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‘शरीफ’ नहीं पाक के नए प्रधानमंत्री शहबाज, फिर अलापा कश्मीर राग…बोले- चीन के साथ पाक के रिश्ते कयामत तक रहेंगे, पर भारत के साथ रिश्ते सुधारने में कश्मीर पर बात जरूरी

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एक कहावत है कि रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई, यह हिन्दी का प्रसिद्ध मुहावरा पाकिस्तान पर बिल्कुल फिट बैठता है। जो देश अपनी आजादी से लेकर अब तक अपने देश में लोकतंत्र की पूर्णत: बहाली नहीं कर पाया। उसकी कोई सरकार पांच साल पूरे नहीं कर पाई। वो देश बेवजह फिर से कश्मीर राग अलापने में लगा है। कर्ज तक दबा जो देश कटोरा लेकर दूसरे राष्ट्राध्यक्षों के पास घूम रहा है, जिसके खुद के यहां धमाकों में खून बह रहा है, उसके नए-नए प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ घाटी में लोगों का खून बहने के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ रिश्तों में और खटास आना तय माना जा रहा है। शहबाज शरीफ ने अपने पहले ही भाषण में कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने का मुद्दा उठाया। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देने के साथ-साथ हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाएगा।

शरीफ ने भारत के साथ अपने रिश्तों के भविष्य को सीधे तौर पर कश्मीर से जोड़ा
इमरान खान की जगह पाकिस्तान की कमान संभालने वाले 70 वर्षीय नेता शरीफ ने कहा कि वह भारत के साथ रिश्ते तो चाहते हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पड़ोस पसंद की बात नहीं होती है, यह ऐसी चीज है जिसके साथ हमें रहना है। शरीफ ने कहा कि बदकिस्मती से भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते शुरू से ही अच्छे नहीं रहे। पीएमएल (एन) के नेता शहबाज शरीफ ने अपने कार्यकाल में भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की सारी संभावनाओं पर एक तरफ से पानी फेर दिया है। उन्होंने ना सिर्फ कश्मीर के मुद्दे को खूब बढ़ चढ़ कर हवा देने की कोशिश की है बल्कि भारत के साथ अपने रिश्तों के भविष्य को सीधे तौर पर कश्मीर से जोड़ने की बात कही है।

चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते कयामत तक जारी रखने के लिए आश्वस्त किया
पाक पीएम शरीफ ने शराफत न दिखाते हुए कहा कि चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते तो कयामत तक जारी रहेंगे। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि सत्ता में बदलाव के बावजूद दोनो देशों के रिश्तों में कोई बदलाव आना संभव नहीं है। नेशनल असेंबली में शहबाज शरीफ ने चीन, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, यूएई, अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन जैसे देशों के साथ अपने देश के रिश्तों का उल्लेख करने के बाद सबसे अंत में भारत का जिक्र किया। उन्होंने स्वीकार किया कि नवाज शरीफ जब भी सत्ता में होते हैं तो भारत के साथ रिश्ते सुधरते हैं लेकिन साथ यह भी याद दिलाया कि जब भारत ने पांच परमाणु विस्फोट किये तो पाकिस्तान ने छह परमाणु विस्फोट किए थे।

शरीफ ने कश्मीर मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी कठघरे में खड़ा किया
इसके बाद उन्होंने अगस्त, 2019 में भारत की तरफ से कश्मीर से अनुच्छेद -370 खत्म करने का जिक्र किया और इसके खिलाफ काम नहीं करने के लिए पूर्व पीएम इमरान खान को कठघरे में खड़ा किया। शरीफ ने कहा कि हम हर मंच पर कश्मीरी भाई-बहनों के लिए आवाज उठाएंगे। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना को यह महसूस होने लगा है कि जिस कश्मीर को लेकर वहां के लोकतंत्र को ही पिछले 70 साल से खत्म करके रख दिया है। अगर कश्मीर हाथ से निकल गया तो उसकी जमीन भी खिसक जाएगी। वहां के किसी भी सरकार को अस्थिर करने में यदि पाक सेना आज तक सफल रही तो उसका कारण है कि कश्मीर को लेकर पाक जनता को भ्रमित करके लोकतंत्र को कमजोर किया गया।

पाकिस्तान के पीएम के कश्मीर राग अलापने पर के मुद्दे को लेकर चल रहे आजतक पर एक डिबेट में मेजर जनरल (रि.) ए के सिवाच ने कहा कि आज बात पीओके पर होनी चाहिए ना कि भारत के पास मौजूद कश्मीर पर। पाक के कब्जे वाली कश्मीर की हालात खराब है, वहां की आवाम भारत में मिलना चाहती, इसपर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा- “सच्चाई ये है कि हरेक देश के पास आर्मी होती है पर पाकिस्तान में आर्मी के पास देश है। पावर रावलपिंडी के पास है ना कि इस्लामाबाद के पास। अब ये जो बात कश्मीर की कर रहे हैं उस कश्मीर की करनी चाहिए जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित पाकिस्तान है…आज वो मिलना चाहते हैं भारत और जम्मू कश्मीर में।

 

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