कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर सोशल मीडिया पर अपनी किरकिरी करा बैठे हैं। पंजाब और अन्य जगहों पर हाल ही में हुई लिंचिंग की घटनाओं पर एक ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि साल 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने लिंचिंग पर हिंदी और अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए ‘थैंक्यू मोदी जी’ निशाना साधने की कोशिश की।
2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।
Before 2014, the word ‘lynching’ was practically unheard of. #ThankYouModiJi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 21, 2021
लेकिन कांग्रेस सांसद राहुल का यह दांव उल्टा पड़ गया। ट्विटर पर यूजर्स ने कांग्रेस नेता को फटकार लगानी शुरू कर दी। उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का 46 सेकेंड वाला वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लिखा, ‘राजीव गांधी, मॉब लिंचिंग के जन्मदाता से मिलिए, जो सिखों के जनसंहार को सही ठहरा रहे हैं। कांग्रेस के लोग सड़कों पर उतरे, ‘खून का बदला खून से लेंगे’ के नारे लगाए गए, महिलाओं से रेप किया गया, सिखों के गले में जलते टायर डाल दिए गए, जले हुए शवों को नालों में बहा दिया गया।’ इस वीडियो में देखा जा सकता है कि राजीव गांधी ने 19 नवंबर, 1984 को एक जनसभा में कहा था, ‘जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी तो हमारे देश में कुछ दंगे-फसाद हुए थे। हमें मालूम है कि भारत की जनता के दिल में कितना क्रोध आया, कितना गुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। लेकिन जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।’
Meet Rajiv Gandhi, father of mob lynching, justifying blood curdling genocide of Sikhs. Congress took to streets, raised slogans like ‘khoon ka badla khoon se lenge’, raped women, wrapped burning tyres around necks of Sikh men while dogs gorged on charred bodies dumped in drains. https://t.co/LFAoAgIGVl pic.twitter.com/ntNovHNF3W
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 21, 2021
इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में अमित मालवीय ने कांग्रेस शासन काल की कई लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र कर राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई।
Ahemdabad (1969), Jalgaon (1970), Moradabad (1980), Nellie (1983), Bhiwandi (1984), Delhi (1984), Ahemdabad (1985), Bhagalpur (1989), Hyderabad (1990), Kanpur (1992), Mumbai (1993)…
This is just a small list in which more than 100 people died under Nehru-Gandhi parivar’s watch. https://t.co/LFAoAgIGVl
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 21, 2021
इसके बाद ट्विटर पर यूजर्स राहुल गांधी की जमकर खिंचाई करने लगे।
You didnt hear the word ‘lynching’ before 2014 because you were always in ‘party mode’. Here a tweet from your friend, read n enjoy ?? pic.twitter.com/oO7918sp6Z
— Facts (@BefittingFacts) December 21, 2021
2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।
Before 2014, the word ‘lynching’ was practically unheard of. #ThankYouModiJi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 21, 2021
सुनने में नहीं आता था क्योंकि सोशल मीडिया नहीं था। मेन स्ट्रीम मीडिया या तो इस तरह के मामले दबा देता था या घुमा फिरा कर दिखाता था। How many people were Iynched in 1984 by a political party mob? In thousands. Practically unheard of? Right!
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) December 21, 2021
‘लिंचिंग’ शब्द 2014 से पहले सुना जाना चाहिए था.
1966 में दिल्ली में साधुओं पर गोली,
1984 में हजारों सिखों का नरसंहार
1990 में कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार
2002 में गोधरा ट्रेन में रामभक्तों को जिंदा जलानाइस समय लिंचिंग शब्द सुना जाना चाहिए था
— Minakshi Shriyan (@Minakshishriyan) December 21, 2021
The way MVA has buried Palghar Sadhus Lynching Case Was Just Horrible?
If you want to learn how to bury a case, call Raul Vinci#ThankYouMVA pic.twitter.com/C0kKErpUUh
— Abhiiiii (@abhi_rocks1004) December 21, 2021
क्योंकि 2014 से पहले सत्ता संरक्षित नरसंहार होता था, मुरादाबाद, हाशिमपुरा, सिखों का नरसंहार,, आपको @RahulGandhi नहीं पता था क्या?
पता भी कैसे हो क्योंकि आपको इटली से ही फुर्सत नहीं!— Sufiyan Pathan (@sufiyan_pathan_) December 21, 2021
राहुल की नजर मे मुस्लिम मरे तो लिचिग हिन्दू मरे तो मुंह पर ताला लग जाता है 2014से पहले हिन्दु को आतंकवादी कहा जाता था आज सत्ता नही है तो तिलक जनेऊ डालकर हिन्दूत्व पर ज्ञान दे रहै हो पहले हिन्दुओ को जातियो मे बाटा जाता आज हिन्दू एक हो रहै है तो राहुल की परेशानी बढती जा रही है
— Heera (@Heera51059946) December 21, 2021
लगता है राहुल बाबा 2014 से पहले भारत में रहते ही नहीं थे,, लिस्ट तो बहुत लंबी है फिलहाल ये देखो,,?? pic.twitter.com/kDmRzkhl1c
— Balvinder Sharma (@balvinder7harit) December 21, 2021
Statement is of 2019 but we all know when it happened. Mass@cre wasn’t heard of until Gandhi’s happened pic.twitter.com/j5rGYUvQ2F
— rae | memenist stan (@ChillamChilli_) December 21, 2021
1984 में हजारों सिखों को मारा गया लेकिन ‘लिंचिंग’ शब्द नहीं गढ़ा गया,
1990 में लाखों कश्मीरी हिंदुओं को मारा गया लेकिन ‘लिंचिंग’ शब्द नहीं गढ़ा गया,
2002 में ट्रेन में रामभक्तों को जिंदा जला दिया गया लेकिन ‘लिंचिंग’ शब्द नहीं गढ़ा गया,
काश ‘लिंचिंग’ शब्द उस समय भी आ जाता
— Abhay Pratap Singh (@IAbhay_Pratap) December 21, 2021
Just helping @RahulGandhi to show him India before 2014. pic.twitter.com/YWEgEFmBqE
— Lala (@FabulasGuy) December 21, 2021
— C. B. Shukla (@CBShukla3) December 21, 2021