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कांग्रेस को विदा कहने का वक्त करीब, खरगे पर थरूर ने कसा करारा तंज, रूस दौरे में भी सर्वदलीय डेलीगेशन वाली मुहिम 

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कांग्रेस में वैसे ही काबिल लोगों की बहुत कमी है। एक-दो बचे हैं, उनकी काबिलियत की कद्र कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के सफल आउटरीच के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक बार फिर रूस-ब्रिटेन के दौरे पर हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि वो वहां पहुंचकर कर क्या रहे हैं।  कांग्रेस सांसद थरुर विदेश दौरे के लिए बने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाली मुहिम को ही जारी रखे हुए हैं। यानि उन्होंने रूसी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की और रशियंस के सामने भी पाकिस्तान के आतंकवादी मुखौटे को उजागर कर दिया है। इस बीच मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर के बीच परस्पर आलोचनात्मक बयानबाजी सामने आई है। खरगे ने कहा है, “मैं अंग्रेजी पढ़ नहीं सकता, लेकिन थरूर की लैंग्वेज बहुत अच्छी है। हमारे लिए देश पहले है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मोदी फर्स्ट हैं।” इसके जवाब में शशि थरूर शानदार तरीके से गेंद कांग्रेस के पाले में ही डाल दी है। खरगे के राजनीतिक बयान पर शशि थरूर की साहित्यिक प्रतिक्रिया आई है। दार्शनिक भाव के साथ एक्स पर यह टिप्पणी राजनीतिक रूप से भी एकदम दुरुस्त है। इसमें खरगे ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लिए भी साफ-साफ, मगर सख्त संदेश छिपा है।

ऑपरेशन सिंदूर: थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया ने बदले सुर
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को बेनकाब करने के लिए शशि थरूर के नेतृत्व में जो डेलिगेशन कोलंबिया सहित की देशों में गया था। उसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। भारत की ओर से पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए किए गए हमलों के बाद से कोलंबिया ने पाकिस्तान के प्रति संवेदना जताई थी, लेकिन जब शशि थरूर डेलिगेशन ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई तो कोलंबिया को सुर बदलने पड़े। कोलंबिया की ओर से आधिकारिक तौर पर अपना बयान वापस ले लिया है। पहले इस मामले पर बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि हम कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से निराश हैं। वहीं, डेलीगेशन से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेश मंत्री योलांडा विलाविसेनियो ने कहा कि हमें सही स्पष्टीकरण मिला है। कश्मीर में जो कुछ हुआ उसके बारे में अब हमारे पास जो जानकारी है, उसके बेस पर हम बातचीत जारी रखेंगे। साथ ही हम अपना पिछला बयान वापस लेते हैं। इस दौरान शशि थरूर ने आगे कहा कि हमें अभी भी महात्मा गांधी की जमीन पर गर्व है। कोलंबिया के बयान वापस लेने के बाद ये संदेश गया है कि ये भारत की यह बड़ी कूटनीतिक जीत है। विदेशी दोरों से वापस आए डेलीगेशन्स ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी।

आतंकवाद पर रूसी सम्मेलन में पाकिस्तान को बुलाने पर कड़ी आपत्ति
कांग्रेस सांसद थरुरू विदेश दौरे के लिए बने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाली मुहिम को अब भी रशिया में भी जारी रखे हुए हैं। मास्को में शशि थरूर की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात हुई है। विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने रूसी संघ परिषद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के फर्स्ट चेयर आंद्रेई डेनिसोव से भी मुलाकात की है, जो संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत रह चुके हैं। बताने वाली बात ये है कि थरूर वहां पाकिस्तान का ही पर्दाफाश कर रहे हैं। लेकिन, हिंदी या अंग्रेजी में नहीं बल्कि फ्रेंच भाषा में। थरूर ने रूसी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के साथ मॉस्को में हुई एक मीटिंग में पाकिस्तान को लेकर कही। रूस में अगले साल आतंकवाद पर एक सम्मेलन करने वाला है। जिसमें भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों को बुलाया गया है। शशि थरूर ने ऐसे सम्मेलन में पाकिस्तान को शामिल किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। दरअसल, थरूर भले ही निजी दौरे पर रूस गये हैं, लेकिन विदेश दौरे के लिए बने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाली मुहिम वो अब भी जारी रखे हैं। पाकिस्तान को आतंकवाद पर सम्मेलन में शामिल किये जाने पर उनकी आपत्ति तो यही बताती है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान, थरूर का एक्स पर पोस्ट
कांग्रेस के साथ उनका तनावपूर्ण रिश्ता वैसे ही बना हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ताजा तकरार भी वैसा ही नमूना है। नीलांबुर उपचुनाव को लेकर शशि थरूर और कांग्रेस की नोक-झोंक देखी जा चुकी है, केरल विधानसभा चुनाव तक तस्वीर और भी साफ हो जाएगी। मल्लिकार्जुन ने एक सवाल के जवाब में बोल दिया कि कुछ लोगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी पहले हैं, और देश बाद में आता है। जैसे मल्लिकार्जुन ने अपनी टिप्पणी में थरूर का नाम नहीं लिया। वैसे ही शशि थरूर ने भी एक्स पर की अपनी प्रतिक्रिया में किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन खरगे, कांग्रेस और राहुल गांधी को तगड़ा जवाब जरूर दे दिया।

