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मोदी राज में नए मुकाम पर शेयर बाजार, पहली बार मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत का उदय हो रहा है। आज भारत हर मोर्चे पर नए-नए रिकार्ड बना रहा है। 29 नवंबर 2023 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पहली बार 333.13 लाख करोड़ रुपए (करीब 4 ट्रिलियन डॉलर) के पार निकल गया है। यह देश की कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP से भी ज्यादा है। भारत का मार्केट कैप 2023 में लगभग 51 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। ऐसा छोटे और मिडकैप शेयरों के बेहतर प्रदर्शन और दलाल स्ट्रीट पर एक के बाद एक आने वाले आईपीओ के कारण है। भारत मई 2021 में तीन ट्रिलियन डॉलर के क्लब में शामिल हुआ था। वैश्विक बाजारों में भारतीय शेयर बाजार मार्केट के लिहाज से अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद पांचवें स्थान पर है। इसी महीने 18 नवंबर 2023 को आजादी के बाद भारत की GDP पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल गई है। अब भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने की दिशा में मील का पत्थर भी है।

पहली बार शेयर बाजार का मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा
शेयर बाजार में लगातार तेजी के कारण BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप पहली बार 29 नवंबर 2023 को रिकॉर्ड 4 ट्रिलियन डॉलर, यानी करीब 333 ट्रिलियन रुपए को पार कर गया। इस साल की शुरुआत से ये 600 बिलियन डॉलर बढ़ा। मई 2007 में बीएसई-लिस्टेड कंपनियों ने 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप की उपलब्धि हासिल की थी। इसे दोगुना होने में 10 साल का समय लग गया और जुलाई 2017 में मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पहुंचा। मई 2021 में मार्केट कैप 3 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया था। इस कैलेंडर ईयर में अब तक भारत का मार्केट कैप करीब 15 पर्सेंट बढ़ा है, जबकि चीन के मार्केट कैप में 5 पर्सेंट की गिरावट आई है। लगभग 48 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ, अमेरिका अब तक दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी बाजार है। इसके बाद चीन (9.7 ट्रिलियन डॉलर) और जापान (6 ट्रिलियन डॉलर) का स्थान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प और केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से ऐसे कई काम हुए हैं जो पहली बार हुए हैं। इनमें से कुछ पर एक नजर- 

पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार हुई देश की जीडीपी
आजादी के बाद भारत की GDP पहली बार 18 नवंबर 2023 को 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल गई। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की जीडीपी में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है। 2021 में भारत की जीडीपी 3.2 ट्रिलियन डॉलर थी, 2022 में यह बढ़कर 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो गई और 2023 में यह बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर हो गई। अब जापान को 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी को 4.3 ट्रिलियन डॉलर के साथ पछाड़कर भारत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बनने की ओर अग्रसर है।

पहली बार विश्व का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक बना भारत
‎‎वित्तीय वर्ष 2022‎-23 ‎में भारत ने 750 बिलियन डालर के सामानों एवं सेवाओं का निर्यात कर विश्व का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। पिछले साल 2021-22 में भारत ने 600 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था और इस तरह नौवें नंबर पर था। कोरोना के बाद वैश्विक संकट, रूस-युक्रेन संघर्ष के बीच दुनिया भर में मंदी, ऊंची ब्याज दरें, ऊर्जा संकट, उत्पादन बंद होने को देखते हुए भारत की यह उपलब्धि शानदार है।

पहली बार सेंसेक्स 67000 और निफ्टी 19800 के पार हुआ बंद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। 19 जुलाई, 2023 भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर बंद हुआ। शेयर बाजार में शुरुआत के साथ ही जोरदार तेजी देखने को मिली और कारोबार के दौरान सेंसेक्स 67,171 के लेवल पर पहुंच गया और बाद में 302 अंक बढ़कर 67,097.44 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 83 अंक से ज्यादा की छलांग लगा अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 19,833 पर बंद हुआ।

भारत पहली बार शीर्ष 25 रक्षा उत्पादों के निर्यातक देशों की लिस्ट में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ का मंत्र अब अपना असर दिखा रहा है। भारत अपने रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर होने के साथ ही बड़े निर्यातक के रूप में उभर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट 2020 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्टूबर, 2021 को बताया कि भारत अब रक्षा उत्पादों के निर्यात करने वाले शीर्ष 25 देशों की सूची में शामिल हो गया है। भारत रक्षा निर्यात में वैश्विक लीडर बने इसके लिए रक्षा मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। 

