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पीएम मोदी ने देश का खोया गौरव वापस दिलाया,करीब 108 साल बाद कनाडा से वापस लाई गई मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा काशी में होगी स्‍थापित

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले सात सालों के शासन में भारत बैलेंसिंग पावर से आगे निकलकर एक बड़ी ताकत बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सभ्यता और संस्कृति की ‘सॉफ्ट पावर’ का भी बेहतर इस्तेमाल किया है। योग और अध्यात्म जैसी सॉफ्ट पावर को वैश्विक मान्यता दिलाकर भारत का रसूख़ बढ़ाया है, वहीं चोरी करके विदेश ले जाई गईं वस्तुओं या मूर्तियों को भारत लाकर खोया हुआ सांस्कृतिक गौरव वापस दिलाया है। इनमें कनाडा से करीब 108 साल बाद भारत लाई गई मां अन्नपूर्णा देवी की दुर्लभ प्रतिमा भी शामिल है।

गुरुवार (11 नवंबर, 2021) को दिल्‍ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पूरी धूमधाम के साथ यह प्रतिमा उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी। इसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा की शुरुआत हुई। मां अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवम्बर को काशी पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ धाम में मां अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। संस्‍कृति मंत्रालय के मुताबिक 18वीं सदी की यह प्रतिमा वाराणसी से करीब 108 साल पहले चोरी हुई थी। इसके बाद इसे कनाडा ले जाया गया था।

अन्नपूर्णा देवी की शोभायात्रा चार दिन की है। शोभा यात्रा के लिए तय रूट के मुताबिक पहले दिन का रात्रि विश्राम तीर्थ क्षेत्र सोरों कासगंज में था, जबकि दूसरे दिन कानपुर और तीसरे दिन अयोध्या में रात्रि विश्राम के लिए रुकेगी। हर जिले में शोभायात्रा का स्वागत करने की जिम्मेदारी जनपद के स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रभारी मंत्रियों को दी गई है। इसमें आम जनता की भी सहभागिता है। छतरपुर मंदिर के सीईओ डॉ. किशोर चावला ने बताया कि मां का श्रृंगार पूरे विधि-विधान के साथ किया गया। मां के मुकुट, आभूषण, वस्त्रों को खास डिजाइन करवाया गया है।

108 साल पहले चोरी हुई इस प्रतिमा का आकार 17 सेंटीमीटर लंबा, 9 सेंटीमीटर चौड़ा और 4 सेंटीमीटर पतला है। मां की प्रतिमा के छोटे आकार को देखते हुए इस शोभायात्रा के लिए हुबहू एक रेप्लिका भी तैयार की गई है जिसका साइज करीब 4 फुट का है। रेप्लिका इसलिए तैयार की गई है ताकि श्रद्धालुओं को शोभायात्रा में यह आसानी से नजर आए। इस रेप्लिका को दिल्ली की कला अकादमी ने तैयार किया है।

हाल ही में लखनऊ आए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी के हालिया अमेरिका दौरे के बाद 157 ऐसी ही धरोहरों की वापसी का रास्ता साफ हुआ है। यह भी जल्द भारत लाई जाएगी। इसके अलावा सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड व बेल्जियम से मूर्तियों को लाने का प्रयास हो रहा है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक 2014 के बाद से अब तक प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में 42 दुर्लभ धरोहरों की देश वापसी हो चुकी है, जबकि 1976 से 2013 तक कुल 13 दुर्लभ प्रतिमाएं-पेंटिंग ही वापस लाई जा सकी थीं।

 

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