राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार दिग्गज राजनेता है। राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी शरद पवार का एक दूसरा रूप भी है। पवार अपनी आलोचना जरा सी भी बर्दाश्त नहीं करते और अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले को हमेशा के लिए दबा देने की कोशिश करते हैं। उनके खिलाफ जो भी बोलता है उसे या तो मारपीट कर समझा दिया जाता है या फिर जेल में ठूंस दिया जाता है। एक दिन पहले ही शरद पवार के खिलाफ पोस्ट करने पर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र राज्य बीजेपी के प्रवक्ता विनायक आंबेकर को थप्पड़ मारने का वीडियो काफी वायरल हुआ। विनायक आंबेकर को एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने शरद पवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर जमकर पिटाई कर दी। राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने हमले का वीडियो पोस्ट करते हुए मराठी में लिखा कि महाराष्ट्र प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता विनायक आंबेकर पर एनसीपी के गुंडों ने हमला किया है और बीजेपी की ओर से मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इन एनसीपी गुंडों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टीचे प्रवक्ते प्रा. विनायक आंबेकर यांच्या वर राष्ट्रवादीच्या गुंडांनी भ्याड हल्ला केला असून, भाजपाच्या वतीने मी या हल्ल्याचा तीव्र शब्दांत निषेध व्यक्त करतो. राष्ट्रवादीच्या या गुंडांवर तात्काळ कारवाई झालीच पाहिजे !@BJP4Maharashtra pic.twitter.com/qR7lNc1IEN
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) May 14, 2022
इसके पहले शनिवार, 14 मई को मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले और एक छात्र निखिल भामरे को पवार के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। 23 साल के एक छात्र निखिल भामरे को नासिक जिले से गिरफ्तार किया गया। निखिल भामरे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट में मराठी में लिखा था कि बारामती के गांधी का समय आ गया है, बारामती के नाथूराम गोडसे को बनाने का। इसी पोस्ट के आधार पर भामरे को नासिक में गिरफ्तार कर लिया गया।
शरद पवारांवर आक्षेपार्ह पोस्ट करणाऱ्या निखिल भामरेची कसून चाैकशी सुरु #Nashik #SharadPawar #NikhilBhamre https://t.co/SqgXVHoOCf
— Siddharth Latkar (@siddharthSakal) May 16, 2022
इसी के साथ ही पवार के गुंडों ने मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले के फेसबुक पोस्ट पर हंगामा करना शुरू कर दिया। एनसीपी की और से केतकी के खिलाफ महाराष्ट्र में कई मामले दर्ज कराए गए। जिसके बाद पवार के समर्थन से बनी उद्धव ठाकरे की पुलिस ने केतकी को गिरफ्तार कर लिया।
Marathi actress Ketaki Chitale arrested for “forwarding” a FB post about Sharad Pawar.
21 yo student Nikhil Bhamre arrested for “tweeting” against Sharad Pawar.
But these incidents don’t lower India’s position on the “Freedom Index” as per liberals! pic.twitter.com/qpbNbq9ZNW
— PM Sai Prasad?? (@pm_saiprasad) May 15, 2022
पिछले एक हफ्ते में इन तीन मामलों से समझ सकते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने वाले शरद पवार खुद के खिलाफ कुछ सुनना पसंद नहीं करते। आइए देखिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दोगलापन को उजागर करती इस रिपोर्ट को-
भीमा कोरेगांव आयोग को धारा 124 ए को निरस्त करने का दिया था हलफनामा
महाराष्ट्र में अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा के बाद धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने समेत कई आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उनकी आठ साल के बेटी आरोही ने अपने अमरावती स्थित अपने घर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। पाठ में बड़ी संख्या में राणा दंपती के समर्थक भी शामिल हुए। आरोही ने न्यूज एजेंसी एएनआई से इस बारे में बात करते हुए कहा, “मैं भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि मेरे मम्मी-पापा जल्द ही रिहा हो जाएं।” नवनीत राणा और रवि राणा को मुंबई सेशंस कोर्ट से जमानत भी मिल गई। राणा दंपती पर देशद्रोह और दो समुदायों में नफरत फैलाने समेत कई संगीन आरोपों में केस दर्ज किए गए थे।
उद्धव सरकार ने राणा दंपती की ‘स्वतंत्र अभिव्यक्ति’ को दबाने के लिए किया देशद्रोह का प्रयोग
बताते चलें कि राणा दंपती के खिलाफ महाराष्ट्र की उसी गठबंधन सरकार ने देशद्रोह का केस दर्ज कराया है, जिसके सहयोगी राकांपा सुप्रीमो शरद पवार खुद भी हैं। वे राणा दंपती पर देशद्रोह के केस का तो समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने भीमा कोरेगांव आयोग को दिए अपने हलफनामे में कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए को, जो देशद्रोह से संबंधित है, के दुरुपयोग को संशोधनों के साथ रोका जाना चाहिए या उक्त धारा को निरस्त किया जाना चाहिए। क्योंकि यह धारा 1870 में अंग्रेजों द्वारा उनके खिलाफ विद्रोह को नियंत्रित करने और स्वतंत्रता आंदोलनों को दबाने के लिए अस्तित्व में आई थी। तब तो यह सवाल पूछा ही जा सकता है कि क्या उनकी सरकार ने भी राणा दंपती की ‘स्वतंत्र अभिव्यक्ति’ को दबाने के लिए उक्त धारा का प्रयोग किया था?