आजादी के बाद पहली बार कश्मीर के दुर्गम गांव पहुंची बिजली
अनंतनाग की दुर्गम पहाड़ियों पर स्थित तेथन के लोग 9 जनवरी 2023 को उस समय खुशी से झूम उठे जब लगभग 75 सालों बाद पहली बार गांव में पहला बल्ब जला। 75 सालों से इस गांव के लोग अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए पारंपरिक लकड़ी पर निर्भर थे और दीये और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते थे। आजादी के 70 साल बाद तक 18 हजार से अधिक गांव अंधेरे में डूबे थे। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर इन गांवों में बिजली पहुंचाने का ऐलान किया था।

ब्रिटेन ने पहली बार किया यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का समर्थन
ब्रिटेन सरकार ने 13 मार्च, 2023 को संसद में पेश रक्षा और विदेश नीति समीक्षा रिपोर्ट ‘इंटीग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश 2023’ (IR 2023) में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सदस्यता देने और यूएनएससी में सुधारों की वकालत की है। यह ब्रिटेन सरकार की ओर से भारत को सुरक्षा परिषद में स्थान देने का समर्थन करने की पहली बड़ी प्रतिबद्धता है। ‘इंटीग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश 2023 में कहा गया है कि ब्रिटेन सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार का समर्थन करेगी और ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी का स्थायी सदस्यों के रूप में स्वागत करेगी। इसमें भारत को प्रमुख प्राथमिकता वाले देश के रूप में रेखांकित किया गया है।

पहली बार न्यूयॉर्क से बाहर भारत में UNSC की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक
यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति (सीटीसी) की बैठक न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर से बाहर भारत में हुई। इस बैठक का आयोजन क्रमश: 28 अक्टूबर और 29 अक्टूबर 2022 को मुंबई और नई दिल्ली में किया गया। आतंक के खिलाफ रणनीति के लिए भारत को चुना जाना अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की दृष्टि से भारत के लिए बड़ी सफलता मानी गई। सबसे खास बात यह है कि मुंबई में इस बैठक का आयोजन होटल ताजमहल पैलेस में किया गया, जो 26/11 के भीषण आतंकी हमले और आतंकवाद का सबसे बड़ा गवाह है।

पहली बार 180 देशों के डेलीगेट्स ने एक साथ किया योग, बना विश्व रिकॉर्ड
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर 21 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में योग कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस कार्यक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया। इस योग सेशन में सबसे ज्यादा राष्ट्रीयता (अलग-अलग देश) के लोग शामिल थे। योग कार्यक्रम में कुल 180 देशों के लोग शामिल हुए। नौवें योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वो दुनिया के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके साथ इतनी बड़ी संख्‍या में विदेशी डेलीगेट्स ने योग किया है।

‘नाविक’ सैटेलाइट: पहली बार स्वदेशी रूबिडियम परमाणु घड़ी का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत धरती, जल और आकाश में अपना दबदबा कायम करता जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में पूर्ण स्वदेशी सैटेलाइट ‘नाविक’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 29 मई को श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2,232 किलोग्राम के ‘नाविक’ सीरीज में नेक्स्ट जनरेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया गया। इसके साथ ही भारत ने रूबिडियम परमाणु घड़ी के निर्माण और उपयोग में आत्मनिर्भरता हासिल कर लिया है। इसरो का यह ‘नाविक’ सैटेलाइट तीसरी आंख का काम करेगा। इससे नेविगेशन सर्विस में सुधार, भारतीय सेना की निगरानी क्षमता में वृद्धि और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी बढ़ेगी।

आईएनएस विक्रांत पर पहली बार कराई तेजस की सफल लैंडिंग
भारत की तीनों सेनाओं को भारत में निर्मित रक्षा उपकरण मिल रहे हैं, जिससे उनकी दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हो रही है। इसी कड़ी में 06 फरवरी, 2023 को देश ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण को स्वदेशी विमान वाहक युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत पर पहली बार उतारा गया। स्वदेशी एलसीए की यह सफल लैंडिंग नौसेना की सामरिक क्षमता के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रही है।

पहली बार 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों के आधार पर न्यू इंडिया का निर्माण कर रहे हैं। उनकी सरकार ने बाबासाहेब को जितना सम्मान दिया है, उतना किसी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं दिया है। पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने ऐसे अनेक फैसले किए हैं, जिनसे ना सिर्फ बाबासाहेब का व्यक्तिगत सम्मान बढ़ा है, बल्कि दलित, वंचित और गरीबों का भी सशक्तीकरण हुआ है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने बाबासाहेब के सम्मान में एक और ऐतिहासिक फैसला किया है। आजादी के 75 साल के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब 14 अप्रैल, 2023 को अंबेडकर जयंती पर देशभर में अवकाश का फैसला किया गया।