थरूर का राहुल, मल्लिकार्जुन और कांग्रेस पार्टी को करार जवाब
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन को जवाब देने के लिए शशि थरूर ने सोशल साइट एक्स पर एक तस्वीर शेयर की। तस्वीर में एक डाल पर एक पक्षी है। उन्होंने लिखा है, ‘उड़ने के लिए किसी से पूछना नहीं होता… पंख तुम्हारे हैं, आसमान तो किसी का भी नहीं होता। इस साहित्यिक टिप्पणी के साथ ही थरूर ने एक साथ ही सबको जवाब दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष को भी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी। कांग्रेस को तो साफ संदेश है, जो हो सके कर लो। कांग्रेस अपने लिए भी, और शशि थरूर के खिलाफ भी। इसका सीधा-सा भाव यही है कि शशि थरूर को अब कांग्रेस की परवाह नहीं है। ये पार्टी को तय करना है कि क्या फैसला लिया जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में भी खरगे के खिलाफ लड़े थे थरूर
यहां बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में आमने-सामने थे। सोनिया-राहुल ने तेजतर्जार शशि थरूर की बजाए कठपुतली अध्यक्ष बनने वाले मल्लिकार्जुन को वरीयता दी। इसलिए खरगे जीत गये और थरूर हार गए। अब खरगे की टिप्पणी पर शशि थरूर तंज भरे लहजे में ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आपके पास पंख है, लेकिन आप उड़ नहीं सकते, क्योंकि कंट्रोल किसी और का है। यानी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी आप वे ही कर पा रहे हैं, जो सोनिया-राहुल चाहते हैं। और दूसरी ओर ऐन इसी वक्त पर शशि थरूर ये भी जता रहे हैं कि वो अपनी मनचाही उड़ान उड़ रहे हैं। उन पर किसी का कंट्रोल नहीं है। वो भले ही निजी यात्रा पर हैं। लेकिन मोदी सरकार के एजेंडे पर चलते हुए देशहित का भी काम कर रहे हैं।

थरूर संयुक्त राष्ट्र में रूस के पूर्व राजदूत आंद्रेई डेनिसोव से भी मिले
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच के बाद केंद्र सरकार ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को रूस-ब्रिटेन जैसे देशों में राजनयिक संपर्क के दूसरे दौर की जिम्मेदारी सौंपी है। वैसे दूसरा पक्ष यह भी है कि शशि थरूर रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क RT के निमंत्रण पर मास्को पहुंचे हैं। असल में, शशि थरूर की किताब इनग्लोरियस एम्पायर पर RT ने डॉक्यूमेंट्री सीरीज तैयार की है। ये किताब 2017 में आई थी, और ये सीरीज शशि थरूर के 2015 के ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेट में उनके भाषण पर आधारित है। शशि थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, मॉस्को में ‘प्रिमाकोव रीडिंग्स’ के दौरान पुराने मित्र रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा। संबंधों और विश्व अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की एक बड़ी बैठक है। विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के पूर्व राजदूत आंद्रेई डेनिसोव से भी मुलाकात की, जो अब रूसी संघ परिषद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष हैं।

