजनेस फैलाने की इच्छा जताई थी। महुआ बहुत महत्वाकांक्षी थीं और वे राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती थीं। उन्हें उनके दोस्तों ने सलाह दी थी कि देश में मशहूर होने का सबसे अच्छा संभावित तरीका है- मोदी पर निशाना साधा जाए। ‘हालांकि पीएम मोदी की जबर्दस्त इमेज है और वे किसी को भी नीतियों, सरकार और खुद पर निशाना साधने का मौका नहीं देते। तब महुआ ने सोचा कि अब मोदी पर हमला करने का एक ही तरीका है- गौतम अडानी और उनकी कंपनियों पर निशाना साधा जाए।’

3. मेरे पास महुआ की ईमेल आईडी थी
हीरानंदानी का दावा है कि मैंने उन्हें अडाणी को लेकर सदन में पूछने के लिए सवाल दिए। उन्होंने वही सवाल संसद में पूछे और इसकी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस प्रतिक्रिया से महुआ बेहद खुश थीं। इसके बाद महुआ ने मुझसे अडाणी पर सवाल करने के लिए मदद मांगी। उन्होंने मुझे अपनी सांसद की ईमेल आईडी शेयर की, ताकि मैं डॉयरेक्ट उनकी तरफ से सवाल पोस्ट कर सकूं।

4. कांग्रेसी नेताओं ने भी मदद की
महुआ मोइत्रा को सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ जैसे अन्य लोगों से मदद मिल रही थी। वे सभी अडाणी और उनकी कंपनी से जुड़ी अनवैरिफाइड जानकारियां देते थे। इस मामले में कांग्रेस नेता भी उनका साथ दे रहे थे। ये सभी फाइनेंशियल टाइम्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, बीबीसी जैसे मीडिया संस्थानों के पत्रकारों से संपर्क में थे और अडानी के बारे में अधूरी जानकारी लेते थे। फिर इसको अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर उठाते थे।

5. मुझे पता था कि महुआ मेरा फायदा उठा रही हैं
कई बार मुझे लगा कि महुआ मेरा फायदा उठा रही हैं। मुझ पर काम करने के लिए दबाव डाल रही हैं, जो मैं नहीं करना चाहता। लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।

निशिकांत दुबे ने स्पीकर बिड़ला से की थी महुआ के भ्रष्टाचार की शिकायत
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया है।

एथिक्स कमेटी 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगी 
महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। इसके लिए कमेटी ने निशिकांत दुबे को बुलाया है। लोकसभा के डिप्टी सेक्रेटरी बाला गुरु ने दुबे को नोटिस जारी करते हुए ये जानकारी दी। निशिकांत सुनवाई में मौजूद रहेंगे या नहीं, इसे लेकर उन्हें 20 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा गया है। ये सुनवाई संसद के कमेटी रूम में होगी।

सुनवाई करने वाली एथिक्स कमेटी के सदस्य
निशिकांत दुबे की शिकायत की सुनवाई करने वाली एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकार हैं। साथ ही इस कमेटी के मेंबर के तौर पर भाजपा की ओर से वीडी शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनिता दुग्गल और सुभाष भामरे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से वी वैथीलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालासौरी वल्लभनेनी और प्रणीत कुमार शामिल हैं। इसके अलावा शिवसेना के हेमंत गोडसे, जेडीयू के गिरिधारी यादव, सीपीआई (एम) के पीआर नटराजन और बसपा के दानिश अली शामिल हैं।

महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
उधर, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने की बात कही है। महुआ का कहना है कि कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके खिलाफ गलत और अपमानजनक बातें फैलाई जा रही हैं।

हर्मीस, गुच्ची के बैग काम नहीं आएंगे, सदस्यता चली जाएगी
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- इसी सदन ने ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी। आज भी यह चोरी नहीं चलेगी। एक बिजनेसमैन हमारे लिए खराब है, लेकिन दूसरे से 35 जोड़ी जूते लेने में उन्हें कोई गुरेज नहीं है। मिसेस (इमेल्डा) मार्कोस की तरह हर्मीस, गुच्ची बैग, पर्स, कपड़े और हवाला का पैसा काम नहीं करेगा। सदस्यता चली जाएगी, कृपया प्रतीक्षा करें।

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