पहली बार देश के किसी गुरुद्वारे में प्रधानमंत्री के लिए हुआ अखंड पाठ
प्रधानमंत्री मोदी और सिख समुदाय के बीच काफी गहरा रिश्ता है। प्रधानमंत्री मोदी के 72वें जन्मदिन के अवसर पर उनकी बेहतरी के लिए गुरुद्वारा बाला साहिब में ‘अखंड पाठ’ आयोजित किया गया था। इस गुरुद्वारा के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर 19 सितंबर, 2022 उनसे मुलाकात की। सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी को पगड़ी बांधकर और सिरोपा भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री के लंबे जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक ‘अरदास’ (प्रार्थना) भी की गई।

वाराणसी बनी SEO की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने वाराणसी को वर्ष 2022-23 के लिए अपनी सांस्‍कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित कर एक बड़ी सौगात दी। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने 16 सितंबर, 2022 को शंघाई सहयोग संगठन द्वारा लिए गए फैसले के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी वर्ष 2022-23 के दौरान वाराणसी को एससीओ के पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सदस्य देशों को धन्यवाद दिया है। प्रधानमंत्री के अनुसार एससीओ का यह फैसला भारत और संबंधित क्षेत्र के बीच सांस्कृतिक और आपसी संबंधों के द्वार भी खोलता है।

मोदी सरकार की नीतियों की वजह से महिलाओं ने भी ऐसे कई काम किए जो कि पहली बार हुए। इनमें से कुछ पर एक नजर-

महिला अफसरों को पहली बार सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन
पहली बार सेना की आर्टिलरी में पांच महिला अधिकारियों को कमीशन दिया गया। 29 अप्रैल 2023 को चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में ट्रेनिंग पूरा करने के बाद पांच महिला अधिकारी आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल हो गईं। आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन पाने वाली इन अधिकारियों में लेफ्टिनेंट महक सैनी को एक SATA रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे और लेफ्टिनेंट अदिति यादव को फील्ड रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल को एक मीडियम रेजिमेंट में और लेफ्टिनेंट आकांक्षा को एक रॉकेट रेजिमेंट में कमीशन दिया गया। 

‘सेरांग संध्या’ भारत की बेटी जिसने संभाल ली है फेरी की कमान
केरल की 44 साल की संध्‍या पहली महिला बनीं जिन्‍हें सेरांग या बोट मास्‍टर की उपाधि मिली है। यह उपाधि मिलने के बाद वह ‘सेरांग संध्या’ के नाम से फेमस हो गई हैं। उन्हें 11 नवंबर 2022 को यह लाइसेंस मिला। उनकी सेरांग बनने की ज्‍यादातर ट्रेनिंग अलप्‍पुझा, कोट्टायम और एरनाकुल के वेम्‍बनाड में हुई। अब उनके पास 226एचपी तक की क्षमता वाले नावों और समुद्री जहाजों को चलाने का सरकारी लाइसेंस है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेरांग संध्या के बारे में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से किए गए एक ट्वीट के जवाब में कहा, “नारीशक्ति को नमन! जल-थल और नभ में महिलाओं के नित-नए कीर्तिमान विकसित भारत के निर्माण में मील के पत्थर साबित होंगे।”

मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘‘सेरांग संध्या भारत की बेटी जिसने संभाल ली है फेरी की कमान, जो लोगों को पहुंचा रही है उनके गंतव्य तक। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की दृढ़ता और महिलाओं के बढ़ते योगदान से जल परिवहन अब एक नया कीर्तिमान बनाने के लिए तत्पर है।’’

सुरेखा यादव बनीं वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट
एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार, 13 मार्च को एक और इतिहास रच दिया। सुरेखा यादव अब वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बन गई हैं। उन्होंने सोलापुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनर्स (सीएसएमटी) तक वंदे भारत चलाया। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनर्स पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। महाराष्ट्र के सातारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनी थीं और उनकी इन उपलब्धियों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।