शशि थरूर और पार्टी हाईकमान के बीच चल रही खींचतान छिपी नहीं
तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पार्टी हाईकमान के बीच चल रही खींचतान छिपी नहीं है। खरगे की टिप्पणी, थरूर की त्वतित प्रतिक्रिया और रूस की यात्रा में पाकिस्तान के खिलाफ सर्वदलीय डेलीगेशन की मुहिम को आगे बढ़ाने ने यह साफ कर दिया है कि उनके आपसी मतभेद और बढ़ने वाले हैं। इससे माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर के गिने-चुने दिन बच गए हैं। पहलगाम हमले के बाद कांग्रेस समेत विपक्ष पीएम मोदी सरकार से इंटेलिजेंस फेल्योर के लिए सवाल पूछ रहा था। कांग्रेस सांसद थरूर ने एक बयान दिया, हमें केवल उन हमलों के बारे में पता चलता है, जिन्हें हम विफल करने में असफल रहे। ये किसी भी देश में सामान्य बात है। इजरायल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी देश के पास फूलप्रूफ इंटेलिजेंस नहीं होता है। केंद्र सरकार को क्लीन चिट देने वाले उनके इस बयान से कांग्रेस में खलबली मच गई। कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी खुली आलोचना की। ऐसे कयास लगे कि शशि थरूर अब कांग्रेस से विदाई लेने वाले हैं। दो दिन पहले थरूर ने एक बार फिर इशारा दिया कि उनका पार्टी नेतृत्व से मतभेद है, जिस पर उपचुनाव के नतीजों के बाद चर्चा करेंगे।

खुर्शीद-तिवारी पर चुप्पी, बस थरूर पर जयराम और उदित राज के तंज
मोदी सरकार ने सफल ऑपरेशन सिंदूर चलाने के बाद कूटनीतिक पहल करते हुए 59 सदस्यों वाले सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों में भेजे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कांग्रेस नेता शशि थरूर को दी गई। थरूर के अलावा कांग्रेस की ओर से पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा, चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी और अमर सिंह को चुना गया। इस लिस्ट में चार नाम ऐसे थे, जिसे कांग्रेस ने नॉमिनेट नहीं किया था। सलमान खुर्शीद और मनीष तिवारी भी कांग्रेस पार्टी हाईकमान की मंशा के विपरीत प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। मगर विवाद शशि थरूर को लेकर ज्यादा हुआ, जिन्हें पांच देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। थरूर ने बताया कि उन्होंने यह फैसला राष्ट्रहित में लिया है। अपने इस बयान के बाद शशि थरूर एक बार फिर अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए। जयराम रमेश ने सांसदों की लिस्ट पर आपत्ति जताते हुए थरूर को टारगेट किया। उन्होंने एक पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, दोनों में काफी फ़र्क है। उदित राज ने भी थरूर पर ही निशाना साधा।

राहुल गांधी के अनर्गल आरोपों की शशि थरूर ने ही हवा निकाली
कांग्रेस लंबे समय से विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करती रही है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी यह आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार की कमजोर कूटनीति के कारण भारत वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है। लेकिन कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर की इस तारीफ ने पार्टी को ही पिछले पांव पर ला दिया है। शशि थरूर के एक अखबार में लिखे लेख ने खुद उनकी पार्टी में ही हलचल मचा दी है। द हिंदू में प्रकाशित एक लेख में, थरूर ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अभियान में, राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी कम्यूनिकेशन का एक मौका था। पीएम मोदी के ऊर्जावान नेतृत्व में भारत जब एकजुट होता है, तो स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी आवाज उठा सकता है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर लिखा कि शशि थरूर ने मान लिया कि पीएम मोदी की वैश्विक सक्रियता और नेतृत्व भारत के लिए रणनीतिक लाभ है। थरूर ने राहुल गांधी को एक्सपोज कर दिया है।

शशि थरूर ने फिर की प्रधानमंत्री की तारीफ, कांग्रेस हुई असहज
अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए उनकी नियुक्ति की खबर के बाद से ही, कांग्रेस के कुछ नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। जबकि थरूर ने साफ-साफ कहा है कि देश किसी दल से ऊपर है और वे इस प्रतिनिधिमंडल में देश की बेहतरी के शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि शशि थरूर का प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक था, जिन्हें 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया था, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता के बारे में अवगत कराया जा सके। शशि थरूर ने शानदार तरीके से भारत का पक्ष रखा और आतंकवाद के आका पाकिस्तान को जमकर एक्सपोज किया। पाकिस्तान के आतंकवाद से घनिष्ठ संबंधों के बारे में भी बताया। थरूर ने आगे कहा कि प्रतिनिधिमंडलों ने दुनिया को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की नपी-तुली सैन्य कार्रवाई को समझाया। थरूर ने इन देशों के समक्ष मोदी सरकार के ऑपरेशन सिंदूर को भी बेहद सफल, शानदार, कूटनीतिक और रणनीतिक कदम बताया।पीएम के आतंकवाद के खिलाफ कदमों की पनामा में भी प्रशंसा
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने एक बार फिर से पार्टी को असहज करने वाला बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पनामा में आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए पीएम मोदी और भारत सरकार के कदमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का एक प्राइम एसेट बताया है। थरूर ने पीएम की ऊर्जा, गतिशीलता और दूसरे देशों के साथ जुड़ने की उनकी इच्छा को लेकर और अधिक समर्थन दिए जाने की अपील की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पिछले महीने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और तीन अन्य देशों में सत्तारूढ़ भाजपा के आतंकवाद विरोधी कूटनीतिक अभियान का नेतृत्व किया था। वे विदेशों में भेजे गए सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे थे।

