नंबर-1 होना गर्व की बात है, लेकिन राजस्थान जिनमें नंबर-1 का ओहदा हासिल कर रहा है, वो बेहद शर्मनाक ही है! दुराचार के तो इतने मामले हैं कि राजस्थान की छवि रेपिस्तान की बन गई है। अब दलित-आदिवासियों के खिलाफ उत्पीड़न के मामले में भी राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। कांग्रेस को वोट बैंक माना जाता है। लेकिन कांग्रेस की सरकार के राज में ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग पर अत्याचार सबसे अधिक हो रहे है। हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, मारपीट और अन्य उत्पीड़न की फरियाद लेकर प्रदेश में अनुसूचित जाति के करीब एक दर्जन लोग पुलिस थाने पहुंच रहे हैं। दुनियाभर के पर्यटक जिस लेक सिटी उदयपुर में घूमने आते हैं, उससे कुछ ही किलोमीटर दूर आदिवासी अंचल बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम है। हालात यह हैं कि यहां आज भी बच्चे स्कूल जाने के लिए घंटों पैदल चलते हैं तो जंगलों, नदियों के रास्तों को पार कर स्कूल तक पहुंचने का संघर्ष रोज करते हैं।आंकड़े गवाह हैं कि दलित अत्याचार के प्रति गहलोत सरकार आंखें मूंदे है
अनुसूचित जाति की राजस्थान में 1.22 करोड़ आबादी है। राज्य में दलित अत्याचार के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 5,559 मामलों में 66 हत्याएं, 202 बलात्कार, 43 अपहरण, 568 मारपीट, 111 एससी, एसटी एवं ओबीसी की संख्या 4536 है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की अपराध दर 45.50 है। रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि एससी, एसटी के विरुद्ध आंधप्रदेश में 22.5, बिहार में 29.10 प्रतिशत मामले दर्ज हुए। मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड में दलित अत्याचार का रिकॉर्ड शून्य रहा। राजस्थान में अनुसूचित जनजाति के खिलाफ भी काफी मामले दर्ज हुए है।जनसंख्या के हिसाब से राजस्थान की 22.8 अपराध दर शर्मनाक
इसके अलावा प्रदेश में 92.39 लाख अनुसूचित जनजाति की आबादी है। आदिवासियों ने 1351 मामले दर्ज कराए। इनमें 15 हत्याएं, 59 बलात्कार और सात अपहरण के मामले शामिल है। हर रोज चार लोगों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। जनसंख्या के हिसाब से राजस्थान की अपराध दर 22.8 रही। जबकि केरल में 25.5 की अपराध दर से 124 मामले दर्ज हुए। केरल में आदिवासियों की जनसंख्या 4.85 लाख है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस सरकार खुद को दलितों का हितैषी होने की बात कहती है, लेकिन आंकड़े देखकर सच्चाई खुद ब खुद सामने आ रही है।
गहलोत सरकार के डिजिटल प्रवेशोत्सव और ऑनलाइन शिक्षा के दावे हवा-हवाई
अपराध से इतर दलितों और आदिवासियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की बात करें तो वे भी राज्य सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हैं। आदिवासी अंचल की जब बात आती है तो हरी-भरी, ऊंची-नीची वादियों के बीच निकलते हुए घुमावदार रास्ते, पहाड़ियों से निकलते हुए झरने और कहीं कच्चे घर तो कहीं झोंपड़ियों में रहते आदिवासी लोग याद आ जाते हैं। ये तस्वीर दूर से ही भले अच्छी लगती हो, राज्य सरकार की अनदेखी के चलते इनका जीवन संघर्ष से भरा है। डिजिटल होते जमाने में राजस्थान का शिक्षा विभाग भले ही डिजिटल प्रवेशोत्सव और ऑनलाइन शिक्षा के दावे करता हो, लेकिन कई आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों की हकीकत कुछ और ही है। कहीं किराए के कमरों में तो कहीं एक या दो कमरों में ही स्कूल चल रहे हैं।
कुक कम हेल्पर के घर पर संचालित स्कूल में पढ़ने को मजबूर आदिवासी बच्चे
उदयपुर जिले के गोगुंदा, खेरवाड़ा, गिर्वा, कोटड़ा, सलूंबर, झाड़ोल आदि क्षेत्रों के विभिन्न स्कूलों में कमरों और भवनों के लिए संघर्ष सालों से चल रहा है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय, पारगीफला, कोटड़ा का स्कूल तो ऐसा स्कूल है, जो कुक कम हेल्पर के घर पर संचालित किया जा रहा है। यहां लगभग 100 बच्चे पड़ते हैं। इस स्कूल का भवन वर्ष 2022 में जर्जर होकर गिर गया था। वहीं, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पीपली खेत, ग्राम पंचायत खुणा, कोटड़ा में विद्यालय जर्जर हालत में चल रहा है। यहां एक ही कमरे में पढ़ाई करने को विद्यार्थी मजबूर हैं।
उदयपुर जिले में आदिवासी महिला की प्रेमी के साथ कराई नग्न परेड
