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‘लाल डायरी’ में छिपे हैं Gehlot Government के काले राज, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद अब उसी डायरी को लेकर विधानसभा में चले लात-घूंसे, रोते हुए गुढ़ा ये बोले…

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राजस्थान की गहलोत सरकार महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को तो रोक नहीं पा रही, इस बारे में आवाज उठाने वाले अपनी ही पूर्व मंत्री की अभिव्यक्ति की आजादी पर जरूर रोक लगा रही है। राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने को लेकर गहलोत सरकार की आलोचना हो ही रही है। अब न सिर्फ गुढ़ा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, बल्कि सदन में सदन में ‘लाल डायरी’ के बारे में बोलने की अनुमति नहीं दी गई और कांग्रेस के मंत्रियों ने उन्हें घसीट कर, लात मारकर सदन से बाहर निकाल दिया। आरोप है कि इस लाल डायरी राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएसन चुनाव में प्रलोभन के काले चिठ्ठे हैं। राजेंद्र सिंह गुढ़ा का आरोप है कि सदन में लगभग 25-30 लोगों ने उनपर हमला किया। उन्हें मुक्के-लात मारे और कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से बाहर खींच लिया। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने रोते हुए मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं 40 साल से कांग्रेस में काम कर रहा हूं। पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के समय से पार्टी को देख रहा हूं। लेकिन सच्ची बात कहने पर सरकार और पार्टी मेरे साथ बदसुलूकी कर रही है। मैं सदन में आखिर यही तो जानना चाहता था कि मेरी गलती क्या है?

सत्ता के साथ ही कांग्रेस संगठन से बेदखली की पटकथा भी पहले ही लिख दी
राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों को लेकर आईना दिखाया था। उन्होंने तीन दिन पहले कहा था कि मणिपुर की बजाए हमें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। हम राजस्थान में महिलाओं को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोक नहीं पा रहे हैं। लेकिन सरकार को अपने ही मंत्री की सच्चाई इतनी कड़वी लगी कि आनन-फानन में ही मुख्यमंत्री ने राज्यपाल कलराज मिश्र से गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी। देर शाम से अनुशंसा स्वीकार हो गई। सत्ता के साथ ही कांग्रेस संगठन ने भी राजेंद्र गुढ़ा के खिलाफ घोड़े खोल दिए। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुढ़ा के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंप दी। जांच के परिणाम की पटकथा पहले से ही लिख दी गई और आज जैसा कि माना जा रहा था, कांग्रेस पार्टी ने नैतिकता की सारी सीमाएं लांघते हुए अपने पूर्व मंत्री को संगठन से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।

