Home समाचार देखिए ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण के 10 सबूत

देखिए ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण के 10 सबूत

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की सारी हदे पार कर गई हैं। मुस्लिमों को तमाम सुविधाएं देने के साथ ही हिंदुओं के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाई है, जिनसे लगता है कि वे पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने पर तुली हुई हैं। ममता बनर्जी की वोट बैंक की राजनीति के कारण बंगाल के कई इलाके मुस्लिम बहुल हो गए हैं। राज्य में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या एक करोड़ से भी ज्यादा हो चुकी है। अवैध घुसपैठ ने राज्य की जनसंख्या का समीकरण बदल दिया है। उन्हें सियासत के चक्कर में देश में वोटर कार्ड, राशन कार्ड जैसी सुविधाएं मुहैया करवा दी जाती हैं और इसी आधार पर वे देश की आबादी से जुड़ जाते हैं। आइए आपको दिखाते हैं ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण के 10 सबूत…

सबूत नंबर- 01 : मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कलमा पढ़ती है ममता  

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिमों को खुश करने के लिए अल्लाह से दुआ करने के लिए कलमा भी पढ़ती है। 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसें वो कलमा पढ़ती नजर आ रही है। वीडियो में ममता बंगाली भाषा में जो कह रही है, उसका अनुवाद इस तरह है, ” मैं अल्लाह से दुआ करती हूं कि वह सबको खुश रखें। ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद रसूलल्लाह, अल्लाह सबको खुश और सुरक्षित रखे। ”

सबूत नंबर- 02 : ‘हर लड़ाई में हम साथ में हैं’

5 जून, 2019 को ईद के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित करती हुई नजर आईं। उन्होंने कहा कि आप लोग साथ में है, हर लड़ाई में हम साथ में हैं, हम लड़ेंगे, इसमें डरने की कोई बात नहीं है। जो डरते हैं वो मरते हैं, जो लड़ते हैं वो ही कामयाब होता हैं।

सबूत नंबर- 03 : ‘बता तेरी रजा क्या है’

अप्रैल 2012 में नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमामों की सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तदबीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे, बता तेरी रजा क्या है। हमारी जो रजा है आपके साथ में है। जो काम हम कर रहे हैं और करते जाएंगे वो आप लोगों की दुआ से है।”

सबूत नंबर- 04 :  ‘क्यों नहीं ये मुस्लिम राष्ट्र बने’

कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम मौलाना नूर-उर-रहमान बरकती पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नजदीकी माने जाते हैं। बरकती अपने विवादास्पद बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। मई 2017 में उन्होंने अपनी गाड़ी से लालबत्ती हटाने की बात पर जिहाद करने की धमकी दे दी थी। बरकती का कहना था कि लाल बत्ती लगाने का अधिकार शाही इमाम को ब्रिटिश गवर्नमेंट से मिला है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो देश में 25-30 करोड़ मुसलमान है। क्यों नहीं ये मुस्लिम राष्ट्र बने। देश के मुस्लिम पाकिस्तान के पक्ष में भारत के खिलाफ लड़ेंगे।

सबूत नंबर- 05 : मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए UN से दखल की मांग

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारी सीमाएं लांघती नजर आई। दिसंबर 2019 में कोलकाता महानगर के रानी रासमणि रोड में रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह एनआरसी व सीएए पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की निगरानी में जनमत संग्रह कराए।

सबूत नंबर- 06 : बंगाल में दुर्गापूजा पर रोक

अगस्त 2017 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सिर्फ एक दिन विसर्जन नहीं किया जा सकेगा और वो दिन है पहला अक्टूबर यानि एकादशी के दिन…वैसे भी एकादशी के दिन हम विसर्जन नहीं करना चाहते हैं…एकादशी के दिन सिर्फ विसर्जन नहीं होगा क्योंकि उसी दिन मुहर्रम है।

सबूत नंबर- 07 : स्कूलों में मुस्लिम छात्रों के लिए अलग खाना

जून 2019 में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसके तहत स्कूल प्रशासन को निर्देश दिए गए थे कि जिन विद्यालयों में 70 प्रतिशत या उससे अधिक छात्र मुस्लिम समुदाय के हैं, उनके लिए एक अलग भोजन कक्ष बनाने के साथ ही बैठने की व्यवस्था की जाए।

सबूत नंबर- 08 : पाकिस्तानी समर्थक को तारकेश्वर मंदिर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया

जून 2017 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुगली जिल में स्थित प्रसिद्ध तारकेश्वर मंदिर बोर्ड का अध्यक्ष एक मुस्लिम और नगर विकास मंत्री फरहाद हकीम को बना दिया। इससे हिन्दू समुदाय में काफी रोष उत्पन्न हुआ। फरहाद हकीम इससे पहले विवादों में रह चुके थे। फिरहाद ने पाकिस्तानी अखबार डॉन के एक पत्रकार से अपने विधानसभा क्षेत्र कोलकाता पोर्ट को मिनी पाकिस्तान कहकर संबोधित किया था। नारद स्टिंग में भी फिरहाद का नाम शामिल था।

सबूत नंबर- 09 : बाटला हाउस कांड पर राजनीति छोड़ने का ऐलन

ममता बनर्जी ने 17 अक्टूबर, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर में एक सभा को संबोधित करते हुए बटला हाउस के एनकाउंटर को फर्जी बताया था। ममता उस वक्त तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और पश्चिम बंगाल में उस वक्त वाम दलों की सरकार थी। ऐसे में ममता ने जामिया नगर की इस सभा में कहा कि बटला हाउस का एनकाउंटर एक फेक ऑपरेशन था और अगर वो गलत साबित हुईं तो राजनीति छोड़ देंगी। ममता ने इस ऑपरेशन की जूडिशल एंक्वायरी कराने की भी मांग की थी।

सबूत नंबर- 10 : हिन्दू स्कूलों पर ममता की गाज

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने बुधवार को ‘धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने’ और ‘राज्य द्वारा अनिवार्य पाठ्यक्रम न पढ़ाने’ के आरोप में 125 स्कूलों को नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों का संचालन तीन प्राइवेट ट्रस्ट करते हैं और इन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध एक संस्था विद्या भारती से जुड़ा माना जाता है। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सीएम ममता बनर्जी द्वारा दी गई एक सूची का हवाला देते हुए कहा कि हमने फैसला किया है कि उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनकी मान्यता वापस ले ली जाएगी।

 

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