प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का असर दूर-दराज के गांवों में भी दिखने लगा है। पहले जो लोग खुले में शौच करने जाया करते थे, अब अपने घर में शौचालय बना रहे हैं। महाराष्ट्र में पालघर जिले की एक महिला सुशीला कुरकुट्टे भी देश भर के लोगों को लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। नंदगाव की सुशीला को जब खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चला तो वो गर्भवती होते हुए भी लगातार तीन दिन तक अकेले शौचालय खोदने का काम किया। उसके दिल-दिमाग और मन में सिर्फ यही ख्याल था कि उसके गांव को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त होना है और इसके लिए उससे जो बन पड़ेगा, वह करेगी। स्वच्छता के प्रति समर्पण को देखते हुए सुशीला को स्वच्छ शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
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