मंत्री-विधायकों ने सदन में गिराकर लात-घूंसों से पूर्व मंत्री की पिटाई की
सीएम गहलोत की कैबिनेट में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद सोमवार (24 जुलाई) को कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा के बाहर रोका गया। कांग्रेस के ही मंत्रियों ने उन्हें सदन में प्रवेश न करने के लिए बाध्य किया, लेकिन गुढ़ा विधानसभा के अंदर पहुंच गए और उन्होंने अध्यक्ष से बोलने की अनुमति मांगी, जो उन्हें नहीं दी गई। राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। राज्य में दुष्कर्म के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं, लेकिन इस बारे में बोलने तक नहीं दिया गया। राजेंद्र गुढ़ा का आरोप है कि 25-30 लोगों ने मिलकर उनपर हमला कर दिया। यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल पर संगीन आरोप लगाते हुए गुढ़ा ने कहा कि धारीवाल ने उन्हें गिराकर लात मारी। अन्य कांग्रेस विधायकों ने उनको गिराकर लात-घूंसे मारे। उन्होंने कहा कि वह सीएम गहलोत की रिक्वेस्ट पर साथ आए थे, अब लड़ाई लड़ेंगे। उनसे पार्टी ने कहा है कि माफी मांगो। ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा का सवाल है कि वह किस बात की माफी मांगें? गुढ़ा का कहना है कि जब तक उनके शरीर में सांस है, तब तक राजस्थान की बहनों-बेटियों के लिए बोलते रहेंगे।‘अगर लाल डायरी में कांग्रेसियों के काले चिट्ठे नहीं होते तो सीएम जलवाते ही क्यों?’
इससे पहले गत दिवस राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनू में एक जनसभा के दौरान सीएम अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोलते हुए दावा किया कि आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापा मारा था। उस वक्त मुझे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुलाकर कहा था कि कुछ भी हो गुढ़ा, वहां से ‘लाल डायरी’ निकलाकर लाओ। सीएम के कहने पर मैं लाल डायरी वहां से किसी तरह निकलाकर लाया। इसके बाद उस डायरी को जलवा दिया। अगर उसमें काले चिट्ठे नहीं होते तो सीएम जलवाते ही क्यों?’ उन्होंने कहा कि तब सीएम ने कहा था कि लाल डायरी यदि किसी जांच एजेंसी के हाथ लग गई तो हम सबके लिए मुश्किल हो जाएगी। गुढ़ा ने कहा कि अगर तब मैं सैकड़ों पुलिस जवानों के बीच में से जाकर नौवीं मंजिल से गेट तोड़कर वो लाल डायरी नहीं निकालता सीएम गहलोत जेल में होते। और राजस्थान का मुख्यमंत्री कोई और ही होता।गुढ़ा तुमने तो सर्जिकल स्ट्राइक कर दी, तुमको को हॉलीवुड में होना चाहिए- गहलोत
पूर्व मंत्री ने कहा कि तब तो लाल डायरी लाने पर सीएम गहलोत ने कहा था कि गुढ़ा तुमने तो सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। तुमको को हॉलीवुड में होना चाहिए। अब अपने मंत्रियों से पिटवा रहे हैं। जैसे फिल्म डॉन में लाल डायरी सुर्खियों में रही और तब उसमें प्राण का डॉयलाग था, ‘काका, इसमें नारंग और उसकी सिंडिकेट के एक-एक मैंबर का नाम और पता है।’ राजेंद्र गुढ़ा के बयान के बाद अब राजस्थान में ‘रेड डायरी’ की चर्चा है, जिसे सभी खोज रहे हैं। जानना चाह रहे हैं कि इसमें किस-किस मंत्री-विधायक का नाम है और उसके आगे कितने करोड़ की रकम लिखी हुई है। कहा जा रहा है कि इस रेड डायरी में अशोक गहलोत और उनकी सरकार के काले कारनामों की जानकारी हो सकती है। गुढ़ा के इस खुलासे के बाद, बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करते हुए कहा ‘सीएम साहब के बड़े खास रहे लेकिन सच बोलने की वजह से तुरंत ही बर्खास्त होने वाले राजेंद्र गुढ़ा जी जिस लाल डायरी की बात कर रहे हैं, उसमें न जाने कितने काले चिट्ठे होंगे। नाम तो एक दिन सभी भ्रष्टाचारियों के सामने आएंगे, अगले विधानसभा चुनाव परिणाम आने का इंतजार करें।’गहलोत पर तंज…बहन-बेटियों की सुरक्षा पर बोलना गुनाह कैसे हो गया?
गहलोत पर तंज कसते हुए गुढ़ा ने कहा कि आपने मुझे विधानसभा में भेजा भी इसलिए था कि मैं सच बोलूं। उसके बाद आप जब हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा नहीं कर पाए तो मैं बोल गया, यह गुनाह हो गया? मैं मरते दम तक राजस्थान की, उदयपुरवाटी, शेखावटी की जनता के लिए लड़ता रहूंगा। गौरतलब है कि गुढ़ा ने शुक्रवार को सदन में महिलाओं के बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मुझे तो दूसरा काम भी नहीं आता। मुझे आदत पड़ गई है सच बोलने की। मैंने बस इतना कहा था कि मणिपुर हिंसा पर बात कर रहे हो तो राजस्थान में बढ़ते अत्याचार पर भी देखो। इसमें गलत क्या है। गुढ़ा ने बर्खास्त किए जाने के फैसले पर हमला बोलते हुए कहा कि मुझसे इस्तीफा मांग लेते तो मैं इस्तीफा दे देता। जब मुकदमा होता है तो भी समय दिया जाता है और फिर जज फैसला करता है, लेकिन मुझे तो साजिश के साथ सीधे ही उड़ा दिया गया।