इतना ही नहीं पिछले दिनों उदयपुर के के कानोड़ पुलिस स्टेशन के तहत कसोटिया गांव में एक आदिवासी महिला की नग्न परेड भी कराई गई। उस महिला का अपराध यही था कि उसने समुदाय की अनुमति के बिना 24 वर्षीय प्रेमी के साथ रहने का फैसला किया था। पुलिस प्रशासन से बेखौफ समाजकंटकों ने न सिर्फ महिला और उसके प्रेमी के जबरन पेड़ के बांध दिया, बल्कि दो दिनों तक कैद में रखने और पिटाई करने के बाद उनकी नग्न परेड तक करा दी। मणिपुर की इतनी पुरानी घटना पर हो-हल्ला मचाने वाले कांग्रेस के नेता अपने ही प्रदेश में हाल ही में हुई इस घटना पर चुप्पी साधे बैठे रहे।महिला मर्यादा तार-तार होने के बाद गांव में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों द्वारा आदिवासी जोड़े को जबरन वापस लाया गया, कपड़े उतार दिए गए, एक पेड़ से बांध दिया गया। बाद में गांव वालों के सामने ही उनकी नग्न परेड कराई। पुलिस की आंख भी तब खुली जब सोशल मीडिया पर प्रेमी युगल की फोटो और वीडियो आई। इसके बाद ही जोड़े को नग्न घुमाने में संलिप्तता के लिए उदयपुर पुलिस ने तेरह लोगों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी भंवरलाल मीणा सहित आरोपियों के खिलाफ धारा 365, 384 और 354 के तहत केस दर्ज किया गया। महिला मर्यादा तार-तार होने के बाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।
Yet another woman atrocity in Rajasthan!! A naked body of a tribal woman has been found in Sedwa tehsil of Barmer district.
Rajasthan CM @ashokgehlot51 continues to maintain a shameless silence. Who is responsible for the continuous violence, rapes and murders of women in the… pic.twitter.com/wKrNW8tcDF
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) July 25, 2023
प्रदेश में दलित महिलाओं से दुष्कर्म और दलितों के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पुलिस-प्रशासन इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। पिछले कुछ माह की वारदातों पर एक नजर…
करौली: दलित युवती के साथ हैवानियत की हदें पार
करौली में हाल ही में एक दलित युवती के साथ दरिंदों की कारगुजारी की ऐसी वारदात सामने आई, जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाएगा। जिले के नादौती उपखंड की दलित युवती के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया गया, बल्कि इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। गैंगरेप करने वाले आरोपियों ने इसके बाद दलित युवती की पहचान छिपाने के लिए चेहरे को एसिड डालकर जला दिया। इसके बाद दरिंदों ने उसको एक कुएं में फेंक दिया। घटना की जानकारी के बाद सांसद किरोडी लाल मीणा हिंडौन सिटी के राजकीय अस्पताल पहुंचे और सरकार को बेपरवाह बताते हुए पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठे।
बाड़मेर: दलित महिला को रेप के बाद जिंदा जलाया
राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में इसी साल अप्रैल माह में एक दलित महिला को बलात्कार के बाद आरोपियों ने जिंदा जला दिया गया। साठ फीसदी झुलसी महिला ने इलाज के दौरान जोधपुर के सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतका के पति राजू राम का आरोप है कि उनकी पत्नी के साथ शकूर ख़ान ने बलात्कार किया और थिनर डालकर जिंदा जला दिया। इस बर्बर घटना के खिलाफ मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर बालोतरा एसडीएम ऑफिस के सामने धरना भी दिया।
बीकानेर: रक्षक पुलिस ही बनी भक्षक, रेप के बाद मारा
गत जून माह में बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित युवती के साथ पहले रेप करने और बाद में उसकी हत्या करने का सनसनीखेज आरोप भक्षक बनी पुलिस पर ही लगा है। महज बीस साल की इस युवती से एक घर में पहले रेप किया गया और बाद में वहीं मारकर फैंक दिया गया। महिला के पिता ने आरोप लगाया है कांस्टेबल मनोज और भागीरथ एक अन्य युवक के साथ उसे कमरे में ले गए। जहां पहले दुष्कर्म किया और इसके बाद मार दिया। एफआईआर में दो पुलिसकर्मियों के भी नाम आने के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है।
भरतपुर: सगे भाइयों ने किया दलित महिला से गैंगरेप
पूर्वी राजस्थान में दलितों के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। भरतपुर जिले में इसी माह दलित महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को दो सगे भाइयों ने ही अंजाम दिया। सेवर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला बाजार में चश्मा सही कराने दुकान पर गई थी। वहां पर मौजूद दो भाई काम कराने के बहाने से उसके घर के अंदर ले गए, जहां दोनों ने दलित महिला के साथ गैंगरेप किया। सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद महिला को किसी को भी बताने पर जान से मरने की धमकी दी।