भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यहां तक कि उन्हें देश की बदनामी का भी परवाह नहीं है। वो बार बार भारत के अंदरुनी मामलों में विदेशी ताकतों के दखल की अपील करते रहते हैं। फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जे बाइडन की मुलाकात से पहले अपना देश विरोधी चेहरा दिखाया और तीनों कृषि कानूनों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से हस्तक्षेप की गुहार लगाई।
राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा, ‘’हम भारतीय किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। पिछले 11 महीनों के अंदर विरोध प्रदर्शन में 700 किसानों की मौत हो चुकी है। हमें बचाने के लिए इन काले कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। कृपया पीएम मोदी से मिलते समय हमारी चिंता पर ध्यान दें।’’
Dear @POTUS, we the Indian Farmers are protesting against 3 farm laws brought by PM Modi’s govt. 700 farmers have died in the last 11 months protesting. These black laws should be repealed to save us. Please focus on our concern while meeting PM Modi. #Biden_SpeakUp4Farmers
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 24, 2021
इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर ‘किसानों के हक में बोलें बाइडेन’ (#Biden_SpeakUp4Farmers) ट्रेंड करने लगा। राकेश टिकैत के ट्वीट की भाषा और ट्रेंड से पता चलता है कि यह देश को बदनाम करने के लिए तैयार टूलकिट का हिस्सा है। इसे पूरे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें कांग्रेस और उसके सरपरस्तों के अलावा विदेशी ताकतें भी शामिल हैं।
इस ट्वीट और ट्रेंड के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने राकेश टिकैत की जमकर क्लास लगाई। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि इन चिरकुटों की गुलामी की आदत अभी भी गयी नहीं। इनको लगता है कि विदेशी आज भी भारत के आंतरिक मामले में दखलंदाजी कर सकते हैं। वो दौर 2014 में खत्म हो गया। वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा कि अभी असली रूप दिखाए हो अब यही बाकी रह गया था। ये भारत देश है, यहां पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। और पाकिस्तान वाली भाषा मत बोला करो। तुम पागल हो चुके हो।
संजय कुमार शर्मा नाम के एक ट्विटर यूजर ने कांग्रेस को घेरते हुए लिखा कि राकेश टिकैत जी यह तो कांग्रेस के द्वारा लिखवाया गया ट्वीट है। आप तो ऐसा ट्वीट लिख नहीं सकते, क्योंकि कांग्रेस ही अपने घरेलू मामलों में किसी अन्य देश की घुसपैठ कराती है। वैसे आप अपने को राजनीति से प्रेरित नहीं मानते हैं। लेकिन ट्वीट कांग्रेस के कहने पर ही करते हैं।
गज़बे है…
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है, जब राकेश टिकैत ने विदेशी हस्तक्षेप की अपील की हो। इससे पहली कई बार दखल की बात कर चुके हैं, क्योंकि किसान आंदोलन में विदेशी दखल से राकेश टिकैत को कोई दिक्कत नहीं है। टिकैत ने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मुद्दे पर कहा था कि क्या कोई एजेंसी है जो निष्पक्ष जांच कर सकती है। यदि नहीं तो हमें इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहिए। जब इस बयान पर विवाद बढ़ने लगा तो राकेश टिकैत अपने बयान से पीछे हट गए।
मीडिया कर्मियों ने जब राकेश टिकैत को बताया कि कई विदेशी कलाकारों जैसे रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलिफा द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन कर देश के आंतरिक मामलों में दखल दिया गया है, तो टिकैत ने कहा कि हॉलीवुड कलाकारों द्वारा किसानों के आंदोलन का समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है, मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानता, लेकिन वे बिना किसी स्वार्थ के समर्थन कर रहे हैं।