होली के एक दिन पहले 01 मार्च को कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी देश छोड़कर चले गए। जाते-जाते उन्होंने ट्वीट किया कि ”मेरी नानी 93 साल की हैं। वह बहुत ही दयालु महिला है। इस होलीवाले वीकेंड पर मैं उन्हें सरप्राइज देने जा रहा हूं! मैं उन्हें गले लगाने का इंतजार नहीं कर पा रहा हूं। सभी को होली की बहुत-बहुत बधाई। खुशी-खुशी त्योहार मनाइए…।”
My Nani is 93. She’s the kindest soul ever. This Holi weekend, I’m going to surprise her! I can’t wait to give her a hug…. #HappyHoli to all of you. Have a joyful celebration..
— Office of RG (@OfficeOfRG) 1 March 2018
अक्सर राहुल गांधी देश में हिंदू त्योहारों के मौके पर देश से बाहर जाते रहे हैं, इसलिए इसबार भी कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, लेकिन इस बार की उनकी विदेश यात्रा पर जाने का राज होली के एक दिन बाद 03 मार्च को तब खुला जब पूर्वोत्तर में हुए तीन राज्यों के चुनाव परिणाम आए। ऐसी खबरें हैं कि राहुल गांधी को कांग्रेस की बुरी हार की भनक लग चुकी थी और वे इस हार की जिम्मेदारी लेने से बचना चाह रहे थे।
गौरतलब है कि ऐसे कई मौके आए हैं जब कांग्रेस के अध्यक्ष अपनी पार्टी को बीच भंवर में छोड़कर विदेश यात्राओं पर निकल जाते हैं। हार की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं और अपनी हार स्वीकार करने में भी अससहज महसूस करते हैं।
दरअसल जब भी पार्टी को उनकी ज्यादा जरूरत होती है, वो फिल्म देखने या फिर विदेश यात्राओं पर निकल जाते हैं। कभी वो नानी से मिलने इटली चले जाते हैं, तो कभी मानसिक तनाव और थकान मिटाने के लिये बैंकॉक-म्यांमार की यात्रा पर निकल जाते हैं। यही नहीं हो बीच-बीच में वो लंदन-न्यूयॉर्क की यात्राओं पर भी गुपचुप तरीके से निकलते रहते हैं।
राहुल के लिये विदेश यात्रा से बढ़कर कुछ भी नहीं
मार्च 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के लिये रणनीति बनानी थी, लेकिन राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ कर कहीं चले गये थे। हालांकि जब भी उनकी ऐसी हरकतों पर सवाल उठने लगते हैं, तो उनकी पार्टी उनका बचाव करने लगती है। जून, 2017 में सहारनपुर और मंदसौर पर सियासी नौटंकी करने के बाद वो अचानक इटली चले गए और कहा कि नानी से मिलने जा रहे हैं। 06 जून, 2017 को पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई, 9 जून को राहुल गांधी मंदसौर में आंदोलनकारियों का समर्थन करने पहुंचे थे। इसके बाद 13 जून को वे अचानक विदेश दौरे पर चले गए।
Will be travelling to meet my grandmother & family for a few days. Looking forward to spending some time with them!
— Office of RG (@OfficeOfRG) 13 June 2017
कहा गया कि वे अपनी नानी से मिलने जा रहे हैं, ननिहाल जाने में कोई बुराई भी नहीं है। अपने रिश्तेदारों से मिलना और बुजुर्ग नानी की सेवा करना तो भारतीय संस्कार और संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन सत्य यही था कि राहुल गांधी 19 जून को अपना जन्मदिन मनाने विदेश गए थे।
60 दिन की लंबी गुपचुप विदेश यात्रा
राहुल की सबसे चर्चित छुट्टी फरवरी, 2015 की थी, जब वो अचानक देश से बाहर चले गए थे और 60 दिन बाद दिल्ली लौटे। बाद में पता चला कि वह बैंकॉक और म्यांमार घूमने गए थे। कहा गया कि मानसिक तनाव से मुक्ति के लिये उन्होंने इन देशों की यात्राएं की हैं। तब का उनका यात्रा विवरण भी दिलचस्प है-
• 16 फरवरी को दिल्ली से बैंकॉक के लिए उड़ान भरा
• 17 फरवरी को बैंकॉक से कंबोडिया गये और वहां 11 दिनों तक ठहरे
• 28 फरवरी को वापस बैंकॉक आ गए
• अगले दिन म्यांमार पहुंच गये और वहां लगातार 21 दिनों तक विश्राम किया
• 22 मार्च को वापस थाइलैंड पहुंचे और अयुथ्या बौद्ध केन्द्र में 9 दिन रहे
• 31 मार्च को वियतनाम पहुंचे और 12 अप्रैल तक वहीं ठहरे