तब उद्धव ठाकरे ने ही शरद पवार को बताया था महाभ्रष्टाचारी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज जिन शरद पवार के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, कभी उन्हीं पवार को ठाकरे ने महाभ्रष्टाचारी बताया था। शिवसेना के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ठाणे लोकसभा सीट के उम्मीदवार राजन विचारे की प्रचार सभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि एनसीपी भ्रष्टाचार की सबसे ऊंची चोटी पर हैं। उद्धव ने आरोप लगाया कि शरद पवार ने गरीबों की जमींन हड़प कर तथा जानवरों के चरागाह के लिए आरक्षित जगह को हड़प कर उस पर कॉलेज खोला। उद्धव के अनुसार इस मामले में कोर्ट ने भी आपत्ति जताई थी। शरद पवार पर वार करते हुए उद्धव ने तब कहा था कि पवार खुद को राज्य का जाणता राजा (यानि जनता का हितैषी बताते हैं) कहते हैं, लेकिन जाणता राजा एक ही थे और वे शिवाजी महाराज थे।
महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के 1,000 करोड़ रुपये के घोटाला में पवार शामिल
महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाला करने में भी शरद पवार का नाम शामिल है। पवार और उनके भतीजे अजीत पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इन पर राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक को 2007 से 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इससे पहले, महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत एक अर्ध न्यायिक जांच समिति ने इस मामले में पवार और अन्य को जिम्मेदार ठहराया था। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने भी एमएससीबी की जांच की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि चीनी और कपास मिलों को बैंकिंग और भारतीय रिजर्व बैंक के कई नियमों की धज्जियां उड़ाकर अंधाधुंध तरीके से कर्ज बांटे गए, जिन्हें लौटाया नहीं गया।
पवार बात तो करेंगे सेक्युलरिज्म की और पक्ष मुस्लिमों का लेंगे
दिलचस्प तथ्य यह है कि यह पहला मौका नहीं है, जबकि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दोहरा चरित्र दिखाया हो। पवार बात तो सेक्युलरिज्म की करते हैं, लेकिन पक्ष खुलेआम मुस्लिमों का लेते हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में पवार ने एक ओर इशरत जहां को बेकसूर ठहराया तो वहीं ये तक कह डाला कि अगर ऐसे पीड़ित परिवार का कोई सदस्य कुछ गैरकानूनी हरकत करता है, तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा, ‘अगर बेगुनाह मुस्लिमों को किसी भी आतंकी गतिविधियों से जोड़कर गिरफ्तार किया जाता है, तो उसका पूरा परिवार तबाह होता है।
“मुझे पूरा यकीन…मुस्लिम समाज का नौजवान बम नहीं फोड़ सकता”
पवार ने कहा कि ऐसे में परिवार का कोई सदस्य गुस्से में गैरकानूनी हरकत करता है तो उसमें कुछ गलत नहीं होगा।’ उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि किसी बेगुनाह मुस्लिम पर अन्याय होता है तो एनसीपी उनके पीछे खड़ी रहेगी। मैं ये कतई यकीन नहीं कर सकता कि मुस्लिम समाज का नौजवान जुम्मे के दिन मस्जिद में बम फोड़े, मुस्लिम समाज का नौजवान बाकि कुछ भी कर सकता है, लेकिन ये नहीं कर सकता. मुझे इसपर विश्वास नहीं, आपकी तफ्तीश गलत दिशा में जा रही है।
मुंबई बम ब्लास्ट की संख्या के बारे में पवार ने खुलेआम बोला था झूठ
शरद पवार ने हद तो तब कर दी थी, जबकि उन्होंने देश-दुनिया में चर्चित 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दौरान ही ऐसा झूठा दावा कर दिया था, जो आप सोच नहीं सकते। उस दौरान उन्होंने झूठ बोला था। उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार ने मजहब विशेष को भी पीड़ित दिखाने के लिए बम ब्लास्ट्स की संख्या 13 तक बढ़ा दी थी। दूसरे शब्दों में कहें तो उन्होंने एक अतिरिक्त बम ब्लास्ट की ‘खोज’ कर ली थी, जो असल में हुआ ही नहीं था। भले ही आपको यह अविश्वसनीय लगे लेकिन यही सच है। 12 मार्च 1993 को मुंबई को दहलाने वाले 12 सीरियल बम धमाके हुए, जिसके बाद महानगर में अराजकता फ़ैल गई और लोगों में भारी खलबली मच गई।
खुद भटकाया अब ठाकरे पर लगा रहे बुनियादी मुद्दों से भटकाने का आरोप
