भारतीय रेलवे ने कोरोना संकट के कारण अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का ऐलान किया है। रेलवे 1800 करोड़ रुपये का निवेश कर 31 अक्टूबर तक यानी 125 दिनों के लिए इन प्रवासी मजदूरों को काम देगा। 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत काम दिया जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत करीब 9 लाख प्रवासी कामगारों को रोजगार देने के लिए रेलवे ने 160 परियोजनाओं की पहचान की है।
Railways has identified 160 projects which will generate close to 9 lakh man-days of employment under PM @NarendraModi ji’s Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan. pic.twitter.com/QvGvrmj6HT
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 26, 2020
इस परियोजना के तहत दी जानें वाले कामों में रेलवे से जुड़े संपर्क मार्गो का रख रखाव, रेलवे क्रॉसिंग से जुड़े काम, वाटरबेस और ड्रेन की साफ-सफाई और निर्माण जैसे काम शामिल हैं।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान वेब पोर्टल का शुभारम्भ
केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गरीब कल्याण रोजगार अभियान के वेब पोर्टल का शुभारम्भ किया। गरीब कल्याण रोजगार अभियान भारत सरकार का समग्र रोजगार सृजन और ग्रामीण बुनियादी ढांचा निर्माण कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के चलते पैदा हालात के कारण अपने घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को अगले चार महीनों तक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 20 जून, 2020 को इस अभियान का शुभारम्भ किया था। तोमर ने कहा कि यह पोर्टल जनता को इस अभियान के बारे में जानकारी देने के अलावा 6 राज्यों के 116 जिलों में 50,000 करोड़ रुपये की व्यय निधि के साथ शुरू किए गए कार्यों को पूरा करने की प्रगति की निगरानी रखने में मदद करेगा।
उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओड़िशा और झारखंड के 116 जिलों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई है। श्रमिक जिस जिले का होगा उसी जिले में काम मिलेगा। उसे जिले से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।