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दलित नहीं था रोहित वेमुला

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रोहित वेमुला की आत्महत्या पर दलित वोटबैंक की राजनीति करने वाले लोगों के गाल पर यह एक करारा तमाचा है। अब यह एक तरह से साफ हो गया है कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में खुदकुशी करने वाला छात्र रोहित वेमुला दलित नहीं था। गुंटूर जिले के डीएम कांतिलाल दांडे ने कहा है कि रोहित और उसकी मां ने धोखे से एससी सर्टिफिकेट बनवाएं, जबकि वे ओबीसी वर्ग से आते हैं। जिला स्तरीय समीक्षा समिति की जांच के मुताबिक रोहित और उनकी मां का स्टेटस ओबीसी था।

इस खुलासे के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने आत्महत्या करने वाले रोहित के एससी का सर्टिफिकेट रद्द करने का फैसला किया है। सरकार ने रोहित की मां राधिका को यह साबित करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है कि वह दलित है। उस बारे में कागजात नहीं दिखाने पर उनके एससी सर्टिफिकेट रद्द कर दिए जाएंगे।

पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला ने पिछले साल जनवरी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिससे बाद कुलपति के खिलाफ छात्रों ने काफी लंबे समय तक प्रदर्शन किया था। जेएनयू के नेता कन्हैया कुमाक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे राजनीतिक रंग देने की भी कोशिश की थी। रोहित के दलित होने और आत्महत्या करने के लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। लेकिन अब जिलाधिकरी के खुलासे के बाद सभी चुप्पी साधे हुए हैं।

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