अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर खूब ढिंढोरा पिटती है। इसके तहत केजरीवाल सरकार एक और कदम बढ़ाते हुए शुक्रवार यानि 27 अगस्त, 2021 को बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को दिल्ली का एजुकेशन एंबेसडर बना दिया। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि शिक्षा को बढ़ावा देने से ज्यादा पंजाब चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर ले लिया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने केजरीवाल पर दिल्ली के लोगों के आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगया। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए जमीन आवंटन का मामला चार सालों से लटका रखा है।
मालवीय ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों से झूठ बोलते रहते हैं, उनकी आंखों में धूल झोंकते रहते हैं। आज उन्होंने एक बॉलीवुड सेलिब्रिटी को ‘देश के मेंटर’ प्रोग्राम का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया। इस अभियान को अभी लॉन्च किया जाना है। क्या सीएम ने उन्हें बताया कि उन्होंने 2016-17 से दिल्ली में 7 जेएनवी के लिए जमीन आवंटित नहीं की है?
Arvind Kejriwal continues to lie to the people of Delhi, pull wool over their eyes.
Today, he appointed a Bollywood celebrity as brand ambassador of Desh ke Mentor, a still to be launched program.
Did the CM tell him that he hasn’t allotted land for 7 JNVs in Delhi since 2016-17? pic.twitter.com/j8rmCZlZtC— Amit Malviya (@amitmalviya) August 27, 2021
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से मनोज तिवारी को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए मालवीय ने यह ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि 2016-17 के दौरान देशभर में 62 नए जवाहर नवोदय विद्यायल स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 7 नए नवोदय विद्यालय दिल्ली के तहत स्वीकृत किए गए थे। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से इन नवोदय विद्यालयों की स्थापना के लिए जरूरी भूमि और स्थायी आवास उपलब्ध न कराए जाने से ये विद्यालय शुरू नहीं हो पाए। इससे पता चलता है कि केजरीवाल सरकार शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है।फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दो जवाहर नवोदय विद्यालय चल रहे हैं।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) के लिए स्थायी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है और संबंधित राज्य सरकार से भूमि प्राप्त नहीं होने के कारण 17 जेएनवी का निर्माण नहीं हो सका है। मंत्री द्वारा सदन में रखे गए आंकड़ों के अनुसार, इन 17 जेएनवी में सबसे ज्यादा दिल्ली में सात इसके बाद पश्चिम बंगाल में 3,जम्मू कश्मीर में दो,अरूणाचल प्रदेश में एक, असम में एक, बिहार में एक, छत्तीसगढ़ में एक और झारखंड में एक विद्यालय शामिल हैं।