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भारत के वॉरेन बफेट राकेश झुनझुनवाला ने कहा- 2019 में प्रधानमंत्री मोदी पर ही लगाऊंगा अपना दांव

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शेयर बाजार के दिग्गज और भारत के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने स्पष्ट कहा है कि तीन राज्यों में भाजपा की हार कोई झटका नहीं है। उन्होंने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ही दोबारा सरकार बनाएंगे और वो अपना अपना पैसा आज भी 2019 में बीजेपी की सत्ता में वापसी के लिए लगाएंगे। झुनझुनवाला ने कहा कि बीजेपी राजस्थान और मध्य प्रदेश में एंटी-इनकम्बेंसी का सामना कर रही थी। इसके बावजूद बीजेपी एक बड़ा वोट शेयर पाने में कामयाब रही और उसके मत प्रतिशत लगभग कांग्रेस के बराबर ही रहा। ऐसे में नतीजों को बीजेपी के लिए अच्छा कहा जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश झुनझुनवाला ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और ऐतिहासिक रूप से ज्यादातर बातें अच्छी हैं, जो आने वाले समय में बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। उन्होंने कहा कि कैपिटल इनवेस्टमेंट रिवाइव कर रहा है, खपत की मांग अच्छी है, बड़ी मात्रा में लोकल मनी बाजार में आने के लिए तैयार है। झुनझुनवाला ने जीएसटी की तारीफ करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में जीएसटी से बाजार को बहुत अधिक फायदा होगा।

सिर्फ मार्केट एक्सपर्ट राकेश झुनझुनवाला ही नहीं, शेयर मार्केट जुड़े कई विशेषज्ञों और ग्लोबल वित्तीय फर्मों की भी पहली पसंद नरेन्द्र मोदी ही हैं। डालते हैं एक नजर-

2019 के आम चुनाव के लिए पीएम मोदी हैं ग्लोबल वित्तीय फर्मों की पहली पसंद
तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा ने सत्ता गांवाई है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के ब्रांड पर कोई असर नहीं पड़ा है। जाहिर है कि विधानसभा चुनाव राज्यों के स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं और इनके परिणामों में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव में यही देखने को मिला है। एक तरफ भाजपा के वोट पर्सेंटेज में कोई खास असर नहीं पड़ा है और दूसरी तरफ मोदी लहर भी कमजोर नहीं पड़ी है। यही वजह है कि अधिकतर रेटिंग एजेंसियों और वैश्विक वित्तीय फर्मों को लगता है कि मोदी ब्रांड आज भी मजबूत है और 2019 के चुनाव में पीएम मोदी आज भी पहली पसंद बने हुए हैं।

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने साफ कहा है कि 2019 के चुनाव में अब भी मोदी पहली पसंद हैं। सीएलएसए का मानना है कि 2019 में एनडीए 245-280 सीटें जीत सकता है, जाहिर है कि यह आंकड़ा पीएम मोदी को सत्ता में काबिज रखने के लिए काफी है।

वहीं ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस के मुताबिक भाजपा ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है उससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र के स्तर पर मोदी जी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि मंगलवार को चुनाव परिणाम आने के बाद बजार में कोई घबराहट देखने के नहीं मिली है। यानि साफ है कि बाजार को लगता है कि इन परिणामों का केंद्रीय स्तर पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और मोदी जी का ग्राफ ऊंचाई पर बना हुआ है।

वैश्विक वित्तीय फर्म यूबीएस भी 2019 में भाजपा की वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रहा है। यूपीएस के मुताबिक मार्केट अलग-अलग तरह के नतीजों की संभावनाओं का भी आकलन कर रहा है, लेकिन इससे पीएम मोदी की मजबूत स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा है।

एचएसबीसी को उम्मीद है कि भारत में व्यापक स्तर पर स्थिरता कायम रहेगी। यदि इन पांच राज्यों के मतदाताओं ने आम चुनावों में भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दी तो भी कुल लोकसभा सीटों में इनका हिस्सा 15 फीसदी ही है। राजनीतिक दल कई तरह के गठबंधन करेंगे, लेकिन इससे प्रधानमंत्री मोदी की पोजीशन पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।

सिटी के मुताबिक 2013-14 में राज्य और आम चुनाव में मतदान का ट्रेंड काफी अलग-अलग रहा था। तीन राज्यों में भाजपा को हुए नुकसान के पीछे सत्ता विरोधी लहर हो सकती है। सिटी का कहना है कि इस परिणामों के बाद जीएसटी के नियमों में नरमी और प्रत्यक्ष करदाताओं के लिए टैक्स में कुछ छूट दी जा सकती है।

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