Home समाचार बार-बार हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ क्यों-AIIMS में रामलीला के नाम...

बार-बार हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ क्यों-AIIMS में रामलीला के नाम पर बेशर्मी करने वालों की गिरफ्तारी की मांग

SHARE

रामलीला के नाम पर भद्दा मजाक, दिल्ली के एम्स में हुई रामलीला के वायरल वीडियो पर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों के विरोध का सिलसिला जारी है। वायरल वीडियो में रामलीला के प्रसंगों और उन पात्रों का उपहास करते हुए एम्स के एमबीबीएस छात्र भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के बारे में भी अपशब्द भी बोलते देखे जा सकते हैं। 

रामलीला के विवादित वीडियो को लेकर सबसे अधिक हैरानी की बात तो ये है कि इसे एम्स के कैंपस में शूट किया गया है। सवाल ये है कि क्या लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले इस तरह के कार्यक्रम के लिए एम्स प्रशासन से इजाजत ली गई थी। रामलीला का वीडियो वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर गुस्से का इजहार कर रहे हैं।

एम्स के छात्रों पर कथित तौर पर अभद्रता करने और रामायण के किरदारों का मजाक उड़ाने का आरोप है। इसे लेकर जहां सोशल मीडिया में इनकी जमकर खिंचाई की जा रही है, वहीं इनकी गिरफ्तारी की मांग भी जोर पकड़ने लगी है।

देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान में बेशर्मी की हद पार हो गई। इसपर एम्स स्टूडेंट एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा कि छात्रों की ओर से हम इस नाटक के संचालन के लिए क्षमा चाहते हैं, जिसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी कोई गतिविधि न हो।

सोशल मीडिया पर पर चल रही इन खबरों में बताया जा रहा है कि इस नाटक का मंचन शोएब आफताब नाम के छात्र द्वारा किया गया था, जिसने जान-बूझकर हिन्दू धर्म की आस्था का मजाक उड़ाते हुए अपमान किया है।लोग सवाल उठा रहे हैं कि शोएब आफताब नाम के जिस छात्र पर आरोप लग रहे हैं, उसने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। 

दिल्ली के एम्स में शर्मनाक हरकत के बाद #ArrestAIIMSCulprits और #AntiHinduUnacademy जैसे हैशटैग ट्विटर पर दिनभर ट्रेंडिंग में बने रहे। इसी मुद्दे पर कवि कुमार विश्वास ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। 

रामलीला के नाम पर शर्मनाक मंचन का वीएचपी ने भी विरोध किया है। वीएचपी का कहना है कि एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के परिसर में भगवान श्रीराम व माता जानकी का अपमान किया गया है यह बहुत ही गंभीर मसला है। इसके आयोजकों व नाटक के निदेशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। 

Leave a Reply Cancel reply