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देखिए कनाडा के पीएम ट्रूडो का दोगलापन, पहले WTO में किसानों की मदद पर उठाए सवाल, अब किसान आंदोलन का समर्थन, भारत ने जताया कड़ा एतराज

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भारत में नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध मे चल रहे किसान आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित कई नेताओं ने टिप्पणी की है। अब इसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। भारत ने इस तरह की टिप्पणी को गैर जरूरी करार दिया है। वहीं कनाडा के इस किसान प्रेम और दोगलेपन की पोल WTO उस बैठक से खुल जाती है, जिसमें कनाडा ने मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में शुरू की गई योजनाओं पर सवाल उठाया था।

पीएम ट्रूडो के बयान का भारत ने किया विरोध

भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान पर कड़ा एतराज जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने कुछ कनाडा के नेताओं के भारत के किसानों के बारे में कमेंट सुने हैं। ऐसे बयान गैर जरूरी हैं, वो भी तब जब किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मुद्दों से जुड़े हो। भारत ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो का बयान ‘भ्रामक सूचनाओं’ पर आधारित और ‘अनुचित’ है। बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किए जाए। 

पीएम ट्रूडो ने भारत में किसान आंदोलन का किया समर्थन

गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कनाडा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यदि वह ‘‘ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बारे में भारत से आने वाली खबरों’’ को नजरअंदाज करते हैं तो वह कुछ चूक करेंगे।

भारत के आंतरिक मामले में दखल देने की कोशिश 

ट्रूडो ने  हालात को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा, ‘हम परिवार और दोस्तों को लेकर परेशान हैं। हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है।’ आंदोलन से समर्थन जताते हुए ट्रूडो ने आगे कहा, ‘कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का बचाव करेगा। हम बातचीत में विश्वास करते हैं। हमने भारतीय प्रशासन के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं। यह वक्त सबके साथ आने का है।’

कनाडा ने WTO में किया था किसानों की मदद का विरोध

आज भारत के किसानों पर घड़ियाली आंसू बहाने वाला कनाडा ने ही भारत में किसानों को दी जाने वाली सरकारी मदद पर विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सवाल उठाए थे और भारत को घेरा था। 22-23 सितंबर 2020 को हुई WTO की बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम को लेकर जवाब मांगे थे। कनाडा ने आरोप लगाए थे कि भारत की व्यापार नीति ट्रांसपेरेंट नहीं हैं और कृषि उत्पादों के व्यापार को लेकर और डेटा मांगे थे।

किसान समर्थित योजनाओं और सब्सिडी पर उठाए थे सवाल

कनाडा ने पूछा था कि क्या भारत यह बताएगा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए कौन योग्य है और इसके लिए किस तरह की योग्यता का निर्धारण किया गया है। कनाडा ने साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाए थे। कनाडा ने ग्रीन बॉक्स या WTO के तहत आने वाले सब्सिडी में शामिल होने के लिए भारत की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) पर भी संदेह उठाया था।

दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन

बता दें कि भारत ने किसानों और स्वायत्तता देने के लिए हाल ही में कृषि कानून पारित किए हैं जिससे देश के किसान अपनी फसल को कहीं पर बेचकर अच्छी कीमत हासिल कर सकते हैं। लेकिन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसानों का प्रदर्शन आज लगातार छठे दिन भी जारी रहा। हालांकि भारत सरकार ने प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने पर सहमति व्यक्त की है।  

 

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