अमेरिका में हमारे तर्कों ने भारत की स्थिति को मजबूत किया
कांग्रेस सांसद थरूर ने विशेष रूप से अमेरिका में भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों के एक साथ पहुंचने का भी जिक्र किया और कहा, “जबकि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी वहां मौजूद था, हमने पाया कि अमेरिकी प्रतिनिधि, हमारी चिंताओं को दोहरा रहे थे और आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समर्थन कर रहे थे। तथ्यों और लगातार वकालत पर आधारित हमारे तर्क भारत की स्थिति को और मजबूत कर रहे थे।” उन्होंने इस आउटरीच को सफल बताते हुए लिखा, “हमने लगातार देश की सीमापार से खतरे की गंभीरता को उजागर किया, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए वैश्विक सहमति बनाना था।”

भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों पर हमारा फोकस
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, नरेन्द्र मोदी सरकार के रुख का समर्थन करने के कारण शशि थरूर अपनी ही कुछ पार्टी सहयोगियों के निशाने पर हैं। तिरुवनंतपुरम से सांसद चुने जाने के बाद से ही उनकी और पार्टी के बीच मतभेद बढ़े हैं, दोनों के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर असहमति है, जिसमें पीएम मोदी को लेकर लगातार तारीफ के शब्द भी शामिल हैं। पूर्व कांग्रेस सांसद उदित राज ने थरूर पर इसे लेकर निशान साधा था, जबकि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के तहत विदेश दौरे पर गये थरूर ने कहा था कि भारत ने पहली बार 2015 में कार्रवाई के लिए नियंत्रण रेखा पार की थी। शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के न्योते को स्वीकार करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए स्पष्ट किया कि जब वह संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने थे, तब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका ध्यान भारत की विदेश नीति एवं उसके राष्ट्रीय हित पर है, न कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विदेश नीति पर है।

शशि थरूर की सोच ने राहुल गांधी को बेनकाब किया- भाजपा
इस बीच द हिंदू में प्रकाशित उनके लेख के बाद कांग्रेस सदमे में है। थरूर ने लिखा है कि वैश्विक मंच पर पीएम मोदी भारत के लिए “एक प्रमुख संपत्ति” है और इसे और अधिक समर्थन मिलना चाहिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस केंद्र सरकार पर उसकी विदेश नीति को लेकर हमला कर रही है। लेख में थरूर द्वारा कुछ मुद्दों पर अपनी पार्टी कांग्रेस से अलग रास्ता अपनाने और उसमें मतभेदों को भी उजागर किया गया है। थरूर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “शशि थरूर ने माना है कि पीएम मोदी की गतिशीलता और वैश्विक पहुंच भारत के लिए रणनीतिक लाभ है। शशि थरूर ने राहुल गांधी को बेनकाब किया है।”

ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का अद्भुत क्षण
अपने लेख में श्री थरूर ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनयिक पहुंच राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का क्षण था। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छाशक्ति वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन इसे और अधिक समर्थन की आवश्यकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कूटनीतिक पहुंच राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का एक क्षण था। इसने पुष्टि की कि भारत, जब एकजुट होता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी बात रख सकता है।” दूसरी ओर हाल ही में, शशि थरूर ने पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मतभेदों को स्वीकार किया, हालांकि इसे उन्होंने सामान्य वैचारिक असहमति बताया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी शशि थरूर के लेख को किया शेयर
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के लेख को शेयर किया। लेख को शेयर करते हुए लिखा- “लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर लिखते हैं – ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच से सबक।” वहीं भाजपा ने थरूर के लेख को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि यह राहुल गांधी के रुख के विपरीत है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से भारत को होने वाले लाभ को मान्यता दिए जाने के बारे में एक्स पर पोस्ट किया। थरूर ने अपने लेख में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक पहल की सराहना की, जिसे उन्होंने ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद’ का उदाहरण बताया। थरूर ने इसे एकजुट भारत की ताकत का शानदार प्रतीक भी बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस अभियान के जरिए न केवल सैन्य दृढ़ता दिखाई, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी अपनी बात प्रभावी ढंग से रखी है।

 

 

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