Home समाचार …तो दिल्ली को दहलाने में आतंकी संगठन पीएफआई और आईएसआई का हाथ!

…तो दिल्ली को दहलाने में आतंकी संगठन पीएफआई और आईएसआई का हाथ!

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राजधानी दिल्ली में 4 दिन तक चले सांप्रदायिक दंगे में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। अब इस हिंसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। खुफिया एजेंसियों को दिल्ली को दंगों की आग में झुलसाने के पीछे कट्टरपंथी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई और पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के हाथ होने के संकेत मिले हैं।


पीएफआई के साथ आईएसआई से भी जुड़े हो सकते हैं दंगों के तार

दिल्ली में भड़के इन दंगों का सच क्या है, आखिर दंगाइयों के हाथ में तेजाब, बम, ड्रम, ईंट-पत्थर और कंचे-गुलेल कहां से आए। ऐसी कई बातों पर दिल्ली पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियां जांच में जुटी हैं। खुफिया विभाग के हाथ कई ऐसे सुराग लगे हैं डिससे पता चलता है कि दिल्ली में दंगा फैलाने के पीछे कौन सा संगठन मास्टरमाइंड की भूमिका अदा कर रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों की अभी तक की जांच के अनुसार दंगों में पीएफआई के हाथ होने के संकेत मिले हैं, जिसके तार आईएसआई से भी जुड़े हैं। जांच में पुलिस को कुछ अहम मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल मिली हैं, इन नंबरों से दंगों के दौरान अलीगढ़ और उत्तर पूर्वी जिलों में संपर्क किया गया था। इसके साथ ही कई और जरूरी फोन नंबरों के डेटा लिए जा रहे है। सुबूतों को इकट्ठा कर रिपोर्ट जल्द ही गृह मंत्रालय भेजी जाएगी।

पाकिस्तान से डाले जा रहे फर्जी विडियोज

पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली दंगों में पीएफआई और अन्य संगठनों ने लंबी साजिश की थी, जिसे आईएसआई से सोशल मीडिया के जरिए फर्जी विडियोज का समर्थन मिल रहा था।

पाकिस्तान से कई ऐसे फेसबुक और ट्विटर अकाउंट चल रहे हैं जिनके जरिए फेक विडियो डाले जा रहे थे। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी भड़काने की कोशिश की जा रही है।

दिल्ली और अलीगढ़ में एक ही पैटर्न में हुई हिंसा

पुलिस के मुताबिक एजेंसियों के पास इसके पुख्ता सबूत हैं कि दिल्ली दंगों को लिए आईएसआई और पीएफआई ने साठगांठ कर साजिश रची। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और अलीगढ़ में दंगों के समय और पैटर्न लगभग एक जैसे थे, दोनों जगहों पर पत्थरबाजी से हा हिंसा शुरु हुई।

जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी हिंसा करने वाले हथियारों से लैस हो गए, उन्होंने आग लगाकर दुकानों को लूटा। इसके लिए पहले से ही मास्टरमाइंडों ने वॉट्सऐप ग्रुप पर लोगों को हिंसा का डर, आशंका और उसके लिए फुल तैयारी करने के लिए टिप्स दिए गए थे।

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