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राजद-जदयू की वोटबैंक की राजनीति से बिहार में सनातनी बने दोयम दर्जे के नागरिक, सरकारी शिक्षा का हुआ इस्लामीकरण

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बिहार सरकार ने संस्कृत की परीक्षा में न केवल इफ्तार, रोजा, ईद पर सवाल पूछे हैं बल्कि बच्चों को बकायदा ईदगाह, जकात, महम्मदीया का अर्थ भी बताया जा रहा है। यही नहीं बिहार के किशनगंज जिले के करीब 19 सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी रहती है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर अवकाश दिया जाता है। बिहार के सरकारी स्कूलों से कुछ अर्सा पहले पढ़कर निकले लोग इस तरह के सवाल देखकर भौंचक्का हैं कि आखिर यह शिक्षा जिहाद कब हो गया। राजद-जदयू की वोटबैंक की राजनीति से बिहार में सनातनी दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह गए हैं। बिहार के साथ ही झारखंड में मुस्लिम बहुल इलाकों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी देने की बात सामने आई थी। इन दोनों राज्यों में जिस तरह से शिक्षा का इस्लामीकरण किया जा रहा है वो समाज के लिए कतई अच्छा नहीं कहा जा सकता। जिस देश में 80 फीसदी हिंदु समुदाय के लोग रहते हैं वहां सरकार द्वारा इस्लाम को बढ़ावा देना मुस्लिम तुष्टीकरण के सिवा कुछ और नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में जनता को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है।

नौवीं कक्षा के संस्कृत विषय के एग्जाम में 10 सवाल ईद और रोज़ा पर पूछे गए
नौवीं कक्षा के संस्कृत विषय की पाठ्यपुस्तक में कुल पंद्रह अध्याय हैं। इसमें दसवें अध्याय का नाम ईद महोत्सव (निबंध) है। 26 अक्टूबर को संस्कृत की परीक्षा में 10 प्रश्न इस्लाम धर्म से जुड़े पूछे गए। बिहार का शिक्षा विभाग स्कूलों में हर महीने एग्जाम करा रहा है। अक्टूबर महीने के एग्जाम का एक पेपर सुर्खियों में है। बवाल इसलिए हो रहा है कि इसमें 10 सवाल ईद और रोज़ा पर पूछे गए। मामला मुंगेर के सरकारी स्कूल में 9वीं क्लास की संस्कृत परीक्षा से जुड़ा है।

संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गयाः गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नेता गिरिराज सिंह ने संस्कृत की परीक्षा में इस्लाम से जुड़े सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया। वहीं, मुंगेर के बीजेपी विधायक ने कहा है कि वो इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे। इस पर अपने बचाव में जेडीयू के एक नेता ने कहा है कि संस्कृत को सिर्फ हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों समझा जाता है।

शिक्षा विभाग ही तैयार करता है प्रश्न-पत्र
वहीं, स्कूल प्रशासन का कहना है कि यह प्रश्न पत्र शिक्षा विभाग की तरफ से ही उपलब्ध कराया जाता है। विभागीय लोगों का कहना है कि संस्कृत के पाठ्यपुस्तक में जो मौजूद है, उसी से सवाल पूछे गए हैं। हालांकि, एक ही अध्याय से 10 सवाल पूछे जाने को लेकर विभाग के पास कोई जवाब नहीं है।

BJP विधायक बोले- ‘विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा’
मुंगेर के BJP विधायक प्रणव कुमार ने कहा है कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। प्रदेश का माहौल बिगड़ने का प्रयास किया जा रहा है। संस्कृत की परीक्षा में इस तरह के सवाल नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में वो इस मुद्दे को उठाएंगे। साथ ही संस्कृत की किताब से इस चैप्टर को हटाने की मांग की जाएगी।

वो सवाल जिन पर हो रहा बवाल
1. ‘इफ्तार’ क्या होता है?
2. रोजा किस समय खोला जाता है? क्या देख कर खोल जाता है?
3. फितरा किसे कहते हैं?
4. ईद में क्या-क्या पकवान बनता है?
5. ईद कैसा पर्व है?
6. जकात किसे कहा जाता है?
7. मुसलमान का सर्वोत्तम पर्व कौन सा है?
8. ईद में क्या-क्या पकवान बनता है?
9. ईद में क्या-क्या होता है?
10. ईद पर्व क्या संदेश देता है?

बिहार के 19 स्‍कूलों में बिना आदेश के शुक्रवार की छुट्टी, रविवार को होती है पढ़ाई
यह खबर भी कुछ समय पहले आई थी कि बिहार के किशनगंज जिले के 19 स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश रहता है। रविवार को इन स्‍कूलों में पढ़ाई होती है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर अवकाश दिया जाता है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि यहां पढ़ने वाले अधिकांश मुस्लिम समुदाय वाले हैं।

झारखंड के 100 से ज्यादा स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी
झारखंड के जामताड़ा जिले में ऐसे स्कूलों की सख्या लगातार बढ़ती जा रही है जहां की मुस्लिम आबादी बढ़ते ही साप्ताहिक अवकाश रविवार से बदलकर धीरे-धीरे शुक्रवार को जुमा अवकाश बन गया। यहां वर्तमान में ही 100 से ज्यादा सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो मुस्लिम बहुल होने के कारण शुक्रवार (जुमा) को बंद रहने लगे हैं। ऐसे स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की आबादी 70 फीसदी से ज्यादा है। ये स्कूल न तो उर्दू विद्यालय हैं और ना ही विभागीय स्तर पर इन्हें शुक्रवार को बंद रखे जाने के निर्देश हैं। लेकिन बावजूद इसके स्थानीय लोगों और स्कूल प्रबंध कमेटी के दबाव में इन सरकारी स्कूलों का अवकाश अब स्थाई तौर पर शुक्रवार (जुमा) किया जा चुका है। जबकि सामान्य तौर पर विभाग की ओर से यह दर्शाया जा रहा है कि जिले के 1084 सरकारी स्कूलों में से मात्र 15 उर्दू स्कूल हैं। जिनमें वहां के शिक्षक शुक्रवार को अपनी सुविधा के अनुसार साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को मना रहे।

झारखंड में विरोध के 88 स्कूलों में बदला नियम, अब रविवार को छुट्टी
झारखंड में 2022 में स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी देने की बात सामने आने के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद सरकार ने दबाव में आकर 88 स्कूलों में नियम बदल दिया। झारखंड के सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने के मामले में शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गई। पहले तो शिक्षा विभाग ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों और शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा था, वहीं अब राज्य के स्कूलों में शुक्रवार की जगह रविवार को ही छुट्टी देने का निर्देश दिया। शिक्षा विभाग ने गोड्डा जिले के 88 ऐसे स्कूलों की लिस्ट जारी की, जहां अब से शुक्रवार को छुट्टी नहीं होगी।

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