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भारत-चीन सीमा विवाद मामले में राहुल गांधी के ट्वीट पर बढ़ता आक्रोश, 71 पूर्व सैनिकों ने बयान पर उठाया सवाल

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भारत-चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट और बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक मामले से अक्सर दूरी बनाये रखने वाले पूर्व सैनिकों में भी राहुल गांधी के बयान को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। आज 71 पूर्व सैनिकों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए कड़ी निंदा की है। साथ ही राहुल गांधी को 1962 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री की नाकामियों की भी याद दिलाई है।

पूर्व सैनिकों ने लद्दाख की भौगोलिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा के लिए तैनात रहना पड़ता है। ऐसे में राहुल गांधी का बयान सैनिकों के मनोबल को गिराने वाला है। पूर्व सैनिकों ने राहुल को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे मौके पर राजनीतिक हित के लिए दिया गया बयान देश को नुकसान पहुंचा सकता है।

पूर्व सैनिकों ने 1962 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इस युद्ध में भारत को बहुत अपमानजनक हार झेलनी पड़ी थी। उस समय सैनिकों के पास आधुनिक हथियार और गोला-बारूद का अभाव था। यहां तक कि सैनिकों के पास बर्फीले इलाकों में पहने जाने वाले कपड़े भी नहीं थे। जबकि चीनी सैनिकों के पास काफी साधन मौजूद थे, जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कम साधन के बावजूद सैनिकों ने संघर्ष किया और अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इस युद्ध में हमारे देश के एक बड़े भू-भाग पर चीन ने कब्जा कर लिया, जिसमें अक्साइ चीन भी शामिल है।

पूर्व सैनिकों ने 1962 में भारत की हार के लिए पूरी तरह तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदार बताया है। युद्ध के समय राहुल के नाना जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे। पूर्व सैनिकों का कहना है कि उस समय जो गलतियां की गईं, उसी का नतीजा है कि आज भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के सामने मोर्चा संभाले हुए है।

पूर्व सैनिकों द्वारा जारी पत्र में राहुल गांधी पर सवाल उठाया गया है कि जब 2017 में डोकलाम में भारत और चीन के बीच टकराव हो रहा था, उस समय राहुल गांधी दिल्ली में चोरी-चोरी चीनी राजदूत से मिल रहे थे। राहुल गांधी द्वारा चोरी छिपे की गई इस मुलाकात की जानकारी देश को 10 जुलाई को चीनी दूतावास की वेबसाइट पर जारी की गई फोटो से होती है। इसी फोटो ने मुलाकात को नकारने वाली राहुल गांधी और कांग्रेस की चोरी पकड़वा दी।

पूर्व सैनिकों ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी के बयान को पाकिस्तान और उसकी सेना ने इस्तेमाल किया। आईएसआई देशविरोधी ताकतों और आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करती है। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए, जिससे सैनिकों का मनोबल गिराता हो।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल उठाया था। शाह ने कहा था कि पूरी दुनिया मानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत ही ऐसा देश है जो अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सक्षम है। उन्होंने कहा था कि भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकार्यता मिली है। इस पर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में सवाल कर डाला। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायराना अंदाज में ही कटाक्ष किया तो राहुल ने रक्षा मंत्री से यह पूछ डाला कि क्या लद्दाख में चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है?

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