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बात-बात में ‘रिमोट’ का बटन दबा रहे नवजोत सिद्धू: पंजाब में कांग्रेस की ईट से ईट बजाने में जुटे ‘इस्तीफा किंग’

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कभी पंजाब में महाधिवक्ता को हटाने की मांग, तो कभी बेअदबी और गोलीकांड पर एक्शन की मांग, कभी बिजली-पानी सस्ता करने को लेकर हंगामा, तो अब रेत की कीमतों के लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना। चुनावी भाषण में सिद्धू अपने ही पार्टी के सीएम को धमकाते नजर आए। चन्नी सरकार पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि-पंजाब में अभी भी रेत महंगी मिल रही है। वह इसे सस्ता करवाकर दम लेंगे और ऐसा न हुआ तो इस्तीफा दे देंगे। उधर सिद्धू के बाद भाषण देने आए सीएम चन्नी बोले –रेत सस्ती की जा चुकी है।

सोमवार को लुधियाना  में एक रैली के दौरान सिद्धू ने सीएम चन्नी पर कई बार निशाना साधा, 19 मिनट के भाषण में सिद्धू ने 4 दफा चन्नी का नाम लिया। पंजाब में सिद्धू खुद को सुपर-सीएम वाले अंदेज में पेश करते दिख रहे है, वो चन्नी सरकार से एक के बाद एक मांगे करते दिखते है, साथ में इस्तीफे की धमकी भी नत्थी कर देते हैं, मांग पूरी होने का बाद चन्नी सरकार को उसका श्रेय देने के बदले खुद ही तारीफ बटोरने में जुट जाते हैं।

पंजाब में खुद को सुपर-CM की तरफ पेश करने वाले सिद्धू खुद को ही पार्टी समझने लगे हैं। उनके हर भाषण में खुद की तारीफ होती है और सरकार की कमियों की ठीकरा चन्नी सरकार के सिर पर फोड़ा जाता है। सिद्धू के भाषणों और उनके बयानों में उनका ये रवैया साफ नजर आता है। पंजाब में कांग्रेस चुनावों में जीत के दावे कर रही है, लेकिन नवजोत सिद्धू के रवैया से पार्टी में बिखराव साफ नजर आा है। सिद्धू और चन्नी एक साथ हाथ उठाकर वोटरों से वोट देने की अपील तो जरूर कर रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच की खाई भी साफ नजर आती है। सिद्धू कभी कुछ कहते है, तो फौरन अपनी बातों से पलट जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या चुनाव के ठीक पहले सिद्धू के हाथ में पंजाब की कमान देकर, कांग्रेस ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। 

पंजाब में कांग्रेस की लुटिया डुबाने में जुटे ‘इस्तीफा किंग’ 

  • तीन महीने से भी कम समय में राज्यसभा से इस्तीफा 
  • तीन महीनों से कम वक्त में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष से इस्तीफा
  • चंद महीनों में ही सिद्धू का अपनी नई पार्टी से मोह भंग
  • पंजाब में आप से किनारा कर कांग्रेस में हुए शामिल 
  • पंजाब में सिद्धू ने मंत्री पद से भी दिया था इस्तीफा  

इतनी की नहीं कांग्रेस में शामिल होते ही सिद्धू ने पंजाब में पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेता अमरिंदर सिंह के खिलाफ जंग छेड़ दी। अध्यक्ष बनने के बाद वे पार्टी में फैसले लेने के अधिकार के लिए लड़ने लगे। अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार बनी, लेकिन सिद्धू अपनी ही सरकार को चैन की सांस नहीं लेने दे रहे। बार-बार रिमोट का बटन दबा कर पंजाब में कांग्रेस की ईंट से ईंट बजाने में जुटे हैं ।

सिद्धू जैसे अस्थिर नेता को कांग्रेस की कमान 

चन्नी और सिद्धू के बीच तनातनी की खबरें नई नहीं है, लेकिन पंजाब में कांग्रेस में चल रहे इस बवाल का खिमायाजा पार्टी को चुनावों में चुकाना ही होगा। दरअसल दरअसल कांग्रेस के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को साधना बड़ा सवाल बनता जा रहा है। सिद्धू के चलते मुख्यमंत्री चरणजीत सिहं चन्नी की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इससे पहले सिद्धू ने चन्नी के दिवाली गिफ्ट का दिवाला उसे झूठ और फरेब कहकर निकाल दिया।

चन्नी की ‘चवन्नी’ पर सिद्धू के बयानों का ‘सिक्का’ भारी

पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस के लिए यह सबसे मुश्किल समय है। कैप्टन अमरिंदर की विदाई जिस अपमानजनक तरीके से की गई, उससे कांग्रेस के कार्यकर्ता भी दिग्भ्रमित हैं। उनके बाद सीएम बनाए गए चरणजीत सिंह चन्नी अपनी चवन्नी चलाने के लिए लोक-लुभावनी घोषणाओं का पिटारा खोलने में लगे हुए हैं। लेकिन कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का मूड बिगड़ा हुआ है। वे आए दिन अपने बयानों का सिक्का उछालकर चन्नी की चवन्नी को चित करने में लगे हुए हैं।

