दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने वादे से पलटने का रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। वे जो वादा करते हैं, उसके ठीक उलट काम करते हैं। उन्होंने फिर अपने दोगलेपन का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है। केजरीवाल सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत होने पर कोरोना वॉरियर्स के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया था। लेकिन केजरीवाल सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की वजह से मरने वाले 15 में से 12 पुलिसकर्मियों के परिजनों के दावों को दिसंबर 2020 में खारिज कर दिया।
परिजनों के दावों को खारिज करते हुए केजरीवाल सरकार ने कहा कि इन पुलिसकर्मियों की मृत्यु उस वक्त नहीं हुई, जब वे कोविड ड्यूटी पर थे। लेकिन हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के दावे पर सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 31 पुलिस वालों ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई। इनमें से 15 पुलिसकर्मी ड्यूटी में भी ‘कोविड ड्यूटी’ पर थे। दिल्ली की सरकार ने इन 15 पुलिस वालों के परिवार वालों में 12 परिवारों के दावे खारिज कर दिए, जबकि 3 परिवारों का आवेदन लंबित है।
दिल्ली पुलिस के हवलदार योगेंद्र प्रसाद यादव की मौत भी कोविड ड्यूटी के दौरान ही हुई थी। उन्हें सदर दिल्ली के पश्चिम विहार पुलिस थाने में तैनात किया गया था और उनकी मौत 7 जुलाई, 2020 को हुई थी। उन्हें ड्यूटी में यह देखने की ज़िम्मेदारी मिली थी दिल्ली के लोग लॉकडाउन का पालन सही से कर रहे हैं या नहीं। योगेंद्र प्रसाद यादव के पिता ने दिल्ली सरकार से ‘कोविड ड्यूटी’ की परिभाषा पूछी है। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपना वादा निभाने का अनुरोध किया है।
एक पुलिस अधिकारी के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने कहा, “जिनकी मृत्यु हुई वे फील्ड ड्यूटी पर थे और पूरे शहर में घूम रहे थे। उनके परिजनों को मुआवजे का दावा खारिज होने के बारे में बताना मुश्किल है।” दिल्ली पुलिस के लगभग 7 हज़ार पुलिसकर्मी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 500 अभी भी इससे जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2020 में ऐलान किया था कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल किसी भी कर्मचारी की यदि कोरोना के संक्रमण से मौत होती है तो दिल्ली सरकार की ओर से उसके परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने वादा किया था, “चाहे वह सफाई कर्मचारी हों, डॉक्टर हों, नर्स हों या कोई अन्य कर्मचारी, चाहे वह स्थायी हों या अस्थायी, सरकारी हो या निजी क्षेत्र से जुड़े हुआ हो।”
If anyone loses their life while serving any #COVID19 patient, be it sanitation workers, doctors or nurses or any other staff, temporary or permanent, from private or government sector, their family will be given Rs 1 crore as our mark of respect for their service.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 1, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक उसमें स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर नर्स और अस्पताल के सफाई कर्मी ही शामिल थे। अब इसमें टीचर, सिविल डिफेंस कर्मी, पुलिस, समेत वो सभी वो लोग शामिल होंगे जो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में ड्यूटी कर रहे हैं।