Home नरेंद्र मोदी विशेष देश के सभी परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य: प्रधानमंत्री मोदी

देश के सभी परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों से बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय ज्यादातर अमीर लोगों को एलपीजी कनेक्शन मिलता था, लेकिन 2014 के बाद उज्ज्वला योजना ने गरीबों, निचले तबके के लोगों, दलितों, आदिवासियों की जिंदगी को सशक्त बनाया है।

उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना सामाजिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। श्री मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना ने न केवल महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है, बल्कि गरीबों, निचले तबके के लोगों,  दलितों,  आदिवासियों की जिंदगी को एक नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”उज्ज्वला योजना से बदलाव आया है और इस बदलाव का उपयोग किचन में ही नहीं, जीवन में आना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों की आशा-आकांक्षा के साथ चलना चाहती है और उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

‘स्वच्छ ईंधन-स्वस्थ भारत’ का आह्वान
प्रधानमंत्री कहा कि उज्ज्वला योजना से जहां एक ओर वनों की रक्षा हुई है, वहीं प्रदूषण भी कम हुआ है। उन्होंने कहा, ”उज्ज्वला योजना से लकड़ियों के लिए वनों का कटाव भी कम हुआ है। स्वच्छ ईंधन स्वस्थ भारत, ग्रामीण गरीब महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है और यह उन महिलाओं से बेहतर कौन बता सकता है जिन्होंने कई साल चूल्हे फूंकने में बिता दिए हैं।”

चार वर्षों में 60 साल जितना काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में एलपीजी कनेक्शन देने की शुरुआत स्वतंत्रता के पश्चात ही प्रारंभ हो चुका थी, लेकिन 2014 तक 13 करोड़ लोगों के पास ही एलपीजी कनेक्शन पहुंच सका था। इसका मतलब है 6 दशकों में सिर्फ 13 करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन मिला। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 4 सालों में 10 करोड़ नए गैस कनेक्शन लोगों को मिले हैं। यानि लगभग जितना काम छह दशकों में हुआ, उतना लगभग महज चार साल में हो गए। 

सामाजिक उत्थान का महत्वपूर्ण स्रोत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समाज के रहन-सहन के स्तर को आसान बनाने और गरीबों, दलितों, शोषितों, वंचितों और आदिवासी बहनों को सशक्त बनाने में उज्ज्वला योजना ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ”सच तो यह है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अब भारत में गरीब से गरीब परिवार का सामाजिक उत्थान और सामाजिक परिवर्तन के माध्यम से देश के सतत विकास का एक बहुत बड़ा स्रोत बन चुकी है।

गरीबों के उत्थान को तत्पर सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आधी जनसंख्या को उनका उचित अधिकार दिलाना उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य रहा है। इसलिए देश की हर रसोई में स्वच्छ ईंधन सुनिश्चित कराने की दिशा में यह एक बहुत बड़ा प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा, ”जो महिलाएं धुएं में जिंदगी गुजारती थीं, जो लकड़ियों पर खाना बनाती थीं, उन्हें हम धुएं से मुक्ति दिलाना चाहते थे। इसलिए 10 करोड़ में चार करोड़ गैस कनेक्शन प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में दिए गए।”

8 करोड़ गरीबों को एलपीजी कनेक्शन
उन्होंने कहा कि पहले 5 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन गरीबों की आवश्यकताओं को देखते हुए 8 करोड़ बीपीएल परिवारों तक उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘’2020 तक हम इस काम को पूरा कर देना चाहते हैं। इसके लिए 5 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन कर इसे कुल 13 हजार करोड़ कर दिया गया है।‘’

‘हामिद कर सकता तो प्रधानमंत्री क्यों नहीं’
प्रधानमंत्री मोदी ने मुंशी प्रेमचंद द्वारा 1933 में लिखी गई कहानी ‘ईदगाह’ के पात्र, हामिद का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हामिद ने मेले में मिठाई न खाकर अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदा था, ताकि उसकी दादी का हाथ न जले, चोट न लगे। उन्होंने कहा,  ”मुंशी प्रेमचंद की कहानी मुझे आज भी प्रेरणा देती है। मुझे लगता है कि यह काम एक हामिद कर सकता है तो देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता है।‘’

सभी परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचेगा
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इस सोच को बदल दिया है कि गरीबों के घरों में गैस सिलेंडर नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार के प्रयासों का परिणाम ये हुआ है कि आज देश में हर सौ परिवार में से 81 परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों में गैस का चूल्हा है और स्वच्छ ईंधन है।  उन्होंने कहा, ”मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि शीघ्र ही हम देश के सभी परिवारों तक खाना बनाने के लिए एलपीजी गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”

