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दिल्ली शराब नीति बनाने में शामिल थे संजय सिंह, मिला मोटा पैसा, हाई कोर्ट ने कहा- जमानत देने का आधार नहीं बनता

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दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP सांसद संजय सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि केस के इस स्‍टेज पर आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है। अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि संजय सिंह दिल्ली की शराब नीति बनवाने में शामिल थे। इसमें उन्हें मोटा कमीशन मिला। संजय सिंह ने कोर्ट में कहा था कि शराब घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहीं है इसीलिए जमानत दिया जाए। वहीं ED के मुताबिक शराब घोटाले से जो आर्थिक लाभ हुआ, उसे पाने, रखने, छुपाने और इस्तेमाल करने में सिंह शामिल थे। ED ने कहा कि दिनेश अरोड़ा के अलावा कई और लोग भी है जिन्होंने संजय सिंह का नाम लिया है। सबूतों के आधार पर कोर्ट ने संजय सिंह की भूमिका के बारे में मुहर लगा दी है। 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किए गए संजय सिंह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं।

शराब नीति बनाने में शामिल थे संजय सिंह
दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने 43-पृष्ठ के फैसले में कहा, “प्रथम दृष्टया, यह स्पष्ट है कि संजय सिंह पुरानी आबाकारी नीति की तैयारी का हिस्सा थे और उसके बाद, नई आबकारी नीति शराब घोटाले के आरोपियों को फायदा पहुंचाने के अनुरूप बनाई गई थी, इसके लिए उन्हें मोटा पैसा मिला था।

संजय सिंह के लिए सर्वेश मिश्रा ने लिए 2 करोड़ रुपये
अदालत ने कहा, “ऐसे बयान हैं कि संजय सिंह के लिए सर्वेश मिश्रा को उनके आधिकारिक आवास पर 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। संजय सिंह ने नई आबकारी नीति बनाने में भूमिका रही और कुछ निश्चित लोगों को लाभ पहुंचाया गया जिसके बदले रिश्वत दी गई। आवेदक की इस स्तर पर भूमिका पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता”।

दिनेश अरोड़ा, विवेक त्यागी, सर्वेश मिश्रा, विजय नायर, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के बीच बैठकें हुईं
हाईकोर्ट ने कहा कि सह-आरोपी दिनेश अरोड़ा, विवेक त्यागी, सर्वेश मिश्रा, विजय नायर, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह आदि के बीच बैठकें और बातचीत के समय, स्थान और तरीके के बारे में निश्चित आरोप हैं और केस के इस स्टेज पर उसकी उपेक्षा नहीं जा सकती। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, इस स्तर पर जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है।”

विजय नायर ने दिनेश अरोड़ा को दी थी धमकी
अदालत ने सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा के बयान पर भी ध्यान दिया, जो पीएलएमए धारा 50 के तहत दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें अगस्त 2022 में लंदन में AAP के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर ने धमकी दी थी कि डिप्टी सीएम या सिंह या अन्य बड़े राजनीतिक नेताओं के खिलाफ बोलने पर उन्हें बहुत परेशानी होगी।

हाईकोर्ट ने अरोड़ा के पीएमएलए बयान पर गौर किया
हाईकोर्ट ने जुलाई 2023 में मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए अरोड़ा के बयान पर भी गौर किया, जहां उन्होंने कहा था कि उन्हें नायर ने किसी भी राजनीतिक नेता का नाम न लेने की धमकी दी थी; इसलिए उन्होंने उनके नामों का खुलासा नहीं किया था, जिसका खुलासा उन्होंने अगस्त 2023 में दर्ज अपने पीएमएलए बयान में किया।

संजय सिंह शराब घोटाले में मिले पैसे पाने, रखने, छुपाने में शामिल
संजय सिंह ने जमानत का अनुरोध करते हुए कोर्ट में आधार दिया था कि वह पिछले तीन महीने से हिरासत में हैं। जिस अपराध का आरोप उन पर मढ़ा जा रहा है, उसमें उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। दूसरी ओर, जांच एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि 2021-22 की विवादित नीति से जुड़े कथित शराब घोटाले से जो आर्थिक लाभ हुआ, उसे पाने, रखने, छुपाने और इस्तेमाल करने में सिंह शामिल थे।

शराब घोटाले का पैसा AAP ने गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया
दिल्ली शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3 फरवरी को चार्जशीट में कहा कि दिल्ली की रद्द की गई आबकारी नीति में कथित रूप से ली गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के एक हिस्से का इस्तेमाल AAP ने गोवा विधानसभा चुनाव में किया था। इस मामले में संजय सिंह के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कई समन दिए गए हैं।

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