विदेश में बीआरओ का काम संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं सुरभि जाखमोला
मोदी सरकार महिलाओं के हाथों में एक के बाद एक क्षेत्र में कमान सौंप रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महिलाओं को उचित मौका देने और उन पर भरोसा जताने से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास जगा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी हो रही हैं। अब भारतीय सेना की 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कैप्टन सुरभि जाखमोला विदेश में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)का काम संभालने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। कैप्टन सुरभि जाखमोला अब विदेश में एक बड़ी जिम्मेदारी संभालेगी। उन्हें बीआरओ के दंतक प्रोजेक्ट के तहत भूटान भेजा जाएगा। भारत और भूटान के बीच इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 24 अप्रैल, 1961 को हुई थी। सीमा सड़क संगठन देश की सीमाओं के साथ पड़ोसी मित्र देशों में सड़क नेटवर्क का निर्माण और रखरखाव करता है। इसमें सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, मिलिट्री पुलिस के जवान और अधिकारी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हैं।

सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं कैप्टन शिवा चौहान
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया है। कुमार पोस्ट में पोस्टिंग से पहले शिवा को कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा है। सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है और सियाचिन ग्लेशियर में स्थित कुमार पोस्ट 15632 फीट की ऊंचाई पर है। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्वीट कर लिखा है कि फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।

ऑल-वुमन नेवी क्रू ने समुद्री निगरानी मिशन पूरा कर रचा इतिहास
नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा। 3 अगस्त, 2022 को नेवल एयर एन्क्लेव, पोरबंदर में स्थित भारतीय नौसेना के आईएनएएस 314 के पांच अधिकारियों ने डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला सर्व-महिला स्वतंत्र समुद्री टोही और निगरानी मिशन पूरा किया। विमान की कप्तानी मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की थी, जिनकी टीम में पायलट, लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, और सामरिक और सेंसर अधिकारी, लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और एसएलटी पूजा शेखावत थे।

अग्निवीर योजना में पहली बार महिला नाविकों को जगह मिली
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निवीर योजना के तहत भारतीय नौसेना में महिला नाविकों को जगह मिली है। चीफ एडमिरल आर हरि कुमार के मुताबिक लगभग 3 हजार अग्निवीरों को नौसेना में शामिल किया गया है, इनमें से 341 महिला नाविक यानी ‘वुमन-सेलर’ हैं। नौसेना में महिला अग्निवीरों को इसी नाम से जाना जाएगा। सेना में इन्हें ‘महिला जवान’ और एयरफोर्स में ‘एयर-वुमन’ के नाम से नियुक्ति होगी। नौसेना प्रमुख ने कहा है कि आने वाले सालों में इंडियन नेवी की बाकी ब्रांच में भी महिलाओं को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि भारतीय सेना के तीनों अंगों में से सबसे ज्यादा नौसेना में ही महिलाओं को जगह मिली है। तीनों सेनाओं ने भरोसा दिलाया है कि इनमें अग्निवीरों के जरिए महिलाओं को भी मौका दिया जाएगा।

अमेरिका से ज्यादा महिला पायलट भारत में
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारतीय हैं और खास बात यह है कि भारत में जितनी महिला पायलट हैं, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ विमिन एयरलाइन पायलट्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या वैश्विक औसत से ढाई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि भारत में महिला पायलटों का अनुपात 12.4 प्रतिशत है, जो विश्व में सबसे अधिक है। दुनिया में सबसे बड़े विमानन बाजार अमेरिका में महिला पायलटों की संख्या 5.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में 4.7 प्रतिशत है। महिला पायलट अब भारत में दुर्लभ नहीं हैं, जब एयरलाइन उद्योग में विविधता की बात आती है तो देश एक सफलता की कहानी बन जाता है। देश में रीनजल एयरलाइंस में सबसे अधिक महिलाएं हैं। भारत में महिला पायलट का प्रतिशत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी देशों की तुलना में दोगुना है।

Air india की महिला पायलटों ने रचा इतिहास, पूरी की दुनिया की सबसे लंबी उड़ान
एअर इंडिया की महिला पायलटों की एक टीम ने हाल ही में दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रच दिया। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से उड़ान भरने के बाद यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु पहुंची। इस दौरान चार महिला पायलटों ने करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की। कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। उनके साथ को-पायलट के रूप में कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे भी शामिल रहीं। बेंगलूरु पहुंचने पर केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन महिला पायलटों को जोरदार स्वागत किया गया।

