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देश विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाने वाले 2 न्‍यूज वेबसाइट और 20 यूट्यूब चैनल पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक, पहली बार ‘स्पेशल पावर’ का इस्तेमाल कर किया बैन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसलिए मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने न्यूज वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। मोदी सरकार ने पहली बार आईटी ऐक्ट में हाल ही में शामिल की गई गाइडलाइंस के आधार पर देश विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाने वाले दो न्यूज वेबसाइटों और 20 यूट्यूब चैनलों पर सोमवार (20 दिसंबर, 2021) को बैन लगा दिया। ये चैनल और वेबसाइट कथित तौर पर पाकिस्तान से संचालित होते थे और इनके द्वारा भारत विरोधी झूठी खबरें फैलायी जाती थीं।  

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसके लिए यूट्यूब को लिखित रूप में आदेश जारी किया है। मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने यूट्यूब और दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा और उन्हें निर्देश दिया कि इन्हें तुरंत ब्लॉक किया जाए। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस की मदद से यह प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा था। इनमें ‘नया पाकिस्तान’ नाम का एक यूट्यूब चैनल चलाया जा रहा था, जिसके यूट्यूब पर दो मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर थे। अधिकारियों के मुताबिक, ये चैनल कश्मीर, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध और अयोध्या जैसे मुद्दों पर ‘झूठी खबरें’ चला रहा था। नया पाकिस्तान समूह यूट्यूब पर 15 से अधिक चैनल चलाता है।

सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन चैनलों के कॉन्टेंट की जांच की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली बार आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल भारत विरोधी प्रोपोगैंडा वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किया गया। अधिकारी के मुताबिक जांच से पता चला कि ये वेबसाइटें और चैनल पाकिस्तान से चलाई जा रही थीं। इन यूट्यूब चैनलों पर चलाया जाने वाला कॉन्टेंट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। भारत द्वारा बैन किए गए यूट्यूब चैनलों में से 15 का स्वामित्व ‘नया पाकिस्तान’ ग्रुप के पास है, जबकि अन्य में ‘द नेकेड ट्रुथ’, ’48 समाचार’ और ‘जुनैद हलीम अधिकारी’ शामिल हैं।

मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इन चैनलों और वेबसाइटों को बैन और ब्लॉक करने का फैसला 48 घंटे में इंटर डिपार्टमेंटल कमिटी (आईडीसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद आईटी नियम, 2021 के तहत एक समिति द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी। गौरतलब है कि मंत्रालय की जांच में सामने आया था कि कुछ वीडियो अनुच्छेद 370 और कश्मीर की ओर बढ़ते तालिबान लड़ाकों को लेकर थे। इन यूट्यूब चैनलों के कुल करीब 3.5 मिलियन सब्सक्राइबर थे और इनके कॉन्टेंट को भारत में 500 मिलियन से भी ज्यादा बार देखा जा चुका था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन चैनलों ने किसानों के प्रोटेस्ट को लेकर फर्जी वीडियो चलाए थे। 

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