जनता जानना चाहती है कि लाल डायरी की दाल में क्या काला है- शेखावत
इस बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गहलोत सरकार महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पाई, ये विषय साहस के साथ विधानसभा के पटल पर रखा तो राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। आज राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा में एक लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। कल उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से ये बताया था कि इस लाल डायरी से सरकार धराशायी हो जाएगी। और आज जब राजेंद्र गुढ़ा उस डायरी को लेकर पहुंचे तो कांग्रेस के नेताओं में उस डायरी को छीनने और फाड़ने की होड़ मच गई। इससे पता चलता है कि दाल में कुछ काला है। आज राजस्थान की जनता ये जानना चाहती है कि लाल डायरी में किस-किसके काले कारनामे छिपे हैं। राजस्थान की जनता ये जानना चाहती है कि गरीब जनता के पैसों से कौन-कौन गुलछर्रे उड़ा रहा था और कौन-कौन अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए उन पैसों का उपयोग कर रहा था।

राजस्थान में हम असफल, मणिपुर के बजाए अपने गिरेबां में झांकना चाहिए-गुढ़ा

अपने खरे-खरे बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने एक बार फिर अपनी ही कांग्रेस सरकार की आंखें खोल दी हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा कि राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं और लगातार बढ़ रहे हैं, हमें मणिपुर के बजाए अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा की सच्चाई को सीएम गहलोत सह नहीं पाए और उन्होंने 21 जुलाई को देर शाम राज्यपाल से राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी। राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम  इस अनुशंसा को तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया है। गुढ़ा पहले भी सरकार के भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक रूप से खरी-खरी सुना चुके हैं। पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के दौरान गुढ़ा ने कहा था कि हमारी सरकार का एलाइनमेंट खराब हो गया है। सरकार में जो काम होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। सरकार भ्रष्टाचार के उन सभी मानकों को पूरा कर चुकी है, जो देश में हो चुके हैं। गहलोत सरकार 40 परसेंट कि करप्शन से बहुत आगे जा चुकी हैं। हालात यह हैं कि शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के ऑफिस से तो कोई भी फाइल बिना भ्रष्टाचार के आगे नहीं खिसक पाती है।
सरकार के एक मंत्री ने ही सरकार की कलई खोलकर रख दी है- राठौड़

गहलोत सरकार के राज में प्रदेश लगातार महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में नंबर वन बना हुआ है। इतना ही नहीं दलित महिलाओं से ज्यादती की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। खुद मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर में दलित युवती से गैंग रेप और चार लोगों को नृशंस हत्या हाल ही में हो चुकी है। यही वजह है कि सैनिक कल्याण मंत्री ने विधानसभा में साफ तौर पर कहा कि यह मान लेना चाहिए कि प्रदेश में हम महिलाओं की सुरक्षा के मामले में असफल रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने पाइंट ऑफ ऑर्डर में कहा कि सरकार कलेक्टिव रेस्पॉन्सिबिलिटी से चलती है। संविधान के मुताबिक यदि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब है पूरी सरकार बोलती है। सरकार के एक मंत्री ने सरकार की ही कलई खोलकर रख दी है।