पर्यावरण की रक्षा और प्रकृति की सेवा
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला योजना से जीवन में चार तरह के बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे जहां जन स्वास्थ्य को धुएं से होने वाले नुकसान से बचाया गया है, वहीं नारी शक्ति को सम्मान भी मिला है। उन्होंने कहा कि अब महिलाओं का समय बच रहा है जिससे वे अपनी अन्य आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि एलपीजी के कारण वनों का कटाव कम हुआ है, जिससे पर्यावरण की रक्षा हुई है, यानि प्रकृति की भी सेवा हो रही है।

‘स्वच्छ ईंधन-स्वस्थ भारत’ का आह्वान
प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ ईंधन – स्वस्थ भारत’ का आह्वान करते हुए कहा कि इससे गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ ही बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव भी हो रहा है। उन्होंने कहा, ”अब तक जिन चार करोड़ बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं, उनमें 45 प्रतिशत लाभार्थी दलित आदिवासी परिवारों से हैं।”

 दलितों के लिए दोगुने रफ्तार से काम
पीएम मोदी ने कहा कि न केवल उज्ज्वला योजना, बल्कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां उनकी सरकार दलितों-आदिवासियों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि 2010 से 2014 के बीच दलितों को 445 पेट्रोल पम्प आवंटित किए गए थे। वहीं 2014 से 2018 अब तक 1200 से अधिक पेट्रोल पम्प दलित परिवारों को दिए गए हैं। इसी तरह 2010 से 2014 के दौरान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन का काम 400 दलित परिवारों को मिला था। जबकि 2014 से 2018 के बीच 1300 दलित परिवारों को डिस्ट्रीब्यूशन का काम दिया जा चुका है। 

गरीबों का हक न मार सके कोई बिचौलिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस बात का भी खास ध्यान रखा है कि कोई बिचौलिया किसी गरीब का हक न मार सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए एलपीजी पंचायत भी शुरू की गई है। इस वर्ष एक लाख एलपीजी पंचायत करने की योजना बनाई गई है। इस पंचायत के तहत एलपीजी उपभोक्ताओं को इसके सुरक्षित उपयोग और उनके लाभ के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। 

एक दिन में बांटे गए 11 लाख गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री ने कहा कि 14 अप्रैल को बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती से लेकर 5 मई तक ग्राम स्वराज अभियान बेहद सफल रहा। 20 अप्रैल को मनाए गए उज्ज्वला दिवस पर एक दिन में ही लगभग 11 लाख एलपीजी कनेक्शन बांटे गए। उन्होंने कहा कि लगभग 16 हजार उज्ज्वला पंचायत भी आयोजित किया गया, जिसमें 50 लाख लाभार्थियों ने हिस्सा लिया।

श्री मोदी ने कहा कि एलपीजी की पहुंच करीब-करीब 70 प्रतिशत गांवों में 100 प्रतिशत है, जबकि 81 प्रतिशत गांवों में 75 प्रतिशत से अधिक है।

उज्ज्वला के लाभार्थियों से सीधा संवाद
प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना के कई लाभार्थियों से सीधी बातचीत भी की। ओडिशा के मयूरभंज के सुस्मिता कबाटा ने कहा कि घर में गैस कनेक्शन आने से अब वह स्वतंत्र महसूस करती हैं, क्योंकि अब उनके पास समय ही समय है और बच्चों को उनकी पसंद का चीज जब चाहे दे सकती हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें सलाह दी कि बेटों के साथ बेटियों के वजन और स्वास्थ्य का बराबर ख्याल रखें।

रायपुर, छत्तीसगढ़ की मीना निरमालकर ने कहा कि उज्ज्वला गैस कनेक्शन आने से उनके पास समय ही समय है। वे घर के काम-काज के साथ जनसेवा भी कर पाती हैं।

अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर की रहने वाली अंजुमाना ने कहा कि पहले सेहरी करने में बहुत दिक्कत होती थी। रतजगा करना पड़ता था, क्योंकि सेहरी का समय सुबह के तीन बजे भी हुआ करता था। हालांकि उज्ज्वला एलपीजी कनेक्शन आने से अब बहुत सुविधा हो गई है। उन्होंने कहा कि वे अल्लाह से दुआ मांगती हैं कि श्री मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें।

 

 

 

 

तमिलनाडु की रुत्रम्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी को वे उज्ज्वला योजना के गैस चूल्हे पर बनाया हुआ इडली और डोसा खिलाना चाहती हैं।

सामाजिक उत्थान केंद्र सरकार का लक्ष्य
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाने और उन्हें सशक्त होने की अपील की और कहा कि महिलाओं को सुविधाएं मिलने पर वे सबकुछ कर सकती हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि आप ताकतवर बनें, आप तय करें कि गरीबी को मिटा कर जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने सरकार की अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से भी लोगों के जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना, 12 रुपये सलाना में जीवन सुरक्षा योजना, प्रतिदिन 90 पैसे वाला प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हर कोई उठा सकता है। उन्होंने मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर अपना स्वयं का कारोबार शुरू करने का भी आह्वान किया।

 

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