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नोटबंदी का असर: पूर्वोत्तर के राज्यों में रिकॉर्ड आयकर रिटर्न

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08 नवंबर, 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो राजनीतिक हमलों की बाढ़ आ गई है। लेकिन तब पीएम मोदी ने कहा था कि तात्कालिक तकलीफ तो जरूर होगी, लेकिन लंबे वक्त के लिए इसके फायदे होंगे। आज नोटबंदी के निर्णय का सकारात्मक असर साफ देखा जा सकता है। इससे बचत, जमा, लोगों के निवेश और ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल होने के फायदे तो साफ नजर आ रहे हैं। हाल में पूर्वोत्तर राज्यों से आए आयकर संग्रह के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।

आयकर रिटर्न के लिए चित्र परिणाम

पूर्वोत्तर राज्यों में रिकॉर्ड आयकर रिटर्न
नोटबंदी लागू होने के वित्त वर्ष में पूर्वोत्तर के राज्यों में आयकर संग्रह में रिकार्ड वृद्धि हुई है। हाल यह है कि वित्त वर्ष 2016-17 में नागालैंड में आयकर संग्रह में करीब 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो देशभर में सबसे ज्यादा है। यह खुलासा आयकर विभाग के आंकड़ों में हुआ है। नागालैंड में आयकर संग्रह में जोरदार उछाल के ये आंकड़े इसलिए चौंकाते हैं क्योंकि वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान लगातार पांच वर्षो तक नागालैंड में आयकर संग्रह में हर साल औसतन 17 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई थी। इसी तरह मिजोरम में आयकर संग्रह में 117 प्रतिशत तथा मणिपुर में 89 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में पूरे देश में आयकर संग्रह में मात्र 14.5 प्रतिशत की वृद्धि ही हुई है।

आयकर रिटर्न 25 प्रतिशत रिटर्न

नोटबंदी और स्‍वच्‍छ धन अभियान के कारण इस साल भरे गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) की संख्या में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। 5 अगस्‍त 2017 तक 2,82,92,955 आयकर रिटर्न भरे गए, जबकि वित्‍त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में 2,26,97,843 आयकर रिटर्न भरे गए थे। यह संख्‍या 24.7 प्रतिशत की उल्‍लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, जबकि पिछले वर्ष इसमें 9.9 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई थी। विभिन्‍न लोगों द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न की संख्‍या में 25.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 5 अगस्‍त 2017 तक विभिन्‍न लोगों द्वारा 2,79,39,083 आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जबकि वित्‍त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में 2,22,92,864 आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे।

पकड़ी गई 72 हजार करोड़ की संपत्ति

”न खाऊंगा, न खाने दूंगा”। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस संकल्प को आयकर विभाग अपनी कार्रवाई से आगे बढ़ा रहा है। बेनामी संपत्ति के मामले में देश भर में कार्रवाई जारी है। सरकार कई स्तर पर ऐसी अघोषित-बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में लगी हुई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि उसने सघन खोज, जब्ती और छापे में करीब 71,941 करोड़ रुपये की ‘अघोषित आय’ का पता लगाया है।

दो हजार से ज्यादा कंपनियों पर मारे गए छापे
वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामें (affidavit) में बताया है कि बीते तीन सालों के दौरान विभाग ने 2 हजार से ज्यादा कंपनियों पर छापे मारे जिसमें इसमें 36,051 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय बरामद हुई। इसके अतिरिक्त करीब 2890 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति भी जब्त की गई। शपथ पत्र में 1 अप्रैल 2014 से 28 फरवरी 2017 तक की जानकारी दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि तीन साल के दौरान आयकर विभाग ने 2027 समूहों की तलाशी ली।

नोटबंदी में 5400 करोड़ की अघोषित आय जब्त
9 नवंबर से 10 जनवरी तक नोटबंदी के दौरान 5400 करोड़ की अघोषित आय जमा हुई। इसमें 3 सौ किलो से ज्यादा सोना जब्त हुआ। नोटबंदी के दौरान आयकर विभाग ने 1100 सर्चिंग-सर्वे और 5100 वेरिफिकेशंस किए। इस कार्रवाई के कारण 610 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें 513 करोड़ का नकद शामिल है। पिछले साल नंवबर और दिसंबर में क्रमश: 147.9 करोड़ और 306.89 करोड़ रुपये जब्त किए गए। इस दौरान नवंबर में 69.1 और दिसंबर में 234.26 किलोग्राम सोना भी जब्त किया गया। छानबीन के बाद बाद 400 मामले इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट और सीबीआई के भेजे गए हैं।

फर्जी कंपनियां के लिए चित्र परिणाम

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