एजी पर चन्नी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया

एजी और डीजीपी के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद के इस्तीफा देने और फिर उसे वापस लेने के तीसरे दिन ही सिद्धू ने एक बार फिर चन्नी सरकार पर अपने बयानों के तीर छोड़े। उन्होंने एडवोकेट जनरल को नहीं बदलने के मामले में चन्नी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।

सोनिया के सीधे मीडिया में न जाने के निर्देश की फिर धज्जियां

सोनिया गांधी के सीधे मीडिया में न जाने के निर्देश को धता बताते हुए सिद्धू ने अपनी भड़ास मीडिया के सामने ही निकाली। उन्होंने पत्रकार वार्ता में सीएम पर सवाल खड़ा किया कि एडवोकेट जनरल एपीएस देवल को कैसे लगाया गया ? जो सरकार के खिलाफ रहा है वो पैरवी कैसे करेगा ? अपनी ही दलील को कैसे ठुकराएगा ? यह कानून सम्मत नहीं है।

कैप्टन को जिससे सत्ता छोड़नी पड़ी, काम चन्नी भी नहीं कर पा रहे

सिद्धू ने चन्नी पर सीधा वार करते हुए कहा कि यह सरकार तय कर ले कि उसे ड्रग्स और बेअदबी के मुद्दे पर समझौता करने वाले अफसर चाहिए या फिर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस मुद्दे पर अकाली-भाजपा कै सरकार गई और कैप्टन को साढ़े चार साल बाद सत्ता छोड़नी पड़ी, उस पर चन्नी सरकार भी काम नहीं कर रही है।पंजाब में सिद्धू को कैसे साधेगी कांग्रेस 

सिद्धू ने कहा कि ड्रग्स और बेअदबी के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कैप्टन ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई थी, इसलिए उन्हें बदल दिया गया। अब नई सरकार ये काम क्यों नहीं कर रही है ? सिद्धू की लगातार बयानबाजी दिल्ली दरबार के लिए मंथन का विषय बन गई है।

पंजाब में अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है : सिद्धू
सलामी बल्लेबाज रहे नवजोत सिंह सिद्धू के चलते पंजाब में पॉलिटिक्स बेहद दिलचस्प हो रही है। सिद्धू जैसे धुरंधर के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री को विपक्ष की जरूरत नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हिट विकेट कर चुके सिद्धू के निशाने पर अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आ गए हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने फिर से अपनी ही पंजाब सरकार पर बड़ा हमला कर रहे हैं।

सिद्धू के शॉट पर चन्नी सरकार बगलें झांकने को मजबूर
पंजाब में बिजली 3 रुपए सस्ती कर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने इसे दिवाली गिफ्ट बताया था। उसे ही सिद्धू बुलंद आवाज में झूठ और फरेब बता रहे हैं। सिद्धू ने करारी चोट करते हुए कहा कि पौने 5 साल मौज कर आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। सत्ता में आना है और उसके लिए झूठ बोलना है। 500 झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है। सिद्धू के करारे शॉट पर चन्नी सरकार बगलें झांकने को मजबूर हो गई है।

खजाना भरे होने की बात झूठ, इंडस्ट्री क्यों भाग रही?
सिद्धू ने पूछा कि अगर पंजाब के पास खजाना है तो इंडस्ट्री को सब्सिडी दो। उन्होंने कहा कि पंजाब में 5.40 लाख करोड़ टैक्स आता है। इनमें 75% सिर्फ इंडस्ट्री से मिलता है। फिर पंजाब में इंडस्ट्री क्यों नहीं आ रही। हिमाचल प्रदेश में क्यों जा रही है? पंजाब 17-18वें नंबर पर क्यों है? सिद्धू ने कहा कि अगर कोई आपको कहता है कि पंजाब का खजाना भरा है तो यह झूठ है। अगर ऐसा है तो ईटीटी टीचरों को 50-50 हजार वेतन दे दो। 2004 से जिन्हें पेंशन नहीं मिली, उन्हें पेंशन दे दो। क्या पंजाब के पास 50 हजार करोड़ रुपए सरप्लस है। दिल्ली और तमिलनाडु के पास है। सिद्धू ने कहा कि एजेंडों पर वोट डालो, किसी के लॉलीपॉप पर नहीं। सिद्धू ने कहा कि हम कर्जा लेकर कर्जा भर रहे हैं।अकाली दल ने कहा-सिद्धू के मुद्दों पर जवाब दें चन्नी

अपनी ही सरकार के खिलाफ सिद्धू के बयानों पर अब कांग्रेस की विरोधी पार्टियां, सीएम चन्नी से जवाब मांग रही है। अकाली दल ने इसे लेकर चन्नी सरकार को घेरते हुए कहा था कि कांग्रेस का प्रधान तो खुद बोल रहा है कि साढ़े चार साल कोई काम नहीं किया। एक-दूसरे की टांग खिंचाई में लगे रहे और अब चुनाव से पहले दो महीने में लोगों को खैरात देकर क्या सरकार बनाना चाहते हैं? ऐसे में मुख्यमंत्री और कांग्रेस को सिद्धू की ओर से उठाए गए मुददों का जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि वह सही बोल रहे हैं या नहीं?

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