• 12 अप्रैल को एक बार फिर बैंकॉक पहुंच गये और 16 अप्रैल तक वहीं आराम किया। फिर वापस दिल्ली लौट आये।
सवाल इसलिए भी उठने लगते हैं कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी समस्याओं से घिरी हुई है और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। राहुल गांधी परिदृश्य से उसी समय गायब हो जाते हैं जब उनकी जरूरत होती है।
राहुल गांधी की छुट्टियों पर एक नजर –
- 25 अगस्त, 2017 को राहुल गांधी नॉर्वे की राजधानी ओस्लो चले गए। ये दौरा उस वक्त हुआ जब 27 अगस्त को बिहार में विपक्षी एकता की ताकत दिखाने को लालू प्रसाद रैली कर रहे थे। इसी दौर में चीन के साथ डोकलाम विवाद भी चल रहा था ।
- 28 जून, 2017 को राष्ट्रपति पद के लिए नामाकंन करने गई मीरा कुमार के साथ भी राहुल गांधी मौजूद नहीं थे।
- 13 जून,2017 को जब मंदसौर में किसानों का आंदोलन चल रहा था और कांग्रेस पार्टी हमलावर थी तो राहुल गांधी इटली नानी से मिलने चले गए।
- 6 और 9 जनवरी, 2017 को जब कांग्रेस पार्टी देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही थी तो राहुल गांधी विदेश में रहे।
- दिसंबर 2016 में जब कांग्रेस पार्टी नोटबंदी को लेकर विरोध कार्यक्रमों की धार तेज कर रही थी, राहुल ठीक उसी वक्त विदेश चले गए। उनकी गैरमौजूदगी ने विरोध की धार को कुंद कर दिया।
- बीते वर्ष देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का माहौल था। उसी समय राहुल गांधी अपनी खाट सभाओं को छोड़कर नए साल की छुट्टियां मनाने लंदन थे।
- 2015 में भी बिहार चुनाव के ठीक पहले राहुल गांधी फ्रांस में थे।
- राहुल की सबसे चर्चित छुट्टी फरवरी 2015 की थी। बजट सत्र के दौरान वह अचानक देश से बाहर चले गए और जब 57 दिनों बाद दिल्ली लौटे तो पता चला कि वह बैंकाक, म्यामांर घूमने गए थे। उन्होंने ध्यान करना भी सीखा।
- दिसंबर, 2014 में पार्टी स्थापना दिसव पर भी राहुल नदारद थे।
- मई, 2014 को सोनिया गांधी की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आयोजित विदाई भोज में भी राहुल गांधी नहीं दिखे।
- राहुल गांधी नवंबर 2014 में अचानक गायब हो गए थे। सवाल संसद तक में उठा तो कांग्रेस को बचाव में उतरना पड़ा था।
- राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले गुप्त स्थान पर छुट्टियां मनाने चले गए थे। इसी बीच एक खुली जीप पर घूमते राहुल की फोटो सामने आई थी और बताया गया था कि यह रणथंभौर के नेशनल पार्क की है।
- जून, 2013 में जब उत्तराखंड बाढ़ और भू-स्खलन की भारी तबाही झेल रहा था तब भी राहुल विदेशों में आराम फरमा रहे थे। उस समय वहां कांग्रेस की ही सरकार थी।
- 16 दिसम्बर 2012 को हुए निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में दिल्ली और देशभर में छिड़े आंदोलन के बीच भी उनके पास युवाओं की आवाज बनने का मौका था लेकिन उस समय भी राहुल गांधी विदेश दौरे पर थे।
- साल 2012 में हद तब हो गई थी जब वे नए साल की छुट्टियां मनाने फ्रांस चले गए थे जिसमें एक फोटो में वो एक युवती के साथ दिखाई दिए थे।
बिना किसी नेता की पार्टी है कांग्रेस
राहुल के इसी रवैये पर जोरदार हमला बोलते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस बिना नेता की पार्टी है। उन्होंने कहा कि 131 साल पुरानी कांग्रेस अब कोई बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं बन सकती। कांग्रेस को नेतृत्व विहीन पार्टी बताने वाले गुहा इससे पहले भी राहुल गांधी पर तीखे तंज कस चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अजय माकन और दिग्विजिय सिंह जैसे नेता पद से हटाए जा रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी बने हुए हैं। गुहा ने कहा था कि राहुल गांधी को राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए, शादी करके परिवार बसाना चाहिए। यही उनके लिए अच्छा होगा, यही भारत के लिए अच्छा होगा।