झूठ बोलकर लोगों और जांच एजेंसियों का ध्यान भटकाने वाले शरद पवार अब राज ठाकरे पर ध्यान भटकाने का आरोप लगा रहे हैं। पवार ने कहा कि देश को जाति और धर्म के नाम पर पीछे ले जाने की कोशिश की जा रही है और लोगों का ध्यान भूख और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों से भटकाया जा रहा है। पवार की यह कमेंट महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की रैली के लिए किया। ठाकरे ने महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश की थी कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटाए जाएं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो दोगुनी स्पीड के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। इसके अलावा पवार अपने भतीजे शरद पवार के घोटालों पर भी पर्दा डालते रहे हैं।
पीएम मोदी के बारे में बोले पवार के झूठ का हो गया था पर्दाफाश
यह तय है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार अक्सर झूठ बोलते रहते हैं। यहां तक कि शरद पवार ने पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए सरेआम झूठ बोला था। दरअसल जब डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे के दौरान पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, तब इस कार्यक्रम को लेकर पूरी दुनिया तो उत्साहित थी, लेकिन शरद पवार को यह रास नहीं आया। लिहाजा उन्होंने पत्रकारों के सामने सरेआम झूठ बोल दिया कि पीएम मोदी विदेशी मेहमानों को सिर्फ अहमदाबाद ही लेकर जाते हैं। शरद पवार का यह सफेद झूठ था, और इसका पर्दाफाश तो होना ही था। क्योंकि पीएम मोदी विदेशी मेहमानों को अपने साथ लेकर देश के कोने-कोने में जाते हैं। गवाह है यह वीडियो.…
किसान आंदोलन की तुलना ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से करके पंजाब में दंगे भड़काने की कोशिश की
नेशनल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ‘नौ सौ चूहे खाकर हज पर जाने’ की कहावत भी चरितार्थ की। अपनी ही पार्टी के नेताओं को ‘कायर’ बताने वाले पवार ने खुद तो विवादित बयान देने में पीएचडी कर रखी है और दूसरों को अनर्गल दोषारोपित करते रहते हैं। पवार ने किसान आंदोलन की तुलना ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से करके पंजाब में दंगे भड़काने की असफल कोशिश की थी। पवार अक्सर ऐसे ही बयान देते हैं, जिससे विवाद की आग भड़क जाए। पंजाब के मामले में तो उन्होंने सारी हदें ही पार कर दीं थीं। किसान आंदोलन को न सिर्फ इंदिरा गांधी हत्या से जोड़ा, बल्कि इसकी तुलना ऑपरेशन ब्लू स्टार से भी कर दी। पवार ने कहा कि पंजाब के किसान को बेचैन नहीं होने देना चाहिए। नहीं तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। अतीत में देश ने इंदिरा गांधी की हत्या के रूप में इसकी कीमत चुकाई है।
पवार ने दंगों पर की सियासत, खुद ही आग में घी डाला
कुछ समय पहले की बात है। एक ओर महाराष्ट्र सरकार फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, दूसरी ओर एनसीपी अध्यक्ष ही फेक न्यूज फैलाने में लगे हुए थे। कहने को उद्धव सरकार का कंट्रोल उनके हाथ में है, लेकिन वे महाराष्ट्र के मालेगांव, अमरावती और नांदेड़ में हुए दंगों पर प्रभावी अंकुश लगाने के बजाए इन पर भी सियासत करने में लगे रहे। उनका काम तेल डालकर आग को बढ़ाना था।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का विवादों से रहा है पुराना नाता
- एनसीपी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने वोटिंग को लेकर विवादित बयान दिया था। पवार ने अपने समर्थकों को नसीहत दी थी कि वो स्याही मिटाकर दो-दो जगहों पर वोटिंग करें।
- शरद पवार पर अन्य घोटालों के मामलों में लवासा प्रॉपर्टीज का घोटाला शामिल है, जिसमें उन्होंने सस्ती दरों पर जमीन एक प्राइवेट कंपनी को दी और वहां से करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया।
- कृषि मंत्री रहते हुए उन पर गेहूं की खरीद में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगा। पवार ने एक रिश्तेदार की कंपनी से एक खराब तकनीक का गेहूं विकसित करवाया, जिससे सरकार को कई करोड का नुकसान हुआ।
- इसके अलावा शरद पवार का नाम स्टांप पेपर घोटाले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी के साथ भी जुड़ा।
- साथ ही साथ 1993 बम धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम कासकर से भी पुराने संबंध होने के आरोप पवार पर लगे।
- शरद पवार का विवादित बयान- पुलवामा अटैक जैसी घटना बदल सकती है महाराष्ट्र में लोगों का मूड।
- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा छोड़ने वाले अपने पूर्व सहयोगियों पर सीधा हमला करते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार ने उन्हें ‘कायर’ करार दिया था।
- शरद पवार ने अनर्गल बयान देते हुए कहा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स का इस्तेमाल कांग्रेस को बदनाम करने के लिए हो रहा है।