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शिवसेना के बड़बोले सांसद संजय राउत की सारी चालें फेल, पात्रा चॉल घोटाले में फंसे, जानिए कैसे किया 1034 करोड़ का घोटाला, अब पति-पत्नी जेल में कर सकते हैं शायरी!

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बॉलीवुड की नगरी में प्रवर्तन निदेशालय की टीम के ‘एक्शन’ बोलते ही शिवसेना के बड़बोले सांसद संजय राउत की सारी ‘हेकड़ी’ निकल गई। कुछ समय पहले ही धराशायी हुई उद्धव सरकार के बलबूते काफी समय से खुद को ईडी से बचाते आ रहे राउत की सारी चालों पर पात्रा चॉल का करोड़ों का घोटाला भारी पड़ गया। ईडी ने इस घोटाले के मामले में राउत को तीन बार समन भेजा था, लेकिन हेकड़ीबाज राउत जानबूझकर पेश ही नहीं हुए। ईडी ने राउत की करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी, लेकिन वो ईडी अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखने के बजाए सबूतों के छेड़छाड़ करने में जुटे रहे। दिनभर के ड्रामे के बाद आखिरकार ईडी ने राउत को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया और अदालत ने 4 अगस्त तक ईडी की कस्टडी में रखने का आदेश दिए हैं। इस घोटाले में राउत के अलावा उनकी पत्नी को भी जेल हो सकती है।

ईडी की टीम के सवालों से राउत की याद्दाश्त के तोते उड़े, बोले अब कुछ याद नहीं
बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ अक्सर बड़बोले बयान देने और शाइरी करने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत की याद्दाश्त के तोते ईडी की गिरफ्त में आते ही उड़ गए। ईडी के अपर निदेशक सत्यव्रत कुमार ने रविवार को संजय राउत के अरेस्ट मेमो पर सिग्नेचर किया था। रविवार देर शाम सत्यव्रत कुमार दिल्ली से मुंबई आए और कुल 7 घंटों की पूछताछ की। इसमें आखिरी की 2 घंटे की पूछताछ में पात्रा चॉल के एफएसआई घोटाले से कमाई गई मनी ट्रेल के बारे में पूछा। सूत्रों के मुताबिक रविवार की पूछताछ में राउत कुछ सवालों के जवाब में या तो ये बोले कि नही जानता या अभी याद नही, लेकिन जो जानकारी उन्होंने दी उससे भी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सन्तुष्ट नहीं थे।

देर रात ईडी की गिरफ्त में आए तो बड़बोले बयानवीर राउत की सारी ‘हेकड़ी’ निकली
ईडी ने जिन गवाहों के बयान लिए हैं और जो मनी ट्रेल के सबूत हैं उससे राउत का बयान मेल नहीं खा रहे हैं। इस वजह से उन्हें ईडी ऑफिस लाया गया और उनकी गिरफ्तारी की गई। कोर्ट में ईडी ने इन्हीं पॉइंट्स को आधार बना कर रिमांड मांगा। पात्रा चॉल घोटाले में गिरफ्तार शिवसेना नेता संजय राउत को सोमवार को PMLA कोर्ट ने 4 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया। हालांकि ईडी ने कोर्ट से 8 दिनों की कस्टडी मांगी थी। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में देर रात 12 बजे राउत को गिरफ्तार किया था।

शिवसेना सांसद अपने विवादित बयानों के लिए भी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कंगना रानौत के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछने पर उन्होंने कंगना को वो हरामखोर तक कह दिया था। संसद में उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था, मैं नंगा आदमी हूं, मुझसे पंगा मत लेना। लेकिन अब ईडी वास्तव में उन्हें उनकी करतूतों के लिए नंगा करने में लगी है।

संजय राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त
यह केस मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपए और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

संजय राउत के सहयोगी प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को जब्त किया
मुंबई के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत की गिरफ्तारी करने से कुछ समय पहले भी बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर ली है। संजय राउत के सहयोगी प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी और संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत की 2 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। जांच एजेंसी ने राउत के अलीबाग स्थित आठ प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को भी कुर्क किया। पात्रा चॉल लैंड स्कैम 1,034 करोड़ रुपये का है। आइए आपको इस लैंड स्कैम मामले की पूरी कहानी सिलसिलेवार बताते हैं…

कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की देशमुख सरकार के समय का है लैंड स्कैम
मुंबई के गोरेगांव में एक चॉल है। इसका नाम पात्रा चॉल है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) का प्लॉट है। यहां गरीब लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री थे विलासराव देशमुख। तत्कालीन सरकार ने एक योजना बनाई। इसमें वादा किया गया कि पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत की है।

पात्रा चॉल की 47 एकड़ जमीन पर बनाने थे 3672 फ्लैट
इस कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी।

राउत की कंपनी ने चॉल के लोगों के लिए फ्लैट न बनाकर जमीन ही बेच दी
सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। ईडी की जानकारी में आया कि फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी। इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है।

कंपनी के डायरेक्टर ने बैंक अफसरों से मिलकर फर्जी लोन लिए
कंपनी के डायरेक्टर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपये का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।

संजय राउत की पत्नी वर्षा को मिला था 55 लाख का ब्याज मुक्त कर्ज
जिस एचडीआईएल ने ये दोनों घोटाले किए थे, उसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में संजय राउत का कनेक्शन सामने आया। प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त हैं। प्रवीण का नाम भी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में सामने आ चुका है। पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। इसे लेकर ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत के बयान दर्ज किए थे।

  • 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल लैंड स्कैम के महत्वपूर्ण प्वाइंट
  • संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत के खाते में 2010 में 95 करोड़ रुपये आए। ये रकम उन जमीनों को बेचकर मिली थी, जिसपर गरीबों के लिए फ्लैट बनने थे।
  • इस मामले में सुजीत पतकार का भी नाम सामने आया था। ईडी ने सुजीत के घर भी छापेमारी की थी। सुजीत भी संजय राउत से जुड़ा हुआ है। सुजीत पतकार, संजय की बेटी की एक फर्म में पार्टनर हैं।
  • सुजीत की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने एक साथ मिलकर अलीबाग में जमीन खरीदी। ईडी की जांच में सामने आया है कि ये जमीन भी उसी घोटाले के पैसे से ली गई थी।
  • कोरोनाकाल में सुजीत को मुंबई और पुणे के कई कोरोना सेंटर का कॉन्ट्रैक्ट मिला। भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने इन केंद्रों पर अनियमितता का आरोप लगाया। सोमय्या ने इस मामले में मुंबई के शिवाजी नगर पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई है।
  • संजय राउत की पत्नी को जब ईडी ने समन भेजा तो उन्होंने उप-राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा। इसमें राउत ने आरोप लगाया कि गलत तरीके से ईडी उनके रिश्तेदारों और दोस्तों का उत्पीड़न कर रही है।
  • ईडी ने जो संपत्ति कुर्क की है, उसमें प्रवीन राउत के अलीबाग स्थित जमीन के 8 प्लॉट और वर्षा राउत का एक फ्लैट है। प्रवीन राउत इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
  • ईडी ने इससे पहले प्रवीन राउत के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में प्रवीण राउत, सारंग वाधवान, एचडीआईएल के राकेश वाधवान, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और अन्य के नाम बतौर आरोपी थे।

 

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