सीएम की मणिपुर मामले में टिप्पणी का गुढ़ा ने दिया करारा जवाब
राठौड़ ने कहा कि ये बहुत शर्मनाक बात है मर्दों के प्रदेश वाले मंत्री जी। बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने ही इससे पहले के विधानसभा सत्र में महिलाओं पर रेप के मामले में अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते रेप के मामलों पर कहा था, रेप के मामले बढ़ तो रहे हैं। मगर क्या करें…राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। विपक्ष ने जब इस बयान पर धारीवाल को आड़े हाथों लिया तो उनको माफी तक मांगनी पड़ी थी। दूसरी ओर सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा का बयान उस संदर्भ में भी देखा जा रहा है, जिसमें सीएम गहलोत ने मणिपुर के मामले में टिप्पणी की थी। राजस्थान के रेपिस्तान के रूप में कुख्यात होने के बावजूद सीएम ने कहा हमारे लिए महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। जोधपुर में भयानक गैंग रेप के बाद तीन आरोपियों को महज दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया, वहीं मणिपुर की शर्मनाक घटना में सिर्फ एक आरोपी को पकड़ने में 77 दिन लग गए।

प्रदेश में दलित महिलाओं से दुष्कर्म और दलितों के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पुलिस-प्रशासन इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। पिछले कुछ माह की वारदातों पर एक नजर…

करौली: दलित युवती के साथ हैवानियत की हदें पार
करौली में हाल ही में एक दलित युवती के साथ दरिंदों की कारगुजारी की ऐसी वारदात सामने आई, जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाएगा। जिले के नादौती उपखंड की दलित युवती के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया गया, बल्कि इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। गैंगरेप करने वाले आरोपियों ने इसके बाद दलित युवती की पहचान छिपाने के लिए चेहरे को एसिड डालकर जला दिया। इसके बाद दरिंदों ने उसको एक कुएं में फेंक दिया। घटना की जानकारी के बाद सांसद किरोडी लाल मीणा हिंडौन सिटी के राजकीय अस्पताल पहुंचे और सरकार को बेपरवाह बताते हुए पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठे।

बाड़मेर: दलित महिला को रेप के बाद जिंदा जलाया
राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में इसी साल अप्रैल माह में एक दलित महिला को बलात्कार के बाद आरोपियों ने जिंदा जला दिया गया। साठ फीसदी झुलसी महिला ने इलाज के दौरान जोधपुर के सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतका के पति राजू राम का आरोप है कि उनकी पत्नी के साथ शकूर ख़ान ने बलात्कार किया और थिनर डालकर जिंदा जला दिया। इस बर्बर घटना के खिलाफ मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर बालोतरा एसडीएम ऑफिस के सामने धरना भी दिया।

भरतपुर: सगे भाइयों ने किया दलित महिला से गैंगरेप
पूर्वी राजस्थान में दलितों के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। भरतपुर जिले में इसी माह दलित महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को दो सगे भाइयों ने ही अंजाम दिया। सेवर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला बाजार में चश्मा सही कराने दुकान पर गई थी। वहां पर मौजूद दो भाई काम कराने के बहाने से उसके घर के अंदर ले गए, जहां दोनों ने दलित महिला के साथ गैंगरेप किया। सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद महिला को किसी को भी बताने पर जान से मरने की धमकी दी।

बीकानेर: रक्षक पुलिस ही बनी भक्षक, रेप के बाद मारा
गत जून माह में बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित युवती के साथ पहले रेप करने और बाद में उसकी हत्या करने का सनसनीखेज आरोप भक्षक बनी पुलिस पर ही लगा है। महज बीस साल की इस युवती से एक घर में पहले रेप किया गया और बाद में वहीं मारकर फैंक दिया गया। महिला के पिता ने आरोप लगाया है कांस्टेबल मनोज और भागीरथ एक अन्य युवक के साथ उसे कमरे में ले गए। जहां पहले दुष्कर्म किया और इसके बाद मार दिया। एफआईआर में दो पुलिसकर्मियों के भी नाम आने के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है।

 

 

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