काशी की शिवांगी सिंह बनीं राफेल की पहली महिला पायलट
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह दुनिया की सबसे बेहतरीन युद्धक विमानों में से एक राफेल की पहली महिला पायलट बन गई हैं। साल 2015 में शिवांगी का सेलेक्शन वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ था। शिवांगी सिंह महिला पायलटों के दूसरे बैच की हिस्सा हैं जिनकी कमिशनिंग 2017 में हुई। साल 2017 में वायु सेना में फाइटर विमान उड़ाने वाली पांच महिला पायलटों में एक शिवांगी सिंह भी थीं। अब तीसरे साल ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए राफेल के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं। एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं।

पहली बार नौसेना के युद्धपोत पर तैनात होंगी महिला अधिकारी
देश में पहली बार दो नौसेना महिला अधिकारी को युद्धपोत में काम करने के लिए चुना गया है। भारतीय नौसेना ने सब-लेफ्टिनेंट रिति सिंह और सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी को नौसेना के युद्धपोत पर तैनात किया है। 

दोनों महिला अधिकारी प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नौसेना के नए एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों में उड़ान भर रही हैं। यह एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में दुनिया में सबसे अत्याधुनिक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर है। इसे दुश्मन के पोतों और पनडुब्बियों को डिटेक्ट करने और उन्हें उलझाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सेना की पहली महिला पायलट बनीं शिवांगी स्वरूप
सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी स्वरूप ने नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की शिवांगी स्वरूप अपना ऑपरेशन प्रशिक्षण पूरा कर कोच्चि बेस पर ऑपरेशन ड्यूटी में शामिल हो गईं। 24 वर्षीय शिवांगी को भारतीय नौसेना अकादमी में 27 एनओसी कोर्स के तहत एसएसी (पायलट) के तौर पर शामिल किया गया था। Shivangi indian navy

किरण उनियाल ने बनाए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
भारतीय सेना में कार्यरत कर्नल की पत्नी किरण उनियाल ने महिला वर्ग में “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” और “एक मिनट में बारी-बारी से दोनों घुटनों से 120 वार” करने के दो व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं। इसके पहले इसी वर्ग में 177 वार और 102 वार करने का रिकॉर्ड था। उनके दोनों रिकॉर्डों का लक्ष्य लड़कियों और महिलाओं को आत्म रक्षा के लिए मार्शल आर्ट को प्रोत्साहन देना है। “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” का रिकॉर्ड बनाने के क्रम में उन्होंने पुरुष वर्ग के 226 वार के मौजूदा रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। किरण उनियाल ने इसके पहले जनवरी, 2019 में “तीन मिनट में एक हाथ की कोहनी से 466 वार” करने का पहला व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। श्रीमती उनियाल ने अब तक 15 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें मार्शल आर्ट, फिटनेस और सामाजिक कार्य में 10 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं।

विंग कमांडर शालिजा धामी बनीं देश की पहली महिला फ्लाइट कमांडर
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर शालिजा धामी फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनने वाली देश की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। हाल ही में उन्होंने हिंडन वायुसैनिक अड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर के फ्लाइट कमांडर का प्रभार ग्रहण किया है। 15 साल से वायुसेना में रहते हुए देश के सेवा करने वाली शालिजा धामी चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय वायुसेना की पहली महिला योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं। शालिजा धामी वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमीशन अधिकारी हैं।

हॉक विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनीं मोहना सिंह
एयरफोर्स की फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह ने 30 मई, 2019 को एक नया इतिहास रच दिया। वह दिन में हॉक एडवांस्ड जेट में मिशन को अंजाम देने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं। वायुसेना के अनुसार फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा स्थित वायसेना अड्डे पर लड़ाकू विमान 4 एयरक्राफ्ट की सैन्य उड़ान पूरी कर विमान से उतारने के बाद दिन में पूरी तरह हॉफ एडवांस्ड जेट विमान संचालित करने वाली पहली महिला लड़ाकू पायलट बन गईं। मोहना सिंह को दो महिलाओं भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ जून 2016 में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए लड़ाकू शाखा में चुना गया था।

तीन महिला वायुसैनिकों ने MI-17 उड़ाकर रचा इतिहास
हाल ही में वायुसेना की तीन महिला अधिकारियों ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ाकर इतिहास रच दिया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज, फ्लाइंग ऑफिसर अमन निधि और फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल मिडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहली ऑल-वीमेन टीम की सदस्य बन गईं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज एमआई 17 हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहिला महिला पायलट भी हैं, जबकि हिना जायसवाल देश की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।

वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनीं हिना जायसवाल
वायु सेना में फ्लाइट लेेफ्टिनेंट हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया। चंडीगढ़ की रहने वाली हिना वायु सेना की इंजीनियरिंग शाखा में 5 जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुईं। हिना का फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स 15 फरवरी को पूरा हुआ।

लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी अवनी
इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अवनी ने अकेले मिग-21 उड़ाकर एक नया इतिहास रच दिया। 19 फरवरी, 2018 को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी। अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक है। अवनी के साथ मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था।

एयरफोर्स में पहली बार महिला फाइटर पायलट शामिल
इससे पहले देश की वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में तीन महिलाओं की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्व से भर दिया था। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह भारतीय वायु सेना के उस लड़ाकू बेड़े में शामिल की गई थीं। यह अपने-आप में बहुत बड़ी उपलब्धि भी है और बहुत बड़ी मिसाल भी।

राजपथ पर महिला कमांडो का हैरतअंगेज करतब
गणतंत्र दिवस परेड, 2018 में पहली बार बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाने के लिए महिला कमांडो के दस्ते को शामिल किया गया। अब तक ऐसा सेना के जवान करते रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि बुलेट पर महिला कमांडो पिरामिड, उल्टे-सीधे खड़े होकर अखबार पढ़ते और चाय पीते नजर आईं। महिला दस्ता में शामिल 106 महिला कमांडो ने 26 बाइक पर विजय चौक से इंडिया गेट तक (तीन किलोमीटर) अलग-अलग हैरतअंगेज करतब का प्रदर्शन किया। दस्ते में शामिल महिला कमांडो नेपाल, म्यांमार, भूटान, बांग्लादेश सीमा पर तैनात हैं। साहस और जोखिम उठाने के मामले में ये किसी से कम नहीं हैं। इस दस्ते का नाम सीमा भवानी रखा गया है। बीएसएफ की देशभर की यूनिट में से चयनित 106 महिला कमांडो को 15 महीने का विशेष प्रशिक्षण सीमा सुरक्षा बल अकादमी, टेकनपुर स्थित केंद्रीय मोटर गाड़ी प्रशिक्षण में दिया गया।

राजपथ पर पहली बार महिला सशक्तीकरण का प्रदर्शन
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महिला सामर्थ्य पर अटल विश्वास की झलक उसी समय दिख गई थी, जब राजपथ पर देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार तीनों सेनाओं के एक विशेष महिला दस्ते ने मार्च करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया। इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

पहली बार नाविक सागर परिक्रमा पर निकली महिला अधिकारी
नौसेना की 6 साहस से भरी महिला अधिकारियों ने नाविक सागर परिक्रमा नामक मिशन आईएलएसवी नौका तारिणी के जरिए पूरा किया। सभी महिला सदस्यों के इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया।

राजस्थान का गांधी नगर देश का पहला ‘ऑल वुमेन रेलवे स्टेशन’
जयपुर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसे केवल महिलाएं ही संभाल रही हैं। इससे पहले मुम्बई के माटुंगा को ‘ऑल वुमेन स्टेशन’ बनाया गया था, लेकिन वह सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है। गांधी नगर रेलवे स्टेशन को स्टेशन मास्टर से लेकर गेटमैन तक कुल 40 महिलाओं की टीम संभाल रही हैं।

इस स्टेशन पर… स्टेशन मास्टर, इंजीनियर, टिकट क्लर्क, मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक, फ्लैग इंडिकेटर, प्वांइट्स मैन और गेटमैन तक के सभी पदों पर महिलाओं को ही नियुक्ति किया गया है। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा में तैनात जीआरपी की टीम में भी महिलाएं ही शामिल हैं।

पहली बार माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन महिलाओं ने किया 
मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन का संपूर्ण प्रभार महिला कर्मचारियों पर है। यहां स्टेशन मास्टर से लेकर टिकट कलेक्टर तक महिलाएं हैं। माटुंगा देश का पहला ऐसा सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है, जिसकी कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में है। इसी खासियत ने इस स्टेशन को 2018 के लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल करा दिया है। महिलाओं की क्षमता पर हमेशा भरोसा जताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार मध्य रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने माटुंगा रेलवे स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला किया था। इसके बाद वहां स्टेशन मैनेजर, बुकिंग स्टॉफ, टिकट चेकर, आरपीएफ जवान, सफाई कर्मचारी समेत सभी पदों पर महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी और 12 जुलाई, 2017 को स्टेशन का संचालन उन्हें सौंप दिया गया था।

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