मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक होली बदरंग साबित हो रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और वो कभी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक सिंधिया की मनचाही मुराद पार्टी में रहते हुए पूरी नहीं हो रही थी, इसीलिए उन्होंने इस तरह का चौंकानेवाला फैसला लिया।
इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी 22 विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। क तरफ तो कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से हाथ धो लिया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के हाथ से मध्य प्रदेश की सत्ता भी जाने वाली है क्योंकि इन विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस अल्पमत में चली जाएगी और अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो कांग्रेस के लिए बहुमत साबित करना बहुत कठिन होगा।
सिंधिया ने ट्विटर पर शेयर किया अपना इस्तीफा
सिंधिया ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा सबके साथ शेयर किया, ये इस्तीफा उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था। उन्होंने 18 वर्षों तक कांग्रेस के लिए काम किया और अब ये समय उनके लिए आगे बढ़ने का है। ठीक वैसे ही जैसे 18 साल का हो जाने के बाद कोई युवा खुद अपने लिए फैसले लेने में सक्षम हो जाता है।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
वो आगे लिखते हैं कि इस रास्ते पर जाने के लिए वो पिछले एक साल में सबसे ज्यादा मजबूर हुए हैं। उन्होंने लिखा है कि उनका उद्देश्य हमेशा से अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना रहा है लेकिन वो कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे। सिंधिया ने आगे लिखा है कि वो अपने कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करते हुए एक नई शुरुआत करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के अपने साथी नेताओं को धन्यवाद कहते हुए अपनी बात समाप्त की।
सिंधिया की राह में डाले गए कई अड़ंगे
सिंधिया मुख्यमंत्री बनना चाहते थे पर बन नहीं पाए। इनके राजनीतिक विरोधियों ने इन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी नहीं बनने दिया, अब बारी राज्यसभा में जाने की आई तो इसमें भी अड़ंगा लगा दिया गया। जानकारी के अनुसार सिंधिया, मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को काम के लिए पत्र लिख रहे थे जिनका भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
अब शायद सिंधिया को ये एहसास हो गया था कि कांग्रेस में एक परिवार के सामने किसी की नहीं चलती और जब भी कोई अपने हक की बात करता है तो उसे किनारे कर दिया जाता है या फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
कुलदीप बिश्नोई ने भी साधा कांग्रेस पर निशाना
सिंधिया के इस्तीफे से एक बात साफ है कि वो अपनी ही पार्टी में उपेक्षा सह रहे थे। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के ही कई बड़े नेता अपनी पार्टी पर सवाल उठाने लगे हैं। कुलदीप बिश्नोई ने सिंधिया के इस्तीफे के बाद ट्वीट किया और लिखा कि सिंधिया का जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, वो पार्टी के लिए एक स्तंभ की तरह थे।
.@JM_Scindia’s departure is a big blow to @INCIndia. He was a central pillar in the party & the leadership should’ve done more to convince him to stay. Like him, there are many other devoted INC leaders across the country who feel alienated, wasted & discontented. 1/2 https://t.co/oTLXuqTAui
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) March 10, 2020
उन्होंने ये भी लिखा है कि कांग्रेस के नेताओं को उन्हें मनाने की कोशिश करनी चाहिए थी, सिंधिया की तरह कांग्रेस में और भी कई ऐसे बड़े नेता हैं जो खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं। भारत की सबसे पुरानी पार्टी को ऐसे युवा नेताओं की कद्र करनी चाहिए जो कठिन परिश्रम करते हैं और जनता की आवाज बनना जानते हैं।
2/2 India’s oldest party needs to empower young leaders who have the capacity to work hard & resonate with the masses.